राजस्थान: सरकार की वायदाखिलाफी के विरोध में राज्य कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर

समझौतों को लागू करवाने की मांग: आंदोलन के प्रथम चरण में कर्मचारी दो-दो दिन के व्यक्तिगत सामुहिक अवकाश पर हैं। यदि सरकार नहीं मानी तो 24 अप्रैल से वे आंदोलन और तेज करेंगे।
राजस्थान में विभिन्न कर्मचारी संगठनों के नेतृत्व में कर्मचारी आंदोलन पर है। ये कर्मचारी सरकार के साथ पहले हुए समझौतों को लागू करवाने की मांग कर रहे है। आंदोलन के प्रथम चरण में कर्मचारी दो-दो दिन के व्यक्तिगत सामुहिक अवकाश पर चले गए हैं। जिससे कार्यालयों, ग्राम पंचायतों का काम प्रभावित है।
दूसरी तरफ सरकार प्रशासन शहरों के संग, गांवों के संग मंहगाई राहत शिविरों का आयोजन करने जा रही है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर सारी तैयारियां कर ली गई है। कर्मचारियों का यह आंदोलन सरकार पर समझौतों को लागू करने का दबाव के रूप में भी देखा जा रहा है।

कर्मचारियों के आंदोलन में चले जाने या हड़ताल करने पर सरकार द्वारा आयोजित होने वाले आगामी शिविरों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ से जुड़े कर्मचारी गुरुवार से सामुहिक अवकाश पर है। संघ का कहना है कि राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की वित्तीय मांगों के संबंध में राज्य सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया। महासंघ से जुड़े कर्मचारी सामुहिक अवकाश पर रहते हुए आंदोलन में सम्मिलित रहेंगे। इनमें ब्लॉक अध्यक्ष शिवकरण धोलिया के नेतृत्व में सभी कर्मचारी सम्मिलित हुए।

इसी प्रकार राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ से जुड़े सभी वीडीओ ने सामुहिक अवकाश के लिए विकास अधिकारी को प्रार्थना पत्र सौंपा। यदि सरकार इनकी मांगो पर ध्यान नही देती है तो आगामी 24 अप्रैल से धरना प्रदर्शन शुरू किया जायेगा।
साभार: मनी भास्कर