नागपुर : कोऑपरेटिव सोसायटी द्वारा ₹3.86 करोड़ का घोटाला उजागर

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सोसाइटी के 150 से अधिक खाताधारकों की जमा रकम पर कर्ज लेकर हड़पने का सिलसिला चला,  सोसाइटी के ही अधिकारियों ने 3.86 करोड़ रुपए हड़प लिए।

ताजा मामला : इस बीच सोमवार 4 अप्रैल को एक और मामला पुलिस थाने पहुंचा है। खाताधारक का आरोप है कि फर्जी हस्ताक्षर कर सोसाइटी के प्रबंधक व कर्मचारियों ने आवर्ती जमा खाता (आरडी) में जमा 1 लाख से अधिक की रकम हड़प ली। पीड़ित ने तहसील थाने में शिकायत कर जांच की मांग की है। शिकायतकर्ता शांतिनगर निवासी सुरेंद्र शामराव भोयर के मुताबिक 17 जुलाई 2014 को उसने 9 वर्षीय पुत्री मिताली भोयर के नाम से संत जगनाड़े महाराज सोसाइटी में रिकरिंग डिपाजिट (आरडी) खाता शुरू किया।

खाते में हर माह 1 हजार रुपए जमा किए। 72 माह पूरे होने पर 17 जुलाई 2020 को जब वह जमा रकम हासिल करने पहुंचा, तब बताया गया कि खाताधारक के नाम पर 16,500 रुपए का कर्ज चढ़ा हुआ है। यह  जमा रकम से वसूला जाएगा। सुरेंद्र ने बताया कि उसने अथवा उसकी पुत्री के नाम पर किसी ने कोई कर्ज नहीं लिया। मिताली के फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक प्रबंधक व कर्मचारियों द्वारा कर्ज की रकम हड़पने का आरोप लगाते हुए सुरेंद्र ने प्रकरण की जांच की मांग की है। गत लगभग 2 वर्ष से वह सोसाइटी  कार्यालय का चक्कर काट रहा है। अंत में तहसील थाने पहुंचकर शिकायत की। सोसाइटी के चेयरमैन दीपक वाड़ीभस्मे ने घोटाला होने के आरोप को स्वीकार करते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मंशा जताई है।

संत जगनाड़े महाराज क्रेडिट को-ऑप सोसाइटी के खातों को खंगाला जा रहा है। पता चला कि वर्ष 2004-2020 के दरमियान सोसाइटी के 150 से अधिक खाताधारकों की जमा रकम पर कर्ज लेकर हड़पने का सिलसिला चला तथा सोसाइटी के ही अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा तकरीबन 3.86 करोड़ रुपए हड़प लिए गए। इस मामले के उजागर होने के बाद 31 जनवरी 2021 को सोसाइटी के लेखापाल श्याम गजानन नारनवरे ने पत्नी सविता व पुत्री समता के साथ वैनगंगा नदी में कूदकर जान दे दी थी। सोसाइटी के एक अन्य कर्मचारी महेष ठोंबरे की भी आकस्मिक मौत हो गई। घोटाले के शिकार हुए अनेक खाताधारकों द्वारा सक्करदरा, तहसील व लकड़गंज थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। सुरेंद्र भोयर ने 5 अप्रैल 2022 को सहकारी संस्था उप-निबंधक कार्यालय में शिकायत कर सोसाइटी के तत्कालीन प्रबंधक विनोद फटिंग, चपरासी दीपक तेलमासरे व दुर्गा भाेवरकर नामक महिला कर्मचारी द्वारा साठ-गांठ कर जमा रकम हड़पने का आरोप लगाकर न्याय की गुहार लगाई है।

संत जगनाड़े महाराज क्रेडिट को-ऑप सोसाइटी की कुल संपत्ति 8 करोड़ से अधिक होने का दावा किया जा रहा है, जबकि देनदारियां तकरीबन 5 करोड़ की होने की जानकारी मिली है। सोसाइटी की संपत्ति बेचकर घोटाले के शिकार खाताधारकों को उनकी रकम लौटाई जा सकती है। इसके लिए सोसाइटी का संचालन करने के लिए प्रशासक की नियुक्ति करने की मांग अध्यक्ष दीपक वाड़ीभस्मे ने की है।

संत जगनाड़े महाराज क्रेडिट को-ऑप सोसाइटी का प्रधान कार्यालय गंजीपेठ में संचालित है, जबकि भारतमाता चौक स्थित एकमात्र शाखा बंद कर दी गई है। इस संस्था के अध्यक्ष दीपक वाड़ीभस्मे ने बताया कि वर्ष 2004 में सोसाइटी का संचालन विनोद फटिंग व प्रवीण फटिंग द्वारा किया जाता रहा। खातों की जांच में पता चला कि वर्ष 2004 से ही खाताधारकों की जमा रकम पर कर्ज लेने का गोरखधंधा जारी था। इस मामले में विनोद फटिंग व प्रवीण फटिंग को मुख्य सूत्रधार करार देते हुए वाड़ीभस्मे ने बताया कि प्रवीण फटिंग की पत्नी सहकार विभाग में ही अधिकारी है। कदाचित यही कारण है, जो अब तक संस्था में हुए घाेटाले की जांच पूर्ण नहीं हो सकी है। सोसाइटी के आर्थिक व्यवहारों पर नियंत्रण के लिए दीपक वाड़ीभस्मे ने प्रशासक की नियुक्ति की मांग की है।

दैनिक भास्कर से साभार