तमिलनाडु में ईडी अधिकारी 20 लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार, मदुरै ईडी दफ्तर पर छापेमारी

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राजस्थान के बाद तमिलनाडु: बचने के लिए भागते समय उसकी कार व बरामद 20 लाख रुपये जब्त किए गए। साथ ही केंद्रीय एजेंसी द्वारा जारी उसका एक आधिकारिक पहचान पत्र भी बरामद किया गया।

तमिलनाडु के डायरेक्टरेट ऑफ विजिलेंस और एंटी-करप्शन (डीवीएसी) ने ईडी के एक अधिकारी को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। उसने एक डॉक्टर से कार्यवाही को बंद करने के एवज में यह रकम की मांग की गई थी। मामले में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की ओर से पहली बार मदुरै प्रवर्तन विभाग के कार्यालय में छापेमारी से हड़कंप मच गया है।

खबर के अनुसार ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को डीवीएसी ने शुक्रवार को डिंडीगुल में एक डॉक्टर से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। तिवारी अपनी टीम के साथ लोगों को धमकाकर उनके ईडी से जुड़े मामलों को बंद करने के लिए रिश्वत ले रहा था। इससे पूर्व राजस्थान में भी रिश्वत लेते एक ईडी अधिकारी गिरफ्तार हो चुका है।

छापेमारी के चलते सौ से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ ही भारत-तिब्बत अर्धसैनिक बल के 50 सदस्यों को सुरक्षा में लगाया गया है। ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को डिंडीगुल में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के लिए डीवीएसी कार्यालय से ले जाया गया।

यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब तमिलनाडु सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार पर 2024 लोकसभा चुनाव से पहले इसके अधिकारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के ‘उत्पीड़न’ के लिए ईडी और आयकर विभाग का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

क्या है पूरा मामला?

बताया जाता है कि अंकित तिवारी ने डिंडीगुल सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुरेश बाबू को केस से बचाने के लिए तीन करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी और कहा था कि इसे प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दिया जाएगा। बताया जाता है कि डॉ. सुरेश इस पर सहमत नहीं हुए और अंतत: 51 लाख का समझौता हुआ, जिसमें से 20 लाख रुपये उन्होंने पिछले 1 नवंबर को दे दिये।

अंकित तिवारी ने 30 नवंबर को व्हाट्सएप कॉल के जरिए डॉक्टर से बाकी रकम मांगी। इस पर डॉ. सुरेश बाबू ने 30 नवंबर को डिंडीगुल एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में, रिश्वत विरोधी पुलिस द्वारा दी गई सलाह के अनुसार उन्होंने 1 दिसंबर को डिंडीगुल में मदुरै बाईपास रोड पर अधिकारी की कार में 20 लाख रुपये रखे।

इसी दौरान सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय की टीम ने उसे घेर लिया। ईडी अधिकारी ने भागने की कोशिश की, तब डिंडीगुल से मदुरै जाने वाली सड़क पर कोडाई रोड पर टोल गेट को सूचित किए जाने के साथ ही कार जब्त कर ली गई। उसके पास से 20 लाख रुपये जब्त किए गए। उसके पास से केंद्रीय एजेंसी द्वारा जारी किया गया उसका एक आधिकारिक पहचान पत्र भी बरामद किया गया।

प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय में छापेमारी

इसी कड़ी में डिंडीगुल जिले के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के अधिकारियों ने जांच के लिए मदुरै थबल थांथी नगर क्षेत्र में प्रवर्तन विभाग के सहायक जोनल कार्यालय का दौरा किया। प्रवर्तन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे प्रवर्तन विभाग कार्यालय में शीर्ष अधिकारी की अनुपस्थिति में रिश्वत विरोधी विभाग को तलाशी लेने की अनुमति नहीं दे सकते।

मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी काफी देर तक इंतजार करते रहे। तब तक 100 से अधिक पुलिसकर्मी एकत्र हो गए। काफी मशक्कत के बाद अनुमति मिली और भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस मदुरै प्रवर्तन निदेशालय के सहायक क्षेत्रीय कार्यालय में छापेमारी शुरू की।

अंकित तिवारी की गिरफ्तारी तब हुई है जब राज्य सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसी पांच जिला कलेक्टरों को समन जारी करने को लेकर आमने-सामने हैं। यह मामला अवैध रेत खनन से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से जुड़ा हुआ है।

लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्ति पांच साल से अधिक समय से ईडी के साथ काम कर रहा है। केंद्रीय एजेंसी में शामिल होने से पहले उसने बिग फोर अकाउंटिंग फर्मों में से एक में काम किया है।

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