कोल इंडिया श्रमिकों के वेतन समझौते के खिलाफ अधिकारियों को कोर्ट से नहीं मिला स्टे

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कोयला श्रमिकों का वेतन समझौता जनवरी में हुआ था, लेकिन कोयला मंत्रालय से अब मिली मंजूरी। अधिकारियों से हाईकोर्ट ने कहा- मज़दूरों की वेतन बढ़ोत्तरी रोकना दुराग्रह से ग्रसित है।

कोल इंडिया लिमिटेड में काफी संघर्षों के बाद हुए समझौते को अंततः केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई। लेकिन अधिकारियों को यह बात रास नहीं आई, क्योंकि उनको भय है कि श्रमिकों का वेतन अधिकारियों से अधिक कैसे हो! अधिकारियों ने हाईकोर्ट में रिट दायर की लेकिन उनको कोई राहत नहीं मिली।

सोमवार को बिलासपुर हाईकोर्ट ने कोयला वेतन समझौता 11 के एमओयू के तहत नए वेतनमान के भुगतान पर स्टे देने की मांग वाले आवेदन को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि यह आवेदन दुराग्रह से ग्रसित है। न्यायालय ने अगली सुनवाई की तिथि 4 सितंबर तय की है।

अदालत ने वेतन भुगतान पर रोक लगाने से किया इनकार

उच्च न्यायालय ने कोयला श्रमिकों के बढ़े हुए वेतन भुगतान पर रोक लगाने से मना कर दिया है। अदालत ने अधिकारियों के आवेदन पर कहा कि मजूदरों के वेतन से आपको क्या लेना-देना है। मजदूरों का भुगतान क्यों रोकना चाहते हैं, यह दुराग्रह से ग्रसित है।

न्यायाधीश पीएस कोशी ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप तो जेबीसीसीआई में शामिल भी नहीं हैं। यह मजदूरों की वेतन बढ़ोतरी का मामला है और आपको क्या परेशानी है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इससे वेतन विसंगति की स्थिति बन गयी है।

इस पर अदालत ने कहा कि वेतन समझौते पर स्टे नहीं होगा, हम आपकी पूरी बात सुनेंगे। अगली सुनवाई चार सितंबर को होगी।

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जनवरी में हुआ था समझौता

कोल इंडिया के श्रमिकों के लिए 19 प्रतिशत एमजीबी पर 3 जनवरी को ही यूनियन व प्रबंधन के बीच सहमित बन गई थी। लेकिन केंद्र सरकार के कोयला मंत्रालय की डीपीई द्वारा इसे मंजूरी नहीं दी गई थी।

दरअसल, 24 नवंबर, 2017 को जारी एक आफिस मेमोरेंडम के तहत कामगारों का वेतन अधिकारी वर्ग से अधिक नहीं होना चाहिए। इसी बहाने समझौता अटका रहा। उसी प्रकरण के तहत कोर्ट में भी मामला पहुँच गया।

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मई में पुनः सहमति, कोयला मंत्रालय की मिली मंजूरी

अंततः कोल इंडिया लिमिटेड के गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के लिए यह समझौता मई में कोयला उद्योग के लिए ज्‍वाइंट बायलिटरल कमेटी (जेबीसीसीआई)-XI की ओर से किया गया, जिसमें सीआईएल प्रबंधन, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) व पांच केंद्रीय ट्रेड यूनियनों- बीएमएस, एचएमएस, एआईटीयूसी, सीटू, माइन वर्कर्स फेडरेशन (आईएनएमएफ) और इंडियन नेशनल के प्रतिनिधि शामिल थे।

वेतन संशोधन समझौते को मंजूरी देते हुए पिछले सप्ताह कोयला मंत्रालय ने कहा कि उसने कोल इंडिया लिमिटेड के गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए मजदूर संगठनों के साथ हुए समझौते को मंजूरी दे दी है।

यह समझौता एक जुलाई, 2021 से परिलब्धियों पर न्यूनतम गारंटीकृत लाभ का 19 प्रतिशत – मूल, परिवर्तनीय महंगाई भत्ता (वीडीए), विशेष महंगाई भत्ता (एसडीए) और उपस्थिति बोनस – के अलावा भत्तों में 25 प्रतिशत वृद्धि का प्रावधान करता है।

इस समझौते से सीआईएल और एससीसीएल के लगभग 2.81 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा, जो एक जुलाई, 2021 को कंपनी के वेतनमान पर थे। सीआइएल ने 1 जुलाई, 2021 से 31 मार्च 2023 तक प्रभावी 21 महीने की अवधि के लिए 9,252.24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

सरकार की ओर से वेतन में इजाफे की मंजूरी के बाद कर्मचारियों में खुशी की लहर है। कर्मचारी काफी समय से वेतन में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे थे। लेकिन अधिकारी इससे खफा हैं।

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एरियर भुगतान होगा लेकिन भत्तों का नुकसान

कोयला कर्मियों को मूल वेतन में बढ़ोतरी का एरियर भुगतान के रूप में मिलेगा। भत्ता बढ़ोतरी का एरियर भुगतान नहीं दिया जाएगा। भत्ता बढ़ोतरी का लाभ कोयला कर्मियों को वेतन बढ़ोतरी के वेतन जिस माह से मिलती है, उसी माह से मिलता है।

कर्मियों को कहना है कि इससे काफी नुकसान होगा। प्रबंधन को अपनी पुरानी नीति में बदलाव करना चाहिए। यूनियन को भी इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है।

कोयला अधिकारियों ने मंत्रालय से की पे स्केल देने की मांग

इधर अधिकारियों के इस रवैये से कोयला सेक्टर पर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। कोयला अधिकारियों ने महारत्न के पे स्केल देने की मांग कोयला मंत्रालय से की है। जो कोल इंडिया में विचाराधीन है। इसे लेकर कोल माइंस अफसर एसोसिएशन ने मांग पत्र सौंपा था। तत्कालीन कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने अपनी सहमति प्रदान की थी।

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कोल इंडिया लिमिटेड महारत्न कंपनी

कोल इंडिया लिमिटेड सरकार की महारत्न कंपनियों में से एक है। नवंबर 1975 में सरकार ने इसकी स्थापना की थी। कि वर्तमान में सीआईएल दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है। सीआईएल भारत के आठ राज्यों में फैले 84 खनन क्षेत्रों में अपनी सहायक कंपनियों के साथ काम करती है।

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