हरियाणा: मांगों को लेकर कर्मचारियों का धरना; फूंका बिजली मंत्री का पुतला

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सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को नहीं माना तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। साथ ही 23 नवंबर को देशभर के बिजली कर्मचारी व तकनीकी कर्मचारी संसद का घेराव भी करेंगे। -यूनियन

मांगों को लेकर ऑल हरियाणा पावर कॉरपोरेशन वर्कर्स यूनियन ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बिजली मंत्री रणजीत चौटाला का प्रतीकात्मक पुतला जलाया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो प्रदेश में बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिमेदारी सरकार की होगी।

प्रदर्शन से पूर्व बिजली कर्मचारियों ने बिजली निगम कार्यालय के बाहर रोष सभा की। जिसकी अध्यक्षता सर्कल सचिव धर्मराज कुंडू ने की, जबकि संचालन अतिरिक्त सर्कल सचिव विनोद कुमार ने किया। सभा के दौरान राज्य प्रधान सुरेश राठी ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को नहीं माना तो आगे चलकर आंदोलन को तेज किया जाएगा। साथ ही 23 नवंबर को देशभर के बिजली कर्मचारी व तकनीकी कर्मचारी संसद का घेराव भी करेंगे। इसके बाद भी कर्मचारियों की अनदेखी की गई तो उनके सामने हड़ताल के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं रहेगा।

उन्होंने सरकार से एनपीएस को रद्द करने व कौशल रोजगार निगम को भंग करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर कई बार सरकार के साथ वार्ता हो चुकी है, लेकिन सरकार कोरे आश्वासन देती है। हकीकत में सरकार कर्मचारियों की मांगों को पूरा करना ही नहीं चाहती। इसके साथ ही उन्होंने 30 सूत्रीय मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की और बिजली मंत्री का बिजली निगम के बाहर पुतला फूंका। इस मौके पर विकास दहिया, राम निवास सैनी, संदीप जांगड़ा, मनजीत बजाड़, जगवीर पहलवान, संदीप, राजेश, श्रीभगवान शर्मा, सत्यनारायण सैनी, तारा देवी, कविता, सुषमा, संजय डोगरा, मानवेंद्र सिंह, सतपाल शर्मा सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।

अमर उजाला से साभार

सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को नहीं माना तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। साथ ही 23 नवंबर को देशभर के बिजली कर्मचारी व तकनीकी कर्मचारी संसद का घेराव भी करेंगे। -यूनियन

मांगों को लेकर ऑल हरियाणा पावर कॉरपोरेशन वर्कर्स यूनियन ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बिजली मंत्री रणजीत चौटाला का प्रतीकात्मक पुतला जलाया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो प्रदेश में बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिमेदारी सरकार की होगी।

प्रदर्शन से पूर्व बिजली कर्मचारियों ने बिजली निगम कार्यालय के बाहर रोष सभा की। जिसकी अध्यक्षता सर्कल सचिव धर्मराज कुंडू ने की, जबकि संचालन अतिरिक्त सर्कल सचिव विनोद कुमार ने किया। सभा के दौरान राज्य प्रधान सुरेश राठी ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को नहीं माना तो आगे चलकर आंदोलन को तेज किया जाएगा। साथ ही 23 नवंबर को देशभर के बिजली कर्मचारी व तकनीकी कर्मचारी संसद का घेराव भी करेंगे। इसके बाद भी कर्मचारियों की अनदेखी की गई तो उनके सामने हड़ताल के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं रहेगा।

उन्होंने सरकार से एनपीएस को रद्द करने व कौशल रोजगार निगम को भंग करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर कई बार सरकार के साथ वार्ता हो चुकी है, लेकिन सरकार कोरे आश्वासन देती है। हकीकत में सरकार कर्मचारियों की मांगों को पूरा करना ही नहीं चाहती। इसके साथ ही उन्होंने 30 सूत्रीय मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की और बिजली मंत्री का बिजली निगम के बाहर पुतला फूंका। इस मौके पर विकास दहिया, राम निवास सैनी, संदीप जांगड़ा, मनजीत बजाड़, जगवीर पहलवान, संदीप, राजेश, श्रीभगवान शर्मा, सत्यनारायण सैनी, तारा देवी, कविता, सुषमा, संजय डोगरा, मानवेंद्र सिंह, सतपाल शर्मा सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।

अमर उजाला से साभार