कंपनी की अवैध तालाबंदी से आक्रोशित इंटरार्क मज़दूरों ने श्रम भवन हल्द्वानी में किया प्रदर्शन

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मज़दूर सत्याग्रह कार्यक्रम के तहत इंटरार्क मज़दूरों ने महिलाओं-बच्चों संग जोरदार प्रदर्शन किया। श्रमायुक्त उत्तराखंड को एक ज्ञापन देकर समस्याओं के तत्काल निदान की माँग की।

हल्द्वानी (उत्तराखंड)। आज 30 मार्च को इंटरार्क मजदूर संगठन सिडकुल पन्तनगर व इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के नेतृत्व में सैकड़ों मजदूरों ने अपनी पत्नियों, बच्चों व अन्य परिजनों संग मिलकर श्रमायुक्त कार्यालय, हल्द्वानी जिला नैनीताल में मज़दूर सत्याग्रह कार्यक्रम के तहत जोरदार प्रदर्शन किया। श्रमायुक्त उत्तराखंड को एक ज्ञापन देकर समस्याओं के तत्काल निदान की माँग की गई।

सभा को सम्बोधित करते हुए इंटरार्क मजदूर संगठन पन्तनगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि इंटरार्क बिल्डिंग प्रोड्क्टस प्राइवेट लिमिटेड सिडकुल पन्तनगर के प्रबंधन द्वारा उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश दिनांक 02/03/2022 की अवमानना कर बीते 16 मार्च को अवैध तालाबंदी कर करीब 500 परमानेंट मजदूरों को बेरोजगार बना दिया है। यहां तक कि कंपनी से मशीनों को शिफ्ट कर दिया गया है और कंपनी की उत्तराखंड राज्य से बाहर पलायन करने की साजिश रची जा रही है।

कहा कि उच्च न्यायालय नैनीताल ने अपने आदेश में कंपनी बन्द न करने व कंपनी से मशीनों को बाहर शिफ्ट न करने का स्पष्ट उल्लेख किया है और एसएसपी ऊधमसिंह नगर को आदेश की पालना सुनिश्चित करने को कहा है। एसएसपी, जिला प्रशासन व श्रम विभाग में तमाम शिकायत करने के पश्चात भी कंपनी प्रबंधन के विरुद्ध कोई कार्यवाही न की गई है।

https://mehnatkash.in/2022/03/16/unlawful-lockout-of-the-interarc-company-contempt-of-high-court-anger-among-workers/

यूनियन के कोषाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सहायक श्रमायुक्त रुद्रपुर की मध्यस्थता में माँगपत्रों पर चल रही संराधन वार्ताओं के दौरान कंपनी प्रबंधन द्वारा कंपनी की तालाबंदी कर स्थाई मजदूरों की गेटबन्दी करना उत्तराखंड/उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 6(ई) व धारा -6(एस) का खुला उल्लंघन है। परन्तु सहायक श्रमायुक्त द्वारा प्रबंधन के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करना तो दूर की बात है उक्त मसले  पर एक वार्ता तक न बुलाई गई है, जो कि अन्यंत संदिग्ध कार्यप्रणाली को प्रदर्शित करती है।

इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के महामंत्री पान मुहम्मद ने कहा कि इंटरार्क कंपनी के किच्छा प्लांट में कंपनी के स्टैंडिंग ऑर्डर एवं ठेकेदारों के लाइसेंस का घोर उल्लंघन व दुरूपयोग होने की शिकायत श्रम अधिकारियों से अनगिनत बार की गई है। परन्तु किसी ने कोई कार्यवाही न की।

इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह ने कहा कि यदि श्रमायुक्त व सहायक श्रमायुक्त ने कंपनी की तालाबंदी समाप्त करा सभी मजदूरों की सवैतनिक कार्यबहाली कराने व अन्य समस्याओं का निदान न कराया गया तो इंटरार्क की दोनों कंपनियों के करीब 600 मजदूर श्रमायुक्त कार्यालय हल्द्वानी व सहायक श्रमायुक्त कार्यालय रुद्रपुर के समक्ष अपनी पत्नियों व बच्चों संग सामुहिक भूख हड़ताल करने व आंदोलन तेज करने को विवश होंगे। जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

मजदूर सत्याग्रह कार्यक्रम को इंकलाबी मजदूर केंद्र के दिनेश भट्ट, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की रजनी जोशी, परिर्वतन कामी छात्र संगठन के चंदन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के मोहन मटियाली, मजदूर सहयोग केंद्र से धीरज जोशी, भगवती माइक्रोमैक्स के दीपक, ऐरा श्रमिक संगठन के भरत जोशी, प्रगतिशील भोजन माता संगठन की हेमा तिवारी, एचपी संगठन से मानस जोशी, सीपीएम संगठन से भरत सिंह, गुजरात अंबुजा से रामजीत, रॉकेट रिद्धि सिद्धि संगठन से जितेंद्र भंडारी आदि ने सम्बोधित किया।

कार्यक्रम में बलवंत सिंह, श्रीराम यादव, बिशाल, फिरोज, राकेश, देवेंद्र, नरेन्द्र मणि त्रिपाठी, राजू, गुरुबक्श, सुनिता, सीजल, अंसुल, सविता, प्रभा, संगीता, आकर्श, पुजा समेत सैकड़ों मजदूरों, महिलाओं व बच्चों ने भागेदारी की। कार्यक्रम के अंत में श्रमायुक्त उत्तराखंड को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया गया।

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