दो माह से बकाया वेतन भुगतान व राजकीयकरण की माँग को लेकर पेयजल निगम कर्मी आंदोलित

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मांगों को लेकर उत्तराखंड पेयजल निगम अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति देहरादून में आमरण अनशन पर है। जिसके समर्थन में सभी जिलों के कर्मचारी धरना दे रहे हैं।

देहरादून (उत्तराखंड)। दो माह से बकाया वेतन भुगतान सहित लंबित मांगों को लेकर उत्तराखंड पेयजल निगम अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति का विभाग के मुख्यालय में बेमियादी अनशन जारी है। 28 दिसंबर से विभाग के प्रधान कार्यालय देहरादून परिसर में बेमियादी अनशन पर बैठे हैं।

इस दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों ने शासन के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश व्यक्त किया।

वहीं, प्रदेशभर में कार्मिकों ने सांकेतिक तौर पर कार्य बंद कर धरना दिया। हल्द्वानी में कार्मिकों ने पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल का घेराव कर उनको ज्ञापन दिया। इस बात पर आक्रोश जताया कि विभागीय मंत्री के आदेशों का सचिव पालन नहीं कर रहे।

निगम में तैनात फील्ड, मिनिस्टीरियल सहित सभी वर्ग के कर्मचारी आंदोलन पर हैं। वे दो माह से रुके वेतन का जल्द भुगतान करने, पेयजल निगम और जलसंस्थान के एकीकरण के साथ ही राजकीयकरण करने, कोषागार से वेतन भत्ता दिए जाने और अन्य समस्याओं का त्वरित निदान करने की मांग की।

कर्मचारियों का कहना है कि कोषागार से वेतन नहीं मिलने के कारण अक्सर उन्हें समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है। कई बार पांच से छह महीने तक बिना वेतन के गुजारा करना पड़ता है। कर्मचारियों को पिछले दो महीने से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। जिस कारण घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है।

नेताओं ने कहा कि पूर्व में भी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर कई बार शासन को ज्ञापन भेजा। धरना-प्रदर्शन भी किए गए, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी है। कहा कि प्रदेश के पेयजल मंत्री और वित्त सचिव द्वारा कोषागार से वेतन भत्ते का शासनादेश जारी कर देने के आश्वासन के बाद भी शासनादेश निर्गत नहीं किया जाना कर्मचारियों को आक्रोशित कर रहा है।

कर्मचारियों ने कहा कि अगर जल्द सभी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। चेतावनी देते हुए कहा गया कि यदि शासनादेश शीघ्र निर्गत नहीं हुआ तो पेयजल निगम के सभी अभियंता और कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के लिए बाध्य भी हो जाएंगे। 

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