26 नवंबर को महिलाओं के नेतृत्व में इंटरार्क मजदूरों का डीएम आवास पर एक दिनी भूख हड़ताल

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अंबेडकर पार्क रुद्रपुर से जिलाधिकारी आवास तक शांतिपूर्वक पदयात्रा व सामुहिक एकदिवसीय भूख हड़ताल। माँग: राष्ट्रीय लोक अदालत के आदेश लागू करो! श्रमिकों की कार्यबहाली करो!

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा पारित आदेश को लागू करने व श्रमिकों की कार्यबहाली की मांग पर इंटरार्क कंपनी सिडकुल पंतनगर एवं किच्छा के मजदूरों व परिवारों की महिलाओं के नेतृत्व में 26 नवंबर को प्रातः 11 बजे से स्थानीय अंबेडकर पार्क से जिलाधिकारी आवास तक शांतिपूर्वक पदयात्रा निकालने और जिलाधिकारी आवास के पास सामुहिक रूप से एकदिवसीय भूख हड़ताल होगी और प्रशासन को संविधानिक एवं नैतिक कृत्यों का निर्वाह करने की अपील की जाएगी।

ज्ञात हो कि वर्ष 2022 में इन्टरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड सिडकुल पंतनगर एवं किच्छा के मजदूरों ने जुझारू आंदोलन किया था। जिस दौरान रुद्रपुर व किच्छा में कई मजदूर-किसान महापंचायत हुए। मज़दूर परिवार की महिलाओं के जुझारू प्रदर्शन, बाल सत्याग्रह आदि हुए थे।

अंततः जिलाधिकारी उधमसिंह नगर द्वारा अपर जिलाधिकारी जयभारत सिंह की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कमेटी की मध्यस्थता में दिनांक 15/12/2022 को प्रबंधन एवं श्रमिक प्रतिनिधियों के मध्य त्रिपक्षीय समझौता संपन्न हुआ था।

समझौते के तहत आंदोलन के दौरान निलंबित सभी 64 मजदूरों की कार्यबहाली करने और उनमें से जिन 34 मजदूरों की घरेलू जांच के दौरान एवं जांच के पश्चात बर्खास्त नहीं किया जायेगा। किन्तु इन्टरार्क मालिक द्वारा 34 मजदूरों में से अब तक 11 मजदूरों को नौकरी से बर्खास्त कर समझौते को तार-तार कर दिया गया है। न्यायालय के आदेशों के बावजूद समझौते के अनुरूप 3 माह ओडी से लौटने पर 34 श्रमिकों को काम पर न लेना, वेतन वृद्धि का लाभ न देना आदि मनमानी जारी है। 

इंटरार्क मजदूर संगठन पंतनगर व किच्छा के प्रतिनिधियों ने बताया कि माननीय राष्ट्रीय लोक अदालत, पीठ संख्या -09 द्वारा वाद संख्या -25/2022 पर पारित आदेश दिनांक 11/02/2023 को लागू करने की मांग को लेकर इंटरार्क कंपनी सिडकुल पंतनगर एवं किच्छा जिला उधमसिंह नगर (उत्तराखंड) में कार्यरत मजदूर एवं उनके परवारों की महिलाएं विगत लंबे समय से आंदोलित हैं। किंतु 9 महीने बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन एवं श्रम विभाग द्वारा उक्त आदेश को लागू नहीं कराया जा रहा है।

राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा अपने उक्त आदेश में जिला प्रशासन की मध्यस्थता में संपन्न हुए त्रिपक्षीय समझौता दिनांक 15/12/2022 पर 7A/3,7A/4 एवं 7A/5 अंकित करके उसे अपने उक्त आदेश का भाग बनाया गया है। जिसके बिंदू संख्या – (3) में स्पष्ट रूप से दर्ज है कि आंदोलन के दौरान  निलंबित 64 मजदूरों में से जिन 34 मजदूरों की घरेलू जांच कराई जाएगी उन्हें जांच के दौरान एवं पश्चात नौकरी से बर्खास्त नहीं किया जायेगा।

किंतु कंपनी प्रबंधन द्वारा उक्त 34 मजदूरों में से 11 मजदूरों की एकतरफा घरेलू जांच कार्यवाही करके उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। और शेष मजदूरों की अब तक भी मूल नियोजक कंपनी में कार्य बहाली नहीं की है। यह राष्ट्रीय लोक अदालत के आदेश की घोर अवमानना है। इसके अलावा राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा 12 अन्य अलग अलग आदेशों में भी उक्त समझौते को अपने आदेशों का भाग बनाया गया है।

प्रबंधन व श्रमिक दोनों पक्षों की पूर्ण सहमति के पश्चात माननीय राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा पारित उक्त 13 अलग अलग आदेशों के बावजूद भी इंटरार्क कंपनी प्रबंधन द्वारा उक्त आदेशों को लागू नहीं किया जा रहा है।और जिला प्रशासन द्वारा उन्हें लागू नहीं कराया जा रहा है।

जबकि भारतीय संसद द्वारा पारित कानून विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 में स्पष्ट रूप से दर्ज है कि लोक अदालतों द्वारा पारित आदेशों को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है और ऐसे आदेश दोनों पक्षों पर बाध्यकारी होंगे। भारतीय संविधान में भी यही बात दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट ने भी समय समय पर ऐसे ही कई आदेश पारित किए हैं।

उक्त गैरकानूनी कृत्यों पर रोक लगाकर अपने संवैधानिक एवं नैतिक कर्तव्यों का पालन करने के स्थान पर जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है और उक्त अविधिक कृत्यों में स्वयं भी लिप्त हो गया है। इस गैरकानूनी और अनैतिक कृत्यों में लिप्त इंटरार्क कंपनी प्रबंधन को पूरी तरह से संरक्षण दे रहा है।

ऐसी स्थिति में पीड़ित मजदूरों के परिवारों की महिलाओं के नेतृत्व में दिनांक 26/11/2023 दिन रविवार को प्रातः 11 बजे से अंबेडकर पार्क रुद्रपुर से जिलाधिकारी आवास रुद्रपुर तक शांतिपूर्वक पदयात्रा निकाली जाएगी और जिलाधिकारी आवास के पास सामुहिक रूप से एकदिवसीय भूख हड़ताल की जाएगी और उन्हें अपने उक्त संविधानिक एवं नैतिक कृत्यों का निर्वाह करने की अपील की जाएगी।