लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड की पैरवी के लिए 7 सदस्यीय अधिवक्ताओं की टीम गठित

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मृतक महिला किसानों का अंतिम संस्कार

एसकेएम ने कहा- किसानों ने सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया है। यदि सभी मार्ग को खोला जा रहा है, तो सरकार भी किसानों के साथ बातचीत का रास्ता खोले और उनकी मांगों को पूरा करे।

28 अक्टूबर को टिकरी सीमा पर शहीद हुई 3 महिला किसान आंदोलनकारियों का पंजाब में मानसा के खिवा दयालपुरा में अंतिम संस्कार हुआ। मोर्चा इन महिलाओं के जीवन की गहरी कठिनाइयों को महसूस करता है और किसान आंदोलन में उनकी योगदान के लिए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देता है।

पूरी तरह से मार्ग खोलना है तो मांगों को पूरा करने के लिए भी रास्ता खोलना होगा

कल रात दिल्ली पुलिस ने टिकरी बार्डर पर यातायात के लिए 40 फुट के रास्ते को खोलने की कोशिश की, हालांकि इस पर प्रशासन और किसान नेताओं के बीच बातचीत बेनतीजा रही।

दिल्ली पुलिस आयुक्त ने एक मीडिया साक्षात्कार में कहा कि वे यात्रियों के लिए सामान्य स्थिति बहाल करना चाहेंगे। कुछ समय के लिए इलाके में तनाव बढ़ गया था, और किसानों ने मोर्चा स्थल की सुरक्षा बढ़ा दी थी। किसान इस ओर इशारा कर रहे हैं कि अब दुर्घटनाओं में प्रदर्शनकारियों के घायल होने और मारे जाने की संभावना बढ़ जाएगी।

यह स्पष्ट है कि भाजपा सरकारों की पुलिस अचानक सड़कों को अवरुद्ध करने में अपनी प्राथमिक भूमिका से दूर हटने की कोशिश कर रही है, जब उच्चतम न्यायालय ने इस साल दायर एक मामले में जांच शुरू कर दी है (यह ध्यान देने योग्य है कि न्यायालय द्वारा दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 में अन्य संबंधित मामले पर अन्य सुनवाई भी हुई है)।

एसकेएम ने हमेशा कहा है कि पुलिस ने ही सड़कों को अवरुद्ध किया था, और जबरजस्ती और जल्दबाजी में बैरिकेड हटाने का विरोध कर रहे किसानों के रुख से इसकी पुष्टि होती है। एसकेएम ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उसने पहले भी दोतरफा यातायात की जगह दी है और भविष्य में भी मोर्चा स्थलों पर ऐसा ही करेगा।

एसकेएम ने कहा कि अगर सरकार पूरी तरह से मार्ग खोलना चाहती है, तो उसे किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए भी रास्ता खोलना होगा। किसान आंदोलन उसी स्थान पर जारी रहेगा या दिल्ली में कहां चलेगा? यह एक सामूहिक निर्णय है जो उचित समय पर लिया जाएगा।

अभी के लिए, जैसा कि पहले की एक प्रेस विज्ञप्ति में साझा किया गया था, एसकेएम सभी घटनाक्रमों को देख रहा है और आंदोलन का हिस्सा रहे सभी नागरिकों से अपील करता है की वे शांति बनाए रखें, और किसी भी उकसावेपूर्ण कार्यवाही से उत्तेजित न हों।

https://mehnatkash.in/2021/10/29/removal-of-barricades-on-tikri-and-ghazipur-fronts-clearly-shows-that-the-police-had-blocked-the-roads/

लखीमपुर किसान हत्याकांड में कानूनी सहायता के लिए अधिवक्ता पैनल गठित

लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में किसानों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए 7 सदस्यीय अधिवक्ता पैनल का गठन किया गया। यह टीम मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत आरोपियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाएगी।

कानूनी कार्यवाही में सहायता के लिए आवश्यकतानुसार वकीलों की टीम के साथ समन्वय करने के लिए किसान संगठनों के वालंटियर की एक टीम भी बनाई गई है।

एसकेएम की कानूनी टीम के सदस्यों ने यूपी सरकार की एसआईटी के अधिकारियों से भी मुलाकात की और एक काउंटर एफआईआर (अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज संख्या 220) में गिरफ्तार किए गए दो किसानों को तत्काल रिहा करने की मांग की; उन्होंने इस प्राथमिकी में किसानों को भेजे जा रहे पुलिस नोटिसों को भी तत्काल रोकने की मांग की।

https://mehnatkash.in/2021/10/16/lakhimpur-massacre-modi-shahs-effigy-burnt-amid-repression-and-arrests/

दाह संस्कार में हजारों लोगों ने साहसी महिलाओं को दी अंतिम विदाई

कल मानसा जिले के खिवा दयालपुरा में 28 अक्टूबर की सुबह बहादुरगढ़ में एक टिपर ट्रक द्वारा कुचले जाने से जान गंवाने वाली तीन महिलाओं का अंतिम संस्कार किया गया। कल जब तीनों महिला किसानों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया तो हर तरफ मातम छा गया। दाह संस्कार के दौरान हजारों लोगों ने इन साहसी महिलाओं को अंतिम विदाई दी।

Death of three women farmers: 'It was their first time at agri protest  site' | Cities News,The Indian Express

एसकेएम ने उन तीन महिलाओं के जीवन की गहरी कठिनाइयों को संज्ञान में लिया है। उनमें से दो अविवाहित महिलाएं हैं और उन सभी पर भारी कर्ज है, और ये सभी छोटी काश्त की किसान हैं।

इन महिला किसानों ने आंदोलन में बड़ा योगदान दिया है और एसकेएम शहीद अमरजीत कौर, शहीद सुखविंदर कौर और शहीद गुरमेल कौर को भावभीनी श्रद्धांजलि देता है। एसकेएम ने एक बार फिर कहा कि इस घटना में किसी भी तरह की गड़बड़ी को खारिज करने के लिए जांच की जानी चाहिए।

https://mehnatkash.in/2021/10/29/tragic-death-of-three-women-agitators-in-tikri-accident-skm-pays-tribute/

ग्लासगो में प्रवासी भारतीय पीएम मोदी के विरोध को तैयार

जहां जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के COP26 में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ग्लासगो पहुंचे, वहीं यूके में किसान आंदोलन के समर्थक विरोध करने के लिए तैयार हो गए हैं। ग्लासगो में विरोध किसान आंदोलन के समर्थक प्रवासी भारतीयों की ओर से मोदी सरकार को यह बताने के लिए किया जा रहा है कि भारत सरकार के अलोकतांत्रिक, अनुत्तरदायी और अड़ियल व्यवहार की हर जगह निंदा की जा रही है।

https://mehnatkash.in/2021/10/27/nris-will-protest-against-pm-modi-in-glasgow-on-30-october/

अमरोहा में हुई किसान महापंचायत, हजारों किसानों ने की भागीदारी

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक किसान महापंचायत में आज हजारों किसानों की भागीदारी देखी गई। पूरे मैदान में भारी बारिश के कारण 17 अक्टूबर को एक नियोजित पंचायत आयोजित नहीं की जा सकी और उसे स्थगित करना पड़ा था। कई एसकेएम नेताओं ने महापंचायत में भाग लिया, और किसानों को दिल्ली मोर्चा में आने का आह्वान किया।

Rakesh Tikait will attend Kisan Mahapanchayat in Amroha today | बारिश ने  बढ़ाई मुश्किल, मैदान में भरा पानी; तेज हवाओं से गिरा टेंट - Dainik Bhaskar

किसान आंदोलन के समर्थक श्री धालीवाल को परेशान करना निंदनीय

यह पता चला है कि संयुक्त राज्य अमेरिका से किसान आंदोलन के समर्थक श्री दर्शन सिंह धालीवाल को कथित तौर पर भारत में प्रवेश की अनुमति के लिए मोर्चा स्थल पर लंगर का सहायता नहीं करने के लिए कहा गया था, और यही कारण था कि उन्हें भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रवेश की अनुमति के बिना भारत से निर्वासित कर दिया गया।

एसकेएम भारत सरकार के शर्मनाक व्यवहार की निंदा करता है और उसे किसान आंदोलन के समर्थकों को परेशान करने से बाज आने की चेतावनी देता है।

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी (338वां दिन, 30 अक्टूबर 2021)

जारीकर्ता – बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह।

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