अन्याय के खिलाफ इन्टरार्क मज़दूरों की महिलाओं ने प्रतिरोध सभा व विशाल पदयात्रा में भरी हुंकार

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डीएम को ज्ञापन; एक सप्ताह में इन्टरार्क समेत सभी मज़दूर मसले को हल करने का अनुरोध। समाधान न होने पर 14 मई को पुनः पदयात्रा और निर्णायक कदम उठाने की दी चेतावनी।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत इन्टरार्क कंपनी के मजदूरों की महिलाओं द्वारा 7 मई को अम्बेडकर पार्क रुद्रपुर में प्रतिरोध सभा हुई और अम्बेडकर पार्क से जिलाधिकारी आवास तक विशाल पदयात्रा निकली। जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर एक सप्ताह के भीतर इन्टरार्क समेत सभी मजदूरों के मसले को हल करने का अनुरोध किया गया।

सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि यह बहुत शर्मनाक प्रकरण है कि 15 दिसम्बर 2022 को अपनी मध्यस्थता में हुए समझौता को जिला प्रशासन लागू नहीं करा रहा है।

इन्टरार्क कंपनी प्रबंधन द्वारा उक्त समझौते का उल्लंघन कर 32 मजदूरों का उत्तराखंड राज्य से बाहर अविधिक रूप से ट्रांसफर कर दिया है और उनमें से 28 मजदूरों की 3 अप्रैल 2023 से गैरकानूनी रूप से गेटबन्दी कर दी है।

वक्ताओं का यह भी कहना था कि इन्टरार्क मजदूरों की याचिका पर उच्च न्यायालय, उत्तराखंड द्वारा जुलाई 2020 में आदेश दिया है कि मजदूरों का उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। उत्तराखंड के मॉडल स्टैंडिंग ऑर्डर और इन्टरार्क कंपनी के स्टैंडिंग ऑर्डर में भी मजदूरों का उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर करना प्रतिबंधित है।

किंतु उसके पश्चात भी इन्टरार्क कंपनी प्रबंधन द्वारा हाईकोर्ट के फैसले और उत्तराखंड राज्य के मॉडल स्टैंडिंग ऑर्डर को ताख पर रखकर ट्रांसफर कर दिया और 28 मजदूरों का गेटबन्द कर एवं समझौते के अनुसार मजदूरों की वेतनवृद्धि न करके जिला प्रशासन की मध्यस्थता हुए उक्त समझौता पर कालिख पोत दी है। इसके पश्चात भी जिला प्रशासन मौन है।

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इसी तरह से भारत के सारे श्रम कानूनों को ताख पर रखकर PDPL कंपनी के 41 मजदूरों की गैरकानूनी रूप से गेटबन्दी कर दी गई है। जायडस और मैक्रोमेक्स कंपनी के मजदूर गैरकानूनी छंटनी और बन्दी के शिकार हैं। यही हाल सारे सिडकुल की कंपनियों के मजदूरों का है।

वक्ताओं ने चिंता जाहिर की कि ऊधमसिंह नगर जिला प्रशासन द्वारा उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेशों को लागू न कराना और भारत देश के श्रम कानूनों के खुले उल्लंघन पर भी मौन धारण कर पीड़ित मजदूरों को ही कानून और शांति का पाठ पढ़ाया जा रहा है। स्पष्ट है कि ऊधमसिंह नगर जिले में कानून व्यवस्था का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।

हालत यह है कि सिडकुल में कंपनी मालिकों द्वारा सिडकुल में खुलेआम अपना जंगलराज कायम कर दिया गया है। सरकारी राज्य मशीनरी और जिला प्रशासन को इसकी कोई चिंता नहीं है।

वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि सभी मजदूरों को मिलजुलकर साझा संघर्ष खड़ा करने की जरूरत है। चेतावनी दी कि यदि इन्टरार्क, PDPL, मैक्रोमेक्स और जायडस समेत सभी कंपनियों के मजदूरों के मसले को एक हफ्ते के भीतर हल न किया गया तो उग्र आंदोलन किया जायेगा।

सभा के पश्चात अम्बेडकर पार्क से जिलाधिकारी आवास तक विशाल पदयात्रा निकाली गई और  जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर एक सप्ताह के भीतर इन्टरार्क समेत सभी मजदूरों के मसले को हल करने का अनुरोध किया गया। मसला हल न होने पर 14 मई 2023 को पुनः अम्बेडकर पार्क से जिलाधिकारी कार्यालय तक पदयात्रा निकालने और निर्णायक कदम उठाने की चेतावनी दी गई।

आज के कार्यक्रम को इन्टरार्क मजदूर संगठन ऊधमसिंह नगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह, इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के महामंत्री पान मुहम्मद, इंकलाबी मजदूर केन्द्र से कैलाश भट्ट, CNG टैंपू यूनियन के अध्यक्ष सुब्रत कुमार विश्वास, श्रमिक संयुक्त मोर्चा से अध्यक्ष व राने मद्रास एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री दिनेश तिवारी, करोलियां लाइटिंग एम्पलाइज यूनियन से देव सिंह मेहरा, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन से शिवदेव सिंह, ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर से अभिलाख सिंह, परिवर्तन कामी छात्र संगठन से चंदन, पीडीपीएल मजदूर यूनियन से जयशंकर राजपूत अपने पूरे शिफ्टों के साथ, बड़वे इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन से साहब सिंह, ऑटोलाइन एम्पलाइज यूनियन से दुर्गेश तिवारी, यजाकी वर्कर यूनियन से धर्मेन्द्र, पारले मज़दूर संघ से प्रमोद तिवारी, समाज सेवी और कांग्रेस से हरीश पनेरू आदि ने संबोधित किया।

कार्यक्रम में सैकड़ों मजदूरों और महिलाओं ने भागेदारी की।

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