श्रीलंका: जनता का राष्ट्रपति भवन पर कब्जा; राष्ट्रपति गोतबाया आवास छोड़कर भागे; पीएम का इस्तीफा

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जन संघर्ष: जनता ने 11 मई को तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के पीएम आवास को घेरा था और वे पूरे परिवार के साथ भाग गए थे और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था।

श्रीलंका में आर्थिक हालातों से त्रस्त प्रदर्शनकारी जनता ने शनिवार को राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग के साथ उनके आवास को घेर लिया और राष्ट्रपति आवास पर कब्जा कर लिया। जिसके बाद राष्ट्रपति राजपक्षे अपने आवास को छोड़कर भाग गए।

देशभर में तेल और बाकी जरूरत के सामान की कमी के बीच जनता लगातार सड़कों पर है। रक्षा सूत्रों की ओर से राष्ट्रपति राजपक्षे के भागने का दावा किया गया है। आंदोलनकारी जनता ने सांसद रजिता सेनारत्ने के घर पर भी धावा बोला है।

ताजा खबर के मुताबिक श्रीलंका के मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

ज्ञात हो कि आंदोलनकारी जनता ने इससे पहले 11 मई को तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के सरकारी आवास को घेर लिया था और महिंद्रा राजपक्षे पूरी परिवार के साथ भाग गए थे। बाद में उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

खबर है कि सरकार ने 15 जुलाई तक सभी स्कूलों के साथ-साथ चार स्टेट यूनिवर्सिटी को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। वहीं, इस बीच हालात काबू में करने के लिए श्रीलंका के मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है। उधर, श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के 16 सांसदों ने पत्र लिखकर राष्ट्रपति से तत्काल इस्तीफा देने की अपील की है।

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आंदोलनकारी जनता घुसी राष्ट्रपति आवास में

श्रीलंका में बिगड़ते आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर आज शनिवार को सरकार विरोधी रैली चल रही है। बताया जा रहा है कि कोलंबो स्थित राष्ट्रपति आवास को प्रदर्शनकारियों ने दोपहर में घेर लिया था।

श्री लंका में हालात बेकाबू

मीडिया पर आ रही खबरों के मुताबिक प्रदर्शनकारी जनता राष्ट्रपति आवास के परिसर तक घुस आई। इसके बाद सुरक्षाबलों ने राष्ट्रपति को आवास से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। श्रीलंका के एक टीवी चैनल सिरासा टीवी की ओर से जारी फुटेज में तो भीड़ को राष्ट्रपति आवास के अंदर घुसते भी देखा जा सकता है।

राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने के बाद प्रदर्शनकारी भवन के हॉल में, कमरों में घूमते ही नहीं बल्कि स्विमिंग पूल में नहाते नजर आए। वहीं, नौसेना के जहाज पर गोटबाया का सामान रखे जाने के फुटेज सामने आए हैं।

राष्ट्रपति भवन के भीतर स्वीमिंग पूल में नहाते प्रदर्शनकारी

प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारी घायल

राष्ट्रपति भवन के बाहर भारी तादाद में लोग प्रदर्शन करते नजर आए, जहां श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या को भी देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। वे सरकारी आवास के मुख्य गेट पर चढ़कर बढ़ती महंगाई को लेकर विरोध जताया।

उधर, रैली के दौरान श्रीलंका की पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। सुरक्षाबल ने पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों के घायल होने की खबर है। घायलों को राष्ट्रीय अस्पताल कोलंबो ले जाया गया है।

श्रीलंका में प्रदर्शनकारी।

भयावह संकट के बीच पूरे देश में जनता सड़कों पर

गौरतलब है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की हालत लगातार बदतर होती जा रही है। देश के आम लोग महंगाई से त्रस्त हैं। काफी दिनों से लोग तेल और बिजली संकट से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उनसे इस्तीफे की मांग की जा रही है।

इसका असर कोलंबो समेत अन्य शहरों में भी दिखाई दिया। गाले में इस वक्त ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका का टेस्ट मैच चल रहा है, जहां स्टेडियम के बाहर प्रदर्शनकारी पहुंच गए।

श्रीलंका में प्रदर्शनकारी।

शुक्रवार को लगा था कर्फ्यू; फिर भी जनता बढ़ी आगे

शुक्रवार को श्रीलंका में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया था। सेना को भी हाई अलर्ट पर रखा गया। पुलिस प्रमुख चंदना विक्रमरत्ने ने कहा कि राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में शुक्रवार रात नौ बजे से कर्फ्यू लगा दिया गया है।

उन्होंने बताया कि हजारों सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को सत्ता से हटाने के लिए शुक्रवार को कोलंबो में प्रवेश किया था जिसके बाद कर्फ्यू का फैसला लिया गया।

शुक्रवार को पुलिस ने कर्फ्यू लगाने से पहले कोलंबो में छात्र प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें कीं। इन सबके बावजूद जनता का काफिला आगे बढ़ता गया और राष्ट्रपति आवास को अपने कब्जे मे ले लिया है।

बताया जा रहा है कि सरकार विरोधी प्रदर्शन में धार्मिक नेताओं, राजनीतिक दलों, शिक्षकों, किसानों, चिकित्सकों, मछुआरों और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं।

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पीएम ने बुलाई आपात बैठक; सांसदों ने की राष्ट्रपति के इस्तीफे की माँग

उधर, श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्थिति पर चर्चा करने और त्वरित समाधान के लिए पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने स्पीकर से संसद सत्र बुलाने की अपील की है।

उधर श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के 16 सांसदों ने एक पत्र में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से तत्काल इस्तीफा देने का अनुरोध किया है। स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने के घर जूम पर हुई नेताओं की बैठक में राष्ट्रपति और पीएम को पद से हटाने की बात रखी गई।

https://mehnatkash.in/2022/05/30/sri-lanka-50-days-of-picketing-the-rajapaksa-family-should-leave-politics-appear-in-publics-court/

प्रधान मंत्री ने दिया इस्तीफा

खबर है कि श्रीलंका में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पीएम ने ट्वीट कर कहा कि आज पार्टी नेताओं की बैठक में सभी नागरिकों की सुरक्षा समेत सरकार की निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए सर्वदलीय सरकार बनाने का फैसला लिया गया। मैं इस फैसले को आसान बनाने के लिए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देता हूं।

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