संघर्षरत कुश्ती खिलाड़ियों के पक्ष में देशव्यापी विरोध; भाजपा सांसद बृजभूषण की रैली हुई रद्द

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कैसा रहा देशव्यापी विरोध? क्यों रद्द हुई बाहुबली भाजपा सांसद की रैली? पूरे देश में किसानों, मज़दूरों, संवेदनशील जनता से लेकर अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों क्या बोले? आइए जानें…

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 1 जून को मुजफ्फरनगर में खाप पंचायत सहित देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान भाजपा की तानाशाही के विरोध के साथ यौन उत्पीड़न का विरोध कर रहे पहलवानों को न्याय देने और आरोपी बाहुबली भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को तत्काल गिरफ्तार करने की जोरदार माँग हुई।

पूरे देश में बढ़ते विरोध और भारतीय महिला कुश्ती खिलाड़ियों के प्रति सत्ताधारी मोदी सरकार की क्रूरता, तानाशाही और भाजपा की छीछालेदर के बीच भाजपा हाईकमान के निर्देश पर आज बाहुबली भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को 5 जून को होने वाली प्रस्तावित रैली रद्द करनी पड़ी है।

पटना, बिहार में प्रदर्शन

उधर आज कुश्ती खिलाड़ियों के समर्थन में कुरुक्षेत्र में हुई किसान पंचायत में बड़ा फैसला लिया गया। पंचायत ने बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार कराने के लिए सरकार को 9 जून तक का अल्टीमेटम दिया है।

जनआन्दोलन बन रही कुश्ती खिलाड़ियों की आवाज़

भारतीय कुश्ती संघ का पूर्व अध्यक्ष, बाहुबली भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के यौन उत्पीड़न के खिलाफ लंबे समय से संघर्षरत भारतीय महिला कुश्ती खिलाड़ियों के प्रति मोदी सरकार की क्रूरता, जिसने उन्हें अपने पदकों को गंगा नदी में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार जाने के लिए मजबूर किया, के खिलाफ पूरे देश में संवेदनशील जनता के बीच आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

इस आलोक में संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी विस्तारित समन्वय समिति की एक तत्काल बैठक आयोजित की। एसकेएम द्वारा 1 जून और 5 जून को देशव्यापी आंदोलन के आह्वान पर 1 जून को पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन हुए, पुतले जलाए गए और कई जगहों पर ज्ञापन दिया गया।

5 जून को बाहुबली भाजपा सांसद बृजभूषण के अयोध्या में शक्ति प्रदर्शन होनी थी, जिसमें साधु-संतों के जुटने की घोषणा थी। इसी के मद्देनज़र एसकेएम ने 5 जून को देशव्यापी प्रदर्शन और पुतला दहन के कार्यक्रम का आह्वान किया था।

साथ ही एसकेएम ने 8 जून 2023 को नई दिल्ली में कार्यकर्ताओं, महिलाओं, युवाओं, छात्रों और समाज के अन्य वर्गों के मंचों की बैठक आयोजित करने की भी घोषणा की है।

अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी भी आए साथ में

इस मुद्दे पर तमाम ख्यातिलब्ध व पदक विजेता खिलाड़ी भी अब खुलकर कुश्ती खिलाड़ियों के साथ खड़े हो गए हैं। इनमें ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता अभिनव बिंद्रा, ओलंपिक मेडल विजेता नीरज चोपड़ा, फुटबॉलर सुनील छेत्री, अंतरराष्ट्रीय कुश्‍ती खिलाड़ी अर्जुन अवार्डी कृपा शंकर पटेल सहित तमाम दिग्गज शामिल हैं।

1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के खिलाड़ी पू्र्व क्रिकेटर्स सुनील गावस्कर, कपिल देव, दिलीप वेंगसरकर, मदनलाल, अनिल कुंबले, इरफान पठान आदि ने भी पहलवानों के साथ हुई घटना को दुखद बताया है। बास्केटबाल, वालीबाल सहित अन्य स्पद्धाओं में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग कर चुके खिलाड़ियों ने कुश्ती खिलाड़ियों के समर्थन में प्रमाण पत्र के छाया प्रति जलाए। 

भारतीय कुश्ती महासंघ सस्पेंड करने की चेतावनी

इसी दरम्यान यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने कहा कि अगर 45 दिनों के अंदर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव नहीं होते हैं तो WFI को आगे के मैच के लिए सस्पेंड किया जा सकता है।

वहीं आईओए के एथलीट कमीशन का हिस्सा और विंटर ओलंपियन शिव केशवन ने कहा कि बतौर एक एथलीट और एथलीट कमीशन का हिस्सा होने के नाते मैं यह कह सकता हूं कि यह हमारे खेल इतिहास का काला समय है।

भाजपा बैकफूट पर, बाहुबली सांसद की हेंकड़ी गायब

वो बृजभूषण जिसके बारे में प्रचारित है कि वे सिर्फ़ अपने मन की सुनता है। जिसको भाजपा और मोदी-साह का वरदहस्त प्राप्त है। जो जाट बनाम का ध्रुवीकरण कर रहा था। जो गुमान में पिछले दो हफ़्ते से अयोध्या की कथित जन चेतना रैली की तैयारी कर रहा था। दावा था कि तमाम साधु-संतों सहित कम से कम 11 लाख लोग अयोध्या के रामकथा पार्क में जुटेंगे। अचानक निर्णय बदल गया।

बृजभूषण शरण सिंह कहता है कि सुप्रीम कोर्ट में केस होने और पुलिस की जांच के कारण वे रैली रद्द कर रहा है। लेकिन अदालत में ये मामला तो महीनों से है और पुलिस भी पहले से जांच कर रही है। ऐसे में उसे पहले इस बात का ख़्याल क्यों नहीं आया? आख़िर अयोध्या की रैली कर वो अपना शक्ति प्रदर्शन क्यों करना चाहता था?

बृजभूषण कहता है कि उन्हें अयोध्या प्रशासन की तरफ़ से रैली करने की इजाज़त नहीं दी गई। ये तो बृजभूषण का आधिकारिक बयान है। रैली रद्द करने की असली वजह तो कुछ और है।

भाजपा के भीतर विरोध और बेचैनी बढ़ी

28 मई को मोदी सरकार की क्रूरता और 30 मई को हरिद्वार में गंगा में मेडल प्रवाहित करने गईं महिला कुश्ती खिलाड़ियों के हृदय विदारक वीडियो गांव-गांव तक पहुंच चुका था। इसके बाद से भाजपा के अंदर ही काफी खलबली मच गई। बाहुबली बृजभूषण के खिलाफ माहौल बनने लगा था।

तमाम कार्यकर्ताओं-समर्थकों ही नहीं, भाजपा सांसदों तक की बेचैनी बढ़ गई और विरोध के स्वर मुखर होने लगे। कई सांसदों के बयान सर्वजनिक रूप से आए। सूत्रों के मुताबिक़ पिछले कुछ दिनों में पार्टी के कई नेताओं ने अपने हाई कमान से इसकी मुखालफत की थी।

मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर संपर्क अभियान चल रहा है। भाजपा के नेता भला किस मुंह से सरकार के कथित काम काज का बखान करें। तमाम भाजपा नेताओं ने अपने हाई कमान से कहा कि इस प्रकरण और बृजभूषण शरण सिंह के बयानों से जनता में ज़बरदस्त ग़ुस्सा है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में पार्टी को नुक़सान हो सकता है।

इस बीच भाजपा के कई सांसद, जिनमें उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से सांसद व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, हरियाणा से सांसद बृजेंद्र सिंह, हिसार से सांसद बीरेंद्र सिंह, महाराष्ट्र से सांसद प्रतिमा मुंडे आदि शामिल हैं, ने महिला कुश्ती खिलाड़ियों के पक्ष में और बृजभूषण सिंह के खिलाफ बयान दिया। तमाम भाजपा कार्यकर्ता और नेता भी असन्तुष्ट हैं।

लगातार बढ़ते विरोध के बीच सत्ताधारी भाजपा को बैकफूट पर आना पड़ा। सूत्रों के अनुसार हाईकमान के निर्देश पर बृजभूषण ने 5 जून को होने वाली प्रस्तावित रैली रद्द करनी पड़ी। उधर जिला प्रशासन ने भी अचानक पांच जून को रैली करने की अनुमति नहीं दी और पूरे जिले में धारा 144 लगा दी।

देशव्यापी विरोध और संयुक्त किसान मोर्चा सहित तमाम मज़दूर व सामाजिक संगठनों व न्यायप्रिय जनता के पहलवानों के पक्ष में खड़ा होने से भाजपा के खिलाफ माहौल बनने लगा। हालात कृषि क़ानून के खिलाफ हुए आंदोलन जैसा तैयार होने लगा है।

इसीलिए भाजपा आलाकमान के दवाब में बृजभूषण शरण सिंह को अपनी रैली रद्द करनी पड़ी।

कुरुक्षेत्र पंचायत

किसान महापंचायत ने लिए बड़े फैसले

कुश्ती खिलाड़ियों के समर्थन में एसकेएम के आह्वान पर गुरुवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए। भारतीय किसान यूनियन ने मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में महापंचायत की। सभी जगह यौन शोषण के आरोपी भाजपा नेता की गिरफ्तारी की मांग उठाई गई है।

आज 2 जून को कुरुक्षेत्र में जोरदार किसान महापंचायत संपन्न होने के बाद किसान नेता राकैश टिकैत ने कहा कि सरकार को 9 जून तक का अल्टीमेटम दिया गया है कि वह बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करे। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो महिला पहलवानों और खिलाड़ियों के साथ जंतर-मंतर पर बड़ा धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।

सोरम पंचायत

सोरम महापंचायत में रखे गए हैं ये प्रमुख प्रस्ताव

  • पहलवान गंगा में पदक बहाने के बजाय इसे अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ के माध्यम से नीलाम करें;
  • खाप प्रमुखों की समिति का गठन किया जाए जो भविष्य में पहलवानों के विरोध के लिए मेन बॉडी के तौर पर कार्य करेगी;
  • एक प्रतिनिधि मंडल को तय किया जाएगा जो कि पहलवानों का पक्ष लेकर राष्ट्रपति और गृहमंत्री के पास जाएंगे और उनकी बात रखेंगे;
  • दिल्ली की सीमाओं को फिर से बंद किए जाने पर भी महापंचायत में सहमति बनी है;
  • देशव्यापी आंदोलन को खड़ा करने की तैयारी भी की जाएगी।

उधर 3 जून को शामली में खिलाड़ियों के मुद्दे पर खाप प्रतिनिधियों की बैठक होनी है। बैठक में खाप पंचायत व सामाजिक संगठन हिस्सा लेंगे।

देशव्यापी प्रदर्शन की कुछ झलक

यौन शोषण के आरोपी और भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी और खिलाड़ियों के लिए न्याय की मांग को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए, पुतले फूंके गए, कई जगह सधिकारियों के मार्फत ज्ञापन भेजे गए।

राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर पुलिस की अनुमति नहीं मिलने के कारण सेंट्रल दिल्ली के जंतर मंतर के पास प्रदर्शन हुआ। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा, सेंट्रल ट्रेड यूनियन और कई महिला के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में महिला, मज़दूर और नौजवान शामिल हुए।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर के बैनर तले स्थानीय अम्बेडकर पार्क में सभा का आयोजन हुआ व बाटा चौक पर मोदी सरकार का पूतला दहन किया गया। जिसमें मजदूर सहयोग केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, तराई किसान संगठन, भाकपा माले, भाकपा, इंकलाबी मजदूर केंद्र आदि के साथ क्षेत्र की विभिन्न यूनियनें शामिल रहीं।

कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में स्थानीय लघु सचिवालय पर किसान मजदूर जन संगठनों ने मोदी सरकार का पुतला दहन किया, जोरदार प्रदर्शन किया और जिला उपायुक्त के माध्यम से भारत की राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजा। विरोध प्रदर्शन जन संघर्ष मंच हरियाणा, निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन, मनरेगा मजदूर यूनियन, भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) और भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के नेतृत्व में हुआ।

गुड़गांव (हरियाणा) में कमला नहेरू पार्क गुरुग्राम पर जोरदार प्रदर्शन हुआ और सोहना चौक पर बृजभूषण का पुतला दहन करते हुए विरोध जताया गया। प्रदर्शन एटक, एआईयूटीयूसी, HMS, सीटू, जनवादी महिला समिति, सयुक्त किसान मोर्चा, मुंजाल शोवा यूनियन, कपारो मारुति यूनियन आदि शामिल रहे।

बंगलुरु (कर्नाटक)। संयुक्ता होराटा कर्नाटक के आह्वान पर कर्नाटक के 20 विभिन्न जिलों में 70 से अधिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन प्रस्तुत किए गए।

देवनगरी, कर्नाटक
कुरनूल, आंध्र प्रदेश
विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश
कक्कानाड, कोच्चि, केरल
इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश
सीतापुर, उत्तरप्रदेश
अलीगढ़, उत्तरप्रदेश
पलवल, हरियाणा

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