राजस्थान में बर्बरता: जून में बीकानेर में एक 20 वर्षीय दलित महिला का रेप के बाद हत्या, अगस्त में भीलवाड़ा में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार कर हत्या हुई थी।
महिलाओं के साथ बढ़ती शर्मनाक घटनाओं के बीच एक और वीभत्स घटना सामने आई है। राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के धरियावद के पहाड़ी गाँव में पूर्व पति ने ही गांव वालों के सामने 21 वर्षीय युवती को नंगा करके एक किमी तक दौड़ाया। संवेदनहीनता इतनी कि लोग तमाशबीन बने रहे।
31 अगस्त को हुई इस घटना का वीडियो बीते शुक्रवार (1 सितंबर) रात सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वायरल वीडियो में वह जोर-जोर से चीख रही है और छोड़ देने की गुहार लगा रही है। इस दौरान गांव के कई लोग सिर्फ़ देखते रहे और वीडियो बनाते रहे, लेकिन किसी ने पति को रोका नहीं। महिला छह महीने की गर्भवती है।
महिला की शादी डेढ़ साल पहले ही इस गांव के युवक के साथ हुई थी। शादी के छह महीने बाद महिला पड़ोस के गांव ऊपला कोटा के एक युवक के साथ चली गई थी। महिला साल भर बाद 30 अगस्त को जब युवक के साथ वापस लौटी, तो उसके ससुराल वाले उसे जबरन अपने गांव पहाड़ा ले आए। जहाँ पूर्व पति ने गांव वालों के सामने ही उसके कपड़े उतारे और निर्वस्त्र कर घुमाया।

पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इस संबंध में युवती के पति समेत आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए गए अपराधियों में एक किशोर और अपराध के गवाह तीन लोग शामिल हैं।
प्रतापगढ़ के एसपी अमित कुमार बुडानिया ने शनिवार को बताया कि युवती का पति और ससुराल का परिवार उससे नाराज था, क्योंकि वह कुछ समय से किसी दूसरे आदमी के साथ रह रही थी।
पुलिस के अनुसार उसका पति अपने सहयोगियों के साथ उस स्थान पर पहुंचा, जहां युवती दूसरे व्यक्ति के साथ रह रही थी। उसका अपहरण कर लिया और उसके कपड़े उतारकर गांव में घुमाया। युवती और आरोपी दोनों आदिवासी समुदाय से हैं।
पुलिस के अनुसार युवती की पहले किसी अन्य पुरुष से शादी हुई थी। इसके बाद ‘नाता प्रथा’ के तहत वह एक दूसरे आदमी (दूसरा पति) के साथ रहने लगी, जो इस मामले में मुख्य आरोपी है। महिला अब तीसरे आदमी के साथ रह रही थी, जिससे उसका दूसरा पति नाराज हो गया और उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया। मामले में लगभग 12-13 आरोपी हैं, जिनमें से 10 आरोपी नामजद हैं।
इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (जान-बूझकर चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना), 354बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 294 (अश्लील हरकतें और गाने), 365 (किसी व्यक्ति को गुप्त रूप से और गलत तरीके से कैद करने के इरादे से अपहरण या अपहरण करना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर अपमान), 506 (आपराधिक धमकी), और 498ए (किसी महिला के पति या पति के रिश्तेदार द्वारा उसके साथ क्रूरता) के साथ महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम और आईटी अधिनियम की धारा 67ए के तहत केस दर्ज किया गया है।
धरियावद गेस्ट हाउस में सीएम अशोक गहलोत ने पीड़िता से मुलाकात करके 10 लाख रुपये नगद और सरकारी नौकरी की घोषणा की है। साथ ही मामले में सख्त कार्रवाई की बात करते हुए कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार कर फास्ट-ट्रैक अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा।
लेकिन इससे सरकार अपनी नाकामी छुपा नही सकती है। बीते दिनों राजस्थान में बर्बरता की कई घटनाएं सामने आईं हैं। जून में बीकानेर में एक 20 वर्षीय दलित महिला का रेप के बाद हत्या हुई थी, अगस्त में भीलवाड़ा में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार कर हत्या हुई थी।
महिलाओं के साथ हिंसा आज समाज में भयावह रूप ले चुका है। पूँजी की निर्मम सत्ता ने आमजन तक को संवेदनहीन और निरंकुश बनाया है। इसने आपराधिक मानसिकता बनाई है, जो ऐसी वीभत्स घटनाओं को अंजाम देने तक पहुँचा रही है। यह आज समाज के लिए बड़ी चुनौती है।