आज काकोरी काण्ड के क्रांतिकारियों राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान, ठाकुर रोशन सिंह और राजेंद्र लाहड़ी के शहादत दिवस पर नीमराना में मज़दूर सहयोग केंद्र अलवर, डायडो मज़दूर यूनियन, अंबेडकर शिक्षण संस्थान और मनरेगा मज़दूरों की संयुक्त पहल से विचार गोष्ठी हुई और उसके बाद नीमराना औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत ठेका मजदूरों को उनके अधिकारों से परिचित करवाने और मोदी सरकार द्वारा लागू किए जा रहे मजदूर विरोधी श्रम कानूनों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रचार अभियान शुरू किया गया जो आगे भी जारी रहेगा।
काकोरी काण्ड के शहीदों की विचारधारा मज़दूर किसान के राज को स्थापित करने वाली विचारधारा थी और और समाज को धर्म और जाति के बंटवारे से निकाल कर मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए संगठित करने वाली विचारधारा थी जिसको आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।
उसके बाद ठेका मजदूरों के बीच उनके अधिकारों को लेकर बातचीत रखी गई और पर्चा वितरण किया गया तथा श्रम कानूनों से संबंधित पुस्तिका का भी वितरण करते हुए लोगों को नए श्रम कानूनों के मजदूर विरोधी चरित्र के बारे में जागरूक किया गया। यह प्रचार अभियान अगले सप्ताह भी जारी रहेगा।