कुरुक्षेत्र: सामाजिक भाईचारे को बिगाड़ने के कुप्रयासों के खिलाफ सांप्रदायिक सद्भाव मार्च

भारत के राष्ट्रपति व चीफ जस्टिस के नाम उपायुक्त के मार्फत भेजा ज्ञापन। नूंह (मेवात), गुरुग्राम आदि में हुई सांप्रदायिक हिंसा की निष्पक्ष जांच, दोषियों पर कार्रवाई की माँग।
कुरुक्षेत्र (हरियाणा)। जन संघर्ष मंच हरियाणा के आह्वान पर आज 7 अगस्त को प्रदेश में बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद जैसी फासीवादी ताकतों द्वारा सामाजिक भाईचारे को बिगाड़ने के कुप्रयासों के खिलाफ सांप्रदायिक सद्भाव मार्च निकाला गया।
सद्भावना मार्च कुरुक्षेत्र के थानेसर शहर में जाट धर्मशाला से बिरला मंदिर मेन बाजार से होते हुए पुराना बस स्टैंड तक निकला और राष्ट्रपति भारत सरकार, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के नाम उपायुक्त कुरुक्षेत्र श्री शांतनु शर्मा को ज्ञापन सौंपा गया। इन दोनों ज्ञापनों की एक-एक प्रति उपायुक्त महोदय व पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र को भी दी गई।

मंच महासचिव सुदेश कुमारी ने कहा कि हरियाणा के जिला नूंह में गत 31 जुलाई 2023 को व इसके बाद गुरुग्राम आदि जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी; इस हिंसा में दो होमगार्ड जवान समेत 6 व्यक्ति मौत के घाट उतार दिये गये व आगजनी लूटपाट की गई।
कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी ताकतों बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद व तथाकथित गौ-रक्षक दल द्वारा नूंह में कई हजार लोगों को बाहर से बुलाकर इकट्ठा किया गया और हाथों में खतरनाक हथियार लहराते हुए धर्म के नाम पर भड़काऊ नारे लगाते हुए ब्रजमंडल यात्रा निकाली गई जिससे हिंसा भड़क गई।
दो निर्दोष मुस्लिम युवकों की भिवानी में जिंदा जलाकर निर्मम हत्या करने में नामजद भगोड़ा अपराधी बजरंग दल का नेता मोनू मानेसर व उसके समर्थकों बिट्टू बजरंगी आदि ने इस ब्रजमंडल यात्रा से चार-पांच दिन पहले से लगातार मुस्लिम समुदाय को ललकारते हुए उकसाने वाली गालियां कि तुम्हारे जीजा जी बसें लेकर तुम्हारे यहां ब्रज मंडल यात्रा में शामिल होने आ रहे हैं…. फूलों का हार तैयार रखना आदि कहते हुए ब्रजमंडल यात्रा में शामिल होने की धमकी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए। मुस्लिम समुदाय के सम्मान पर चोट की गई जिससे काफी तनाव बढ़ गया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ वहां के स्थानीय दोनों समुदाय के लोगों ने नूंह प्रशासन से मिलकर अनुरोध किया था कि इन वीडियोज को सोशल मीडिया से हटाया जाए व वायरल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए, तनाव को कम किया जाए।
परंतु भाजपा सरकार व संघ का उद्देश्य भारत के लोकतंत्र को खत्म कर हिंदू-राष्ट्र स्थापित करना है। 2024 के लोकसभा, विधानसभा चुनाव जीतने का है इसलिए बहुसंख्यकवादी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति के तहत भाजपा सरकार व नूंह प्रशासन ने नफरती भाषण वाले वायरल वीडियो सोशल मीडिया से नहीं हटाए इनको वायरल करने वाले विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के इन अपराधी तत्वों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और न ही तनाव को दूर करने का प्रशासन ने कोई प्रयास किया।
इस नफरती उकसावे के चलते वहां सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई जिससे भारी जान माल का नुकसान हुआ। यदि प्रशासन व सरकार समय रहते कार्रवाई करते तो नूंह में यह हिंसा कभी नहीं होती। मेवात के लोग आपस में सांप्रदायिक सौहार्द के साथ रहना चाहते हैं, वहां के स्थानीय मुस्लिम लोगों ने हिंदू लोगों को बचाने का काम किया और अभी भी हिंदू मंदिरों की सुरक्षा करने के लिए मंदिरों के आगे मुस्लिम लोग पहरा दे रहे हैं और इस सांप्रदायिक हिंसा की निंदा कर रहे हैं।
मेवात में कभी पहले सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई यहां तक कि 1947 में भी यहां कोई हिंसा नहीं हुई। गुरुग्राम के भाजपा सांसद व केन्द्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी सवाल उठाए हैं कि मंदिर की शोभा यात्रा में शामिल होने वालों को पुलिस ने हथियार लेकर आने की इजाजत क्यों दी? गृह मंत्री अनिल विज ने अपराधी भगोड़े मोनू मानेसर का बचाव करते हुए कहा कि इस हिंसा में मोनू मानेसर की कोई भूमिका नहीं उसने तो यात्रा में शामिल होने के बारे में कहा था। यात्रा से 10 दिन पूर्व सीआईडी ने भी मुख्यमंत्री को इस यात्रा से अशांति फैलने की आशंका से आगाह किया था।
खुफिया तन्त्र होने व इतना सब कुछ के बावजूद भी क्या सरकार हिंसा के लिए जवाबदेय नहीं है? तथ्यों से यह पूरी तरह साबित होता है कि हरियाणा की भाजपा सरकार नूंह में सांप्रदायिक हिंसा भड़का कर सारे हरियाणा में सांप्रदायिक दंगे भड़काने का मंसूबा पाले हुए हैं और बहुसंख्यक हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है।
इसलिए अब हरियाणा के दूसरे जिलों में भाजपा, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल आदि बुलडोजर को फूल मालाओं से सजाकर मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ नफरती भड़काऊ नारे लगाते हुए जगह-जगह जुलूस निकाल रहे हैं, हेट स्पीच दे रहे हैं और आतंक फैला रहे हैं।
सुदेश कुमारी ने कहा कि कुरुक्षेत्र में गत 2 अगस्त से लगातार विश्व हिंदू परिषद-बजरंग दल आदि हिंदुत्ववादी कट्टरपंथी ताकतों ने मिलकर बुलडोजर को फूल मालाओं से सजाकर कुरुक्षेत्र शहर में डीसी ऑफिस तक जुलूस निकाला। इन कट्टरपंथी ताकतों ने पुलिस की हाजिरी में छोटा-मोटा काम करने वाले, नारियल, फल, सब्जी आदि बेचकर गुजर बसर करने वाले अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के गरीब लोगों की रेहडियो व सामान उठवा दिया और आतंकित किया। खुलेआम सड़कों व कुरुक्षेत्र डीसी एसपी ऑफिस पर हेट स्पीच दी और नारे लगाए कि “मुल्लों को गोली मारो….. (गाली देते हुए) को”, “जब मुल्ले काटे जाएंगे राम-राम चिल्लाऐगे” आदि आदि।
हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों ने मुस्लिम लोगों को बाहरी कहते हुए 48 घंटे के अंदर-अंदर कुरुक्षेत्र शहर को छोड़कर भागने वर्ना मार-मार कर भागने का यह भी अल्टीमेटम दिया, मुस्लिमों का आर्थिक व सामाजिक बहिष्कार करने, समान न खरीदने, किराये पर मकान न देने का आह्वान किया। अफवाह फैलाई कि मुस्लिम लोग फ्रूट में जहर के टीके लगाते हैं और थूकते हैं जो अत्यन्त निन्दनीय है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह पिहोवा गु़रुग्राम, पलवल, हिसार, हांसी, करनाल, टोहाना, पानीपत व अन्य अनेक स्थानों में कट्टरपंथी ताकतों ने नफरती डरावने प्रदर्शन किए हैं। मेवात को छोड़कर बाकी जगह हरियाणा में मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय है। कुरुक्षेत्र व अन्य जगहों पर फुटपाथ पर मुस्लिमों की रेहडियां, छोटी मोटी दुकानें उजाड़ दी गई हैं।
कुरुक्षेत्र पुलिस प्रशासन को इसका जवाब देना चाहिए कि मुस्लिम समुदाय के मेहनत मजदूरी करने वाले ये गरीब लोग क्या करें? और कहां जाए? क्या ये भारत के नागरिक नहीं है? यह कैसा कानून का राज हरियाणा में चल रहा है? सीएम खट्टर बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना बयान देते हैं कि हमारी सरकार के पास इतनी पुलिस फोर्स नहीं है कि सबकी रक्षा कर सकें। ऐसी सरकार को जो लोगों की सुरक्षा नहीं कर सकती सत्ता में रहने का कोई हक नहीं।
देश की सर्वोच्च अदालत ने निर्देश दिए हुए हैं कि हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन कुरुक्षेत्र व अन्य जिलों में नफरती जुलूस इन कट्टरपंथी ताकतों द्वारा सरेआम निकाले जा रहे हैं जिसके प्रमाण वीडियो के तौर पर सोशल मीडिया पर मौजूद है। कई वीडियो मंच के साथियों ने खुद देखी हैं और प्रदर्शन भी देखे हैं लेकिन विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल व तथाकथित गौ-रक्षक दल के लोगों के खिलाफ ना कोई एफआईआर हुई है और ना ही कोई गिरफ्तारी हुई है। सोशल मीडिया पर पर चल रहे ये नफरती वीडियो इंसानियत को तार-तार करते हुए बर्बर युग की याद दिला रहे हैं।
संविधान में भारत में रहने वाले हर नागरिक को देश के किसी भी कोने में जाकर रहने, बसने, व्यवसाय करने, घूमने फिरने, सम्मान से जीने की आजादी का मौलिक अधिकार है। लेकिन इन मौलिक अधिकारों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिस तरह से मणिपुर राज्य साम्प्रदायिक हिंसा की आग में जल रहा है हरियाणा को भी उसी तरफ धकेलने की इन हिन्दुत्ववादी कट्टरपंथी फासीवादी ताकतों व भाजपा सरकार द्वारा कोशिश की जा रही है जो कि बहुत चिंता का विषय है।

मंच के प्रान्तीय प्रधान श्री फूल सिंह जी ने कहा कि सरकार व पुलिस प्रशासन नूंह में एकतरफा अन्यायपूर्ण मुस्लिमों पर कार्यवाही कर रहा है। उनके सैंकड़ों मकान दुकाने आदि को बुलडोजर से गिराया जा रहा है और धड़ल्ले से निर्दोष लोगों की गिरफ्तारियां की जा रही हैं। दूसरी तरफ उकसाने वाली वीडियो डालने वाले हत्या में नामजद भगोड़ा बजरंग दल, गो रक्षक दल का मोनू मानेसर, बिट्टू बजरंगी व विश्व हिंदू परिषद के नफरती भाषण, सांप्रदायिक हिंसा के जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, जोकि सरासर गलत है।
भारत के चीफ जस्टिस व राष्ट्रपति महोदया जी से मांग की कि-
- नूंह (मेवात), गुरुग्राम आदि में हुई सांप्रदायिक हिंसा की निष्पक्ष जांच करवायी जाए।
- साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने वाले विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल आदि कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
- नूंह मेवात गुरुग्राम आदि क्षेत्र में साम्प्रदायिक दंगे फैलाने के जिम्मेदार सभी दोषियों और अफ़वाहें फ़ैलाकर जनता को भड़काने वाले साम्प्रदायिक तत्त्वों की पहचान करके उन्हें तुरन्त गिरफ्तार किया जाए।
- जघन्य हत्या आरोपी मोनू मानेसर, बिट्टू बजरंगी और उनकी गुंडा टीम को तुरंत गिरफ़्तार किया जाए।
- सांप्रदायिक हिंसा में पीड़ित लोगों के हुए जान माल के नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए।
- कुरुक्षेत्र व अन्य जगहों पर मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को गोली, मारने, आर्थिक व सामाजिक बहिष्कार करने, उनके सामान को लूटने, रेहडियों को तोड़ने, आतंकित करने, व भगाने उनके खिलाफ अफवाह फैलाने वाले विश्व हिंदू परिषद-बजरंग दल व अन्य संघ परिवार के नफरती नेताओं के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करके सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
- ‘बुलडोजर न्याय’ पर रोक लगाई जाए।
- हथियारबंद प्रदर्शनों जुलूसों यात्राओं पर प्रतिबंध लगाया जाए।
- विश्व हिंदू परिषद ,बजरंग दल आदि साम्प्रदायिक फासीवादी संगठनों के हथियारों को तुरन्त जब्त किया जाए।
- हेट स्पीच के बारे में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेशों की अवमानना करने वाले पुलिस अधिकारियों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
- अल्पसंख्यकों, दलितों महिलाओं की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाए़ं और हर व्यक्ति के मौलिक अधिकारों की रक्षा की जाए।
इस मार्च में नागरिक समाज से श्री दीपक कुमार, मंच की राज्य कार्यकारिणी सदस्य कविता विद्रोही, चन्द्र रेखा, ऊषा कुमारी ने अपने वक्तव्य रखे।
सद्भाव मार्च में करनैल सिंह, जोगिंदर सिंह, मेवा राम,जय प्रकाश, सतीश, गोपी, नरेश कुमार, संसार चंद्र, सुनेहरा, रामेश्वर सुरेन्द्र, कर्मजीत, प्रतिमा, पूजा, राधिका, कोमल, वन्दना सरोज, संतोष , मीना, नीलम सीमा, सन्तोष रिटायर्ड सुपरवाइजर, बबली आदि अन्य साथियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।