रामनगर: जंगली जानवरों से सुरक्षा मामले में सरकार की बेरुखी; 16 जनवरी को धरना-प्रदर्शन की घोषणा

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सरकार जंगली जानवरों के आतंक से त्रस्त जनता की परेशानियों को हल करने की जगह उनकी आवाज का दमन कर रही है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक की घोषणा नहीं हुई पूरी।

रामनगर, नैनीताल। जंगली जानवरों व बंदरों से सुरक्षा तथा जंगली जानवरों के हमले में मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा व घायलों के संपूर्ण इलाज की गारंटी तथा 10 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने आदि की मांगों को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति ने आगामी 16 जनवरी को ढेला रेंज कार्यालय पर धरना प्रदर्शन की घोषणा की है।

ग्राम कानिया चौराहे पर 5 जनवरी को संपन्न हुई संघर्ष समिति की बैठक में ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि विगत 14 दिसंबर को कार्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक ने धरने पर आकर घोषणा की थी कि आदमखोर बाघ को चिन्हित कर लिया गया है और उसे 2 दिन में ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया जाएगा। इसके बावजूद भी आदमखोर बाघ को नहीं पकड़ा गया है। ग्रामीणों ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि सरकार और कॉर्बेट प्रशासन जनता की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में टाइगर, तेंदुए और जंगली सूअर विलुप्त प्रजाति नहीं रह गई है ये अब गांव में ही नहीं बल्कि शहरों में भी आ रहे हैं अतः इनको वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1973 की संरक्षित अनुसूची एक से बाहर किया जाना चाहिए।

समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने कहा कि सरकार जंगली जानवरों के आतंक से त्रस्त जनता की परेशानियों को हल करने की जगह उनकी आवाज का दमन कर रही है।

समिति के सह संयोजक महेश जोशी ने विगत 31 दिसंबर को जंगली जानवरों के आतंक से सुरक्षा को लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीणों की गिरफ्तारियों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि जनता सरकार के दमन और जेल से जनता डरने वाली नहीं है। उन्होंने जनता से 16 जनवरी मंगलवार को दिन में 11 बजे ढेला रेंज कार्यालय पर आयोजित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है।

बैठक में गोविंदा अधिकारी, आनंद नेगी, प्रेम पत्नी, तुलसी जोशी, ललित मोहन पांडे, संजय मेहता, पीसी जोशी, कौशल्या चुनियाल, सरस्वती जोशी, मुनीष कुमार, प्रभात ध्यानी, रोहित रुहेला, किशन शर्मा, कमल नेगी, खेमानंद पंचोली, उमेद सिंह नेगी, मोहन राम, राशिद खान, प्रेम पपने, तुलसी जोशी, दीप पांडे ,गोपाल मेहरा आदि मौजूद रहे।