श्रीलंका: महँगाई बेलगाम, इलाज के अभाव में मरते लोग; पेट्रोल 420 रुपये, डीजल 400 रुपये

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श्रीलंका में महंगाई दर करीब 40 फीसदी के पास पहुंच गई है। वहां पर खाने पीने की चीजें उपलब्ध नहीं हैं। तेल का रेट आसमान छू रहा है। संकट से जूझ रही जनता विद्रोह कर सड़कों पर है।

तबाही के कगार पर खड़े श्रीलंका में महँगाई रोज नए रिकार्ड बना रही है। सरकार और प्रशासन देशवासियों की मदद में लगातार अक्षम साबित हो रहे हैं। जिस कारण लोगों में सरकार के खिलाफ काफी रोष दिखाई दे रहा है। जनता सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। आए दिन श्रीलंका में पुलिस और जनता के बीच झड़पें बढ़ती जा रही हैं।

सरकार द्वारा लोगों से संयम बनाने की खोखली दिलासा के बावजूद जनता में सरकार की नाकामायबी को लेकर काफी गुस्सा है। श्रीलंका में यदि हालात ऐसे ही बने रहे तो, निकट भविष्य में इसके काफी भयंकर दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

मुद्रास्फीति/महँगाई बेलगाम

श्रीलंका में मुद्रास्फीति का बढ़ना लगातार जारी है। अप्रैल महीने में मुद्रास्फीति एक साल पहले की तुलना में बढ़कर 33.8 प्रतिशत पर पहुंच गई है। श्रीलंका के जनगणना एवं सांख्यिकी विभाग ने मंगलवार को बताया कि अप्रैल, 2022 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 33.8 प्रतिशत पर रही जो एक साल पहले के 5.5 प्रतिशत की तुलना में छह गुना से भी अधिक है।

इसके साथ ही अप्रैल में खाद्य मुद्रास्फीति भी 45.1 प्रतिशत के चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई। देश में जरूरी सामानों की भारी किल्लत को देखते हुए मुद्रास्फीति में यह तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है।

इलाज के अभाव में मरते लोग

श्रीलंका में अस्पतालों में कैंसर, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग इलाज नहीं मिलने से दम तोड़ रहे हैं। देश में दवाइयों की भारी किल्लत हो गई है, जिसके कारण मरीज समय पर दवा नहीं मिलने से दम तोड़ रहे हैं। डॉक्टर चाहकर भी मरीजों को इलाज मुहिया नहीं करा पा रहे। डॉक्टरों के मुताबिक, यदि इस दिशा में जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया तो काफी लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा।

श्रीलंका अपनी चिकित्सा आपूर्ति का 80 फीसदी से अधिक आयात करता है। आर्थिक संकट के कारण विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने वाला है। जिसके कारण वहां स्वास्थ्य प्रणाली ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गई है। 

श्रीलंका में गहराया ईंधन का संकट

श्रीलंका में ईंधन का संकट गहराता जा रहा है। लोगों की गाड़ियों में तेल खत्म हो चुका है। जिसके कारण कई सेवाओं पर असर दिखने लगा है। 

आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने मंगलवार को पेट्रोल की कीमतों में 24.3 प्रतिशत और डीजल की कीमतों में 38.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। गत 19 अप्रैल के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में श्रीलंका सरकार ने दूसरी बार बढ़ोतरी की है। श्रीलंका में 19 अप्रैल के बाद ईंधन कीमतों में यह दूसरी बढ़ोतरी है।

सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले ऑक्टेन 92 पेट्रोल की कीमत 420 रुपये (1.17 डॉलर) प्रति लीटर और डीजल की कीमत 400 रुपये (1.11 डॉलर) प्रति लीटर होगी, जो अब तक का उच्चतम स्तर है। तेल की कीमतों में इजाफा होने के बाद ऑटो यूनियन ने भी किराए में बढ़ोत्तरी का एलान कर दिया।

सिलेंडर के लिए घंटों लाइन में लगने पर मजबूर

श्रीलंका में ईंधन के भंडार लगभग समाप्त होने की कगार पर हैं। वहीं इसके आयात के लिए देश की सरकार के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा का अभाव है। ऐसे में श्रीलंका के नागरिकों सबसे ज्यादा घरों में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले एलपीजी सिलेंडर की कमी से दो-चार होना पड़ रहा है।

राजधानी कोलंबो में एलपीजी सिलेंडर के लिए 3-4 दिन तक लाइन में खड़े रहते तब कहीं जाकर उन्हें खाना पकाने के लिए सिलेंडर मिल पा रहा है। सरकार रोजाना केवल 200 सिलेंडर ही बांट रही है।

संकट से जूझ रही जनता विद्रोह पर उतर आई है और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से इस्तीफे की मांग कर रही है।