पुरानी पेंशन बहाल करो : देहरादून में प्रदर्शन; लखनऊ में 21 नवंबर को पेंशन शंखनाद रैली

पुरानी पेंशन बहाली की माँग को लेकर उत्तरप्रदेश में बाइक रैली निकली, जबकि देहरादून में सीएम आवास कूच के दौरान धक्कामुक्की के बीच पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका।
पेंशन शंखनाद रैली को ऐतिहासिक बनाने का आह्वान
लखनऊ। अटेवा-पेंशन बचाओ मंच की बैठक सेवायोजन निदेशालय संघ कार्यालय चारबाग लखनऊ में 21 नवंबर को लखनऊ के इको गार्डन में होने वाली पेंशन शंखनाद रैली की तैयारियों को लेकर प्रदेश पदाधिकारियों, मण्डल पदाधिकारियों एवं जिला संयोजको व महामंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई।
बैठक में पदाधिकारियों को 22 अक्टूबर को एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो पदयात्रा की शानदार सफलता के लिये बधाई दी गई। विजय कुमार बंधु ने कहा कि 21 नवंबर को इको गार्डन में होने वाली पेंशन शंखनाद रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिये सभी पदाधिकारियों को पुरजोर मेहनत करनी होगी सबकी एकजुटता से ही पुरानी पेंशन बहाली का मार्ग प्रशस्त होगा।
बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों के अध्यक्ष एवं मंत्रियों ने जोरदार रैली का आश्वासन दिया।
देहरादून में कर्मचारियों का सीएम आवास कूच
देहरादून (उत्तराखंड)। नई पेंशन के विरोध और पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर ‘राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा’ ने रविवार को सीएम आवास कूच किया। इस दौरान कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि सरकार पुरानी पेंशन बहाल करे, नहीं तो आंदोलन और तेज करने को बाध्य होंगे।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रदेशभर से आए कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्र हुए। परेड ग्राउंड से रैली सीएम आवास कूच के लिए निकली लेकिन पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया। इस दौरान कर्मचारियों की पुलिस के साथ धक्कामुक्की भी हुई। बाद में जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि सरकार के लिए निर्णायक समय है। इसलिए कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाली को लेकर एक नजीर पेश करते हुए सरकार कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाल करे।
प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर लगातार आंदोलन चल रहा है लेकिन सरकार, कार्मिकों के हितों को लेकर गंभीर नहीं है। चेतावनी रैली का मकसद सरकार के प्रतिनिधियों और सरकार में बैठे मंत्रियों का ध्यान पुन: इस ओर ले जाना है। यदि सरकार के कार्यकाल से पूर्व इस बाबत कोई कदम नहीं उठाया गया तो मजबूरन कार्मिकों व उनके परिवार परिवर्तन का दामन थामने को मजबूर होंगे।
संयुक्त मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि जब सरकारी कर्मचारियों के बात बुढ़ापे की आती है तो कार्मिकों को केवल पेंशन का सहारा ही नजर आता है। 2005 के बाद से इस पुरानी पेंशन योजना को बंद करके बहुत बड़ा अन्याय किया गया है। अब भूल सुधार का समय है। सरकारी कार्मिकों की एकता और ताकत को नजरअंदाज करके सरकार, कार्मिकों को नाराज नहीं करना चाहेगी।
कार्मिक अधिकारी कर्मचारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने पूरी क्षमता और जोश के साथ इस आंदोलन में प्रतिभाग किया और कहा कि अब सरकार कार्मिकों को बेवकूफ नहीं बना सकती।
राजकीय शिक्षक संघ के निवर्तमान अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी ने कहा कि यदि सरकार के कार्यकाल के पहले पुरानी पेंशन बहाली की माँग पूरी नहीं हुई तो सरकार को इसके घातक परिणाम भुगतने होंगे।
राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि यह काबिल-ए-तारीफ है कि पेंशन प्राप्त कर रहे और सेवानिवृत्त कर्मचारी भी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं।
वाराणसी में जोरदार बाइक रैली
वाराणसी (उत्तरप्रदेश)। यूटेक पेंशन बहाली मंच के आह्वान पर शिक्षक-कर्मचारियों ने सोमवार को नगर में बाइक रैली निकाली। हाइडिल मैदान से निकली रैली नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए पुन: हाइडिल मैदान पहुंच कर सभा में तब्दील हो गई। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की। बाइक रैली में शिक्षक व विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल रहे।
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रविभूषण सिंह और मंत्री धीरेंद्र पति तिवारी ने कहा पेंशन हक है, इसे हम लेकर रहेंगे। उत्तर प्रदेश प्राथमिक संघ के जिलाध्यक्ष योगेश पांडेय एवं जिला संरक्षक जय प्रकाश राय ने कहा कि यदि पेंशन बहाल नहीं की गई तो शिक्षक कर्मचारी आंदोलन को बाध्य होंगे।
अशोक त्रिपाठी और क्रांति सिंह ने कहा यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं किया गया तो सड़क से सदन तक आंदोलन किया जाएगा।

अंबेडकरनगर। यूनिक टीचर्स इम्प्लाइज कमेटी (यूटेक) के प्रांतीय अध्यक्ष प्रदीप सरल व राष्ट्रीय प्रवक्ता क्रांति सिंह के आह्वान पर सोमवार को पुरानी पेंशन बहाली को बाइक रैली निकाली गई।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सूर्यभान सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में करीब 14 लाख कर्मचारी नवीन पेंशन योजना का दंश झेल रहे हैं। विधायक, सांसद एवं मुख्यमंत्री बनने वालों को तीन-तीन पेंशन देने की व्यवस्था है, लेकिन जो कर्मचारी 30-35 वर्षों तक सेवा करता है, उसे पेंशन से वंचित किया जा रहा है।

गोंडा। सोमवार को विभिन्न संगठनों ने कलेक्ट्रेट व जिला पंचायत परिसर स्थित टिनशेड में विरोध-प्रदर्शन किया और विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता को सौंपा।
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष प्रेमकुमारी यादव ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 62 वर्ष की आयु में बिना पेंशन दिए जबरन रिटायर किया जा रहा है। इसको लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। जब तक न्यायालय का फैसला नहीं आ जाता तबतक कोई नियुक्ति न की जाए।
उन्होंने कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने, ड्यूटी के दौरान मृत कार्यकर्ताओं के आश्रितों को दस लाख रुपये का मुआवजा व नौकरी दिलाने सहित 12 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।