कृषि मंत्री की निहंग नेता से मुलाकात के बाद सिंघू मोर्चा हत्याकांड की निष्पक्ष जाँच हो!

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लखीमपुर नरसंहार के दबाव से ध्यान हटाने की साजिश : जुलाई में केंद्रीय कृषि और कृषि राज्य मंत्री की उसी निहंग समूह नेता से मुलाकात हुई थी जिसने सिंघू मोर्चा पर क्रूर हत्या की थी…

एसकेएम ने किसान आंदोलन के भागीदार सभी नागरिकों से अपील की है कि वे आंदोलन से भटकाव पैदा करने की खतरनाक साजिशों के शिकार न हों, और आंदोलन की प्रमुख मांगों को सुनिश्चित करने के लिए अपना प्रतिरोध तेज करते रहें।

संदेहास्पद : कृषि मंत्री की निहंग नेता से मुलाकात के बाद सिंघू मोर्चा हत्याकांड

जुलाई 2021 के महीने में केंद्रीय कृषि मंत्री और कृषि राज्य मंत्री द्वारा निहंग सिख समूह के नेता से मुलाकात के बारे में नई रिपोर्टें सामने आई हैं, प्रत्यक्ष रूप से किसानों के आंदोलन के ‘समाधान’ के लिए। यह निहंग सिख नेता उसी समूह से हैं जो 15 अक्टूबर को सिंघू मोर्चा पर क्रूर यातना और हत्या में शामिल था।

दैनिक ट्रिब्यून में सूत्रों से छपी खबर के मुताबिक केंद्रीय कृषि मंत्री एनएस तोमर, बर्खास्त सिपाही और हत्या के दोषी गुरमीत ‘पिंकी’ और भाजपा किसान मोर्चा के सुखमिंदरपाल सिंह ग्रेवाल ने जुलाई के अंत में नई दिल्ली में कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के बंगले पर मुलाकात की थी।

ट्रिब्यून के अनुसार बाबा अमन को केंद्रीय कृषि मंत्री एनएस तोमर और अन्य सहित राष्ट्रीय भाजपा नेताओं के साथ देखा गया, जहां हत्या के दोषी और सबसे विवादास्पद पुलिस बल से बर्खास्त पुलिस अधिकारी गुरमीत सिंह पिंकी भी लंच मीटिंग में मौजूद थे।
बाबा अमन सिंह निहंग समूह का मुखिया है, जिसने सिंघू सीमा पर एक व्यक्ति का हाथ काटकर कथित तौर पर हत्या कर दी थी। इस समूह के चार निहंगों को पहले ही हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।

संयुक्त किसान मोर्चा एक बार फिर दोहराया है कि सिंघू मोर्चा हत्याकांड, भाजपा और उसकी सरकारों द्वारा महसूस किए जा रहे लखीमपुर खीरी नरसंहार के दबाव से ध्यान भटकाने की साजिश में डूबी हुई प्रतीत होती है, और इसकी तत्काल और गहराई से जांच की आवश्यकता है।

आंदोलन में भटकाव पैदा करने की साजिशों का शिकार न हों

हालांकि किसी भी धर्म और आस्था की बेअदबी अस्वीकार्य है, और इसकी निंदा की जानी चाहिए, एसकेएम किसान आंदोलन में शामिल सभी नागरिकों से अपील करता है, कि वे आंदोलन में भटकाव पैदा करने के उद्देश्य से की जा रही साजिशों का शिकार न हों, और आंदोलन की प्रमुख मांगों को मनवाने के लिए अपना प्रतिरोध तेज करते रहें।

रेल रोको आंदोलन व्यापक रूप से सफल; सरकार पर बढ़ा दबाव

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गए रेल रोको आंदोलन  को कल देश भर से व्यापक समर्थन मिला है। किसान समूहों द्वारा विभिन्न स्थानों पर आयोजित रेल रोको कार्रवाई को लेकर अब भी अलग-अलग जगहों से रिपोर्ट आ रही है। गौरतलब है कि रेल रोको आंदोलन दिल्ली में भी बिजवासन रेलवे स्टेशन पर किया गया था।

रेल रोको विरोध प्रदर्शन: रेल पटरियों पर प्रदर्शनकारियों के बैठने से कई  ट्रेनें प्रभावित – Daily News 24x7

उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों में आयोजित कार्रवाई की रपटें भी आज प्राप्त हुई है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पुलिस के ज्यादती की भी खबरें भी आई हैं। हजारों किसान घंटों तक रेलवे पटरियों पर बैठे रहे ताकि अजय मिश्रा की गिरफ्तारी व बर्खास्तगी का संदेश पीएम मोदी तक पहुंचे।

कल एसकेएम के रेल रोको ने मोदी सरकार पर निश्चित दबाव बढ़ाया है। हजारों प्रदर्शनकारी किसानों ने सुनिश्चित किया कि उनके गुस्से का संदेश हर जगह भाजपा नेताओं तक पहुंचे; भाजपा के भीतर से भी कुछ आवाजें तेज हो रही हैं, जो अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं।

skm: Samyukt Kisan Morcha to hold 'rail roko' today to seek Teni's arrest,  ouster | India News - Fun 2 Jun

टेनी का बयान शर्मनाक, जांच एजेंसियों पर दबाव बढ़ाने वाला

बताया जा रहा है कि लखीमपुर खीरी में वापस आए अजय मिश्रा टेनी ने लखीमपुर खीरी नरसंहार का दोष यूपी पुलिस की विफलता पर लगाया है। लखीमपुर खीरी नरसंहार के लिए यूपी पुलिस को जिम्मेदार ठहराने वाले कल के बयान उनके द्वारा बनाए जा रहे दबाव का प्रमाण हैं।

एसकेएम इस नेता के शर्मनाक व्यवहार पर आश्चर्यचकित है, और यह साफ करता है कि एक मंत्री द्वारा दिए जा रहे ऐसे बयानों से पुलिस और जांच एजेंसियों पर दबाव बढ़ेगा। एसकेएम ने यह भी नोट किया कि सुमित जायसवाल जैसे सहअपराधियों को नरसंहार प्रकरण के लगभग तीन सप्ताह बाद कल ही पकड़ा गया।

एसकेएम की मांग है कि अजय मिश्रा को तुरंत बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाए, और ऐसा न करने पर लखीमपुर खीरी हत्याकांड में न्याय के लिए आंदोलन तेज किया जाएगा।

https://mehnatkash.in/2021/10/19/rail-roko-program-successful-at-hundreds-of-places-by-farmers-across-india-amid-arrests/

लोकनीति सत्याग्रह किसान जन-जागरण पदयात्रा वाराणसी पहुँची

गांधी जयंती पर चंपारण से शुरू हुई लोकनीति सत्याग्रह किसान जन-जागरण पदयात्रा उत्तर प्रदेश के बनारस जिले में प्रवेश कर गई है। कल सुबह पदयात्रा वाराणसी शहर में प्रवेश करेगी। इससे पहले आज यात्रा चौबेपुर से होकर गुजरी। आज गणमान्य नागरिकों द्वारा संबोधित एक विशाल जनसभा थी I एसकेएम की मांग है कि यूपी प्रशासन वाराणसी में यात्रा के समापन कार्यक्रमों के शांतिपूर्ण संचालन के लिए सभी आवश्यक प्रबंधन करे।

शहीद अस्थि कलश यात्रा जारी

अस्थिकलश यात्रा जारी है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में लखीमपुर खीरी में शहीद किसानों की कलश यात्रा के अवसर पर स्थानीय गांधी पार्क में विभिन्न संगठनों द्वारा श्रधांजलि अर्पित किया।

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी (327वां दिन, 19 अक्टूबर 2021) साथ में ट्रिब्यून का इनपुट

जारीकर्ता – बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव।

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