मध्यप्रदेश: संघर्षरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को लौटाया अपना कोरोना योद्धा सम्मान

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15 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना में जान की परवाह न करने वालों का सम्मान नहीं, इसलिए सभी कर्मचारी अपना सम्मान वापस लौटा रहे हैं।

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर (Burhanpur) जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 15 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इसके सातवें दिन बुधवार दोपहर करीब 150 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उन्हें कोरोना काल में मिले प्रशस्ति पत्र कोरोना योद्धा सम्मान को स्पीड पोस्ट से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक लिफाफे में भरकर डाक द्वारा भेज दिया है.

बुरहानपुर जिले में करीब 345 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हैं. इसमें से 150 कर्मचारियों ने स्पीड पोस्ट से कोरोना सम्मान सीएम को वापस लौटा दिया. कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना काल के समय संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना दिन रात काम किया था. अनेकों कोरोना मरीजों को कोविड-19 बीमारी से बचाया था, लेकिन सरकार हमें नियमित नहीं कर रही है. इसलिए अब सभी कर्मचारी अपना सम्मान वापस लौटा रहे हैं.

स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह राजपुत ने बताया कि संविदा कर्मचारी कम वेतन में काम कर रहे हैं. जबकि नियमित कर्मचारी चार गुना अधिक वेतन पा रहे हैं. नियमितीकरण की प्रक्रिया स्वास्थ्य मिशन को छोड़कर हर विभाग में लागू है. जबकि संविदा कर्मचारियों को अन्य भत्ते और अवकाश पात्रता भी नहीं दी गई है. इसलिए मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ रहा है. जब तक नियमितीकरण नहीं तब तक कोई सम्मान नहीं, क्योंकि सम्मान से पेट नहीं भरता और ना ही घर चलता है.

मांगें पूरी न होने तक आंदोलन जारी रहेगा. वहीं भोपाल समेत प्रदेश के करीब डेढ़ लाख स्वास्थ्यकर्मी आज से काम बंद कर हड़ताल पर हैं. वहीं इससे पहले मंगलवार को प्रदेश के तमाम जिलों से हजारों स्वास्थ्यकर्मी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने आए और उनके सामने अपनी मांगों को रखा.