फ्रांस : 17 वर्षीय डिलीवरी किशोर की पुलिस द्वारा हत्या के खिलाफ जनता का प्रदर्शन हुआ तेज

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जनता सड़कों पर लगातार लड़ रही है। उधर राष्ट्रपति का एक कॉन्सर्ट में मौज मनाने पर जनता में आक्रोश बढ़ा। इन हालात में राष्ट्रपति को जर्मन राजकीय यात्रा स्थगित करनी पड़ी।

फ्रांस में 17 साल के नाहेल की पुलिस द्वारा हत्या के बाद चौथे दिन भी प्रदर्शन जोरों पर है। इस बीच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का ब्रिटिश सिंगर एल्टन जॉन के कॉन्सर्ट में मौज करने का वीडियो सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। बदलते हालात में राष्ट्रपति ने जर्मनी की अपनी राजकीय यात्रा स्थगित कर दी।

दरअसल, राजधानी पेरिस के उपनगर नानतेरे में मंगलवार को ट्रैफिक नियम तोड़ने के कथित आरोप में ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने एक किशोर नाइल को गोली मार दी। इससे उसकी मौत हो गई। नाइल को पॉइंट ब्लैंक रेंज से छाती में गोली मारी गई।

पुलिस ने दावा किया कि किशोर ने पुलिसकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने गोली चलाई। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों ने इस पुलिसिया कहानी का खण्डन किया। घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस का दावा गलत निकला। दोषी पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पिछले कुछ वर्षों में पुलिस द्वारा समूचे फ्रांस में कई निर्दोष लोगों की हत्यायें की गयी हैं। इसीलिए जब एक और हत्या की खबर सामने आयी तो लोगों का गुस्सा उफन कर सड़कों पर फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने जगह-जगह तोड़फोड़ व आगजनी भी की। चौथे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा।

राष्ट्रपति के मौज मनाने से नाराजगी बढ़ी

इस बीच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का ब्रिटिश सिंगर एल्टन जॉन के कॉन्सर्ट में मौज मनाने का वीडियो सामने आने के बाद उनकी आलोचना हो रही है। लोग नाराज हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इसे राष्ट्रपति का गैर-जिम्मेदाराना रवैया बताया।

सीएनएन के मुताबिक, बुधवार को पेरिस में एल्टन का एक कॉन्सर्ट था। मैक्रों वहां अपनी पत्नी के साथ नजर आए। एल्टन के पति ने मैक्रों के साथ बैकस्टेज ली गई एक फोटो भी पोस्ट की।

राष्ट्रपति का जर्मन दौरा रद्द

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने फ्रांस में अशांति के कारण रविवार से शुरू होने वाली जर्मनी की अपनी राजकीय यात्रा स्थगित कर दी है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब फ्रांस में विद्रोह की चौथी रात के दौरान 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

प्रदर्शन हुआ तेज, जनता सड़कों पर

नाइल की हत्या के बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों के हाथों में ‘पुलिस की हत्या’ लिखी तख्तियां थी। प्रदर्शनकारी नाइल की मौत के लिए देश में नस्लीय पूर्वाग्रह को जिम्मेदार मान रहे हैं। यही कारण है कि देश में विरोध भड़क गया और सैकड़ों सरकारी इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई।

आक्रोशित जनता के प्रदर्शन लगातार जारी हैं। वे पुलिस को अधिक जवाबदेह बनाने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनों के दबाव में राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रां को सामने आना पड़ा व पुलिस की बर्बरता की निन्दा करनी पड़ी। राष्ट्रपति ने कहा कि इस घटना से पूरा देश हिल गया है।

देशभर में प्रदर्शनों व तोड़फोड़-आगजनी का सिलसिला तेज होता जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने 2 हजार से ज्यादा कारें जला दी हैं। फ्रांस में फैली हिंसा बेल्जियम तक पहुंच गई है। उधर, नाहेल की मां ने बताया कि बेटे का अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा।

अब तक 1,311 लोगों को गिरफ्तार किया गया

फ्रांसीसी सरकार का कहना है कि किशोर की हत्या के बाद चौथी रात हुए दंगों में 1,311 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 200 से अधिक पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं। रॉयटर्स के मुताबिक हालात काबू में करने के लिए 45 हजार पुलिसकर्मियों के साथ बख्तरबंद गाड़ियों को सड़कों पर तैनात कर दिया गया है।

सरकार के दमनकारी प्रावधान जिम्मेदार

दरअसल, पुलिस की बढ़ती ज्यादती के पीछे सरकार द्वारा दमनकारी प्रावधान बढ़ाना, पुलिस को अधिक अधिकार देना व लोगों के अधिकारों में कटौती मुख्य करण हैं। अकेले पिछले वर्ष केवल ट्रैफिक नियम तोड़ने को लेकर 13 लोगों की पुलिस द्वारा हत्या की गयी।

उल्लेखनीय है कि मैक्रों सरकार की जनविरोधी नीतियों और दमन के खिलाफ फ्रांस की जनता लगातार सड़कों पर उतार रही है।

2010 के मध्य में शुरू होने वाले संघर्षों में नोट्रे-डेम-डेस-लैंड्स में हवाईअड्डा निर्माण परियोजना के खिलाफ लड़ाई, श्रम कानून के खिलाफ संघर्ष जिसने रोजगार अनुबंधों को और अधिक अनिश्चित बना दिया, येलो वेस्ट आंदोलन, लैंगिक हिंसा और लैंगिक असमानताओं के खिलाफ नारीवादी लामबंदी, 2019–20 का पेंशन सुधार के खिलाफ आंदोलन, और सभी पुलिस अपराधों (विशेष रूप से नस्लवाद विरोधी) और राज्य हिंसा के खिलाफ संघर्ष महत्वपूर्ण रहे हैं।

एकबार फिर दमन के खिलाफ जनता सड़कों पर है, दमन के बावजूद जुझारू तरीके से लड़ रही है।