ग्रेटर नोएडा: श्रमिक की मौत के बाद प्रदर्शन, 27 लोग गिरफ्तार
उत्तरप्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर निर्माण श्रमिक की बिजली का करंट लगने से मौत, मुआवजे को अन्य श्रमिकों के उग्र प्रदर्शन के बाद 27 श्रमिक गंभीर धाराओं में गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा स्थित एटीएस कम्पनी की कंस्ट्रक्शन साइट पर सोमवार की शाम एक प्रवासी श्रमिक की करंट लगने से मौत के बाद मुवावजे और मालिक की लापरवाही के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने के लिए सैकड़ों श्रमिक एकत्रित हो गए।
उग्र हुए प्रदर्शन के दौरान हुई पत्थरबाजी और आगजनी के बाद पुलिस ने 27 श्रमिकों को गिरफ्तार कर लिया है। ग्रेटर नोएडा के इकोटेक 3 पुलिस थाने में 60 70 अन्य और 12 श्रमिकों के ख़िलाफ़ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। हालांकि लापरवाही की वजह से श्रमिक की मौत के लिए कंस्ट्रक्शन साइट के मालिक के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
मामले में दो एफआईआर दर्ज कराई गई है, पहली एफआईआर आईपीसी की धारा 147 और 427 के तहत कम्पनी मालिक द्वारा दर्ज कराई गई है और दूसरी एफआईआर आईपीसी की धारा 188, 269,270, 353, 427, 356 और 3 पीडीपीपी एक्ट के तहत पुलिस द्वारा दर्ज कराई गई है।
मृत श्रमिक तरुण बसु पश्चिम बंगाल के मालदा जिले का रहने वाला था। मुआवजे की मांग को लेकर मृतक के सहकर्मियों ने प्रदर्शन किया।
फिलहाल मृतक श्रमिक के परिवार वालों ने मालिक की तरफ से मुआवजा राशि प्राप्त कर लिया है और बंगाल चले गए हैं।
प्रवासी मजदूरों के साथ कानून व्यवस्था और नियोजकों की मनमानी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी कोई फर्क नहीं पड़ा है। श्रम कानूनों में ढील देने की वजह से इस तरह के औद्यौगिक दुर्घटनाओं के मामले में भी नियोक्ता प्रशासन की तरफदारी की वजह से बच कर निकल जाते हैं।