बिजली निजीकरण के विरोध में पूरे देश में विरोध प्रदर्शन; मध्यप्रदेश में हड़ताल

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संगठनों ने आगाह किया कि सरकार द्वारा इस विवादास्पद विधेयक को पारित कराने की एकतरफा कोशिश की गई तो इसके खिलाफ जबरदस्त हड़ताल होगी।

विद्युत (संशोधन) विधेयक-2021 का जबरदस्त विरोध

विद्युत (संशोधन) विधेयक-2021 के विरोध में बिजली अभियंताओं तथा अन्य कर्मचारियों ने मंगलवार को देशभर में सभाएं आयोजित की। जबकि मध्य प्रदेश में एक दिन की हड़ताल रही।

नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज ऐंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर विधेयक के विरोध में बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और इंजीनियरों ने देश भर में विरोध सभाएं कर मंगलवार को “पॉवर सेक्टर बचाओ दिवस” मनाया।

इसके तहत देश भर में समस्त परियोजना और जिला मुख्यालयों पर केंद्र सरकार की दमनकारी कार्यवाई के विरोध में विरोध सभा की गईं। सभी प्रांतो की राजधानियों में बड़ी सभाएं हुई।

विरोध सभाओं में बिजली कर्मियों ने दोहराया कि संसद में बिल पारित कराने की किसी भी एकतरफा कोशिश के विरोध में हड़ताल की जाएगी। एनसीसीओईईई के पदाधिकारी पूरी तरह सजग हैं और 13 अगस्त तक (मानसून सत्र का आखिरी दिन तक) संसद की कार्य सूची पर नजर रखे हुए हैं।

उत्तर प्रदेश: बिजली कंपनियों के निजीकरण के ख़िलाफ़ मशाल जुलूस, बड़े आंदोलन  की तैयारी

मध्यप्रदेश में हड़ताल

भोपाल। भोपाल समेत पूरे प्रदेश में इलेक्ट्रिसिटी अमेडमेंट बिल 2021 के विरोध में कर्मचारी- इंजीनियर्स ने एक दिनी कार्य बहिष्कार किया था। दस अगस्त को संपूर्ण कार्य का बहिष्कार कर अधिकारी-कर्मचारी ने अपने-अपने फोन बंद रखे।

बिजली अफसरों/ इंजीनियर्स की की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉइज एन्ड इंजीनियर्स ने इसके लिए आह्वान किया।

Electricity Workers Protest: बिजली कर्मी निजीकरण के विरोध में जुटे, कामकाज ठप

गौरतलब है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में उत्पादन का लाइसेन्स समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया, जिसके परिणाम से निजी कंपनियां इसमें आई और बिजली महंगी हुई। अब इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमें) बिल 2021 के जरिए बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है, जिससे बिजली वितरण के सम्पूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। इसका ही विरोध किया जा रहा है।

केंद्र सरकार के इलेक्टिसिटी अमेंडमेंट बिल 21 के विरोध व प्रदेश में विद्युत अधिकारी-कर्मचारियों की लंबित के निराकरण के लिए मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम के आव्हान पर बिजली विभाग का अमला एक अगस्त से विरोध प्रदर्शन कर रहा है।

निजीकरण के विरोध में हड़ताल 
सिवनी में प्रदर्शन करते कर्मचारी और इंजीनियर

इस कड़ी में एक अगस्त से लेकर विरोध स्वरुप काली पट्टी धारण कर वितरण केंद्र स्तर तक जनजागरण का कार्य किया गया। जिसके बाद दस अगस्त को संपूर्ण कार्य का बहिष्कार कर अधिकारी-कर्मचारी ने अपने-अपने फोन बंद रखे। वहीं 24 से 26 अगस्त तक तीन दिवसीय संपूर्ण कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। बावजूद इसके भी मांग पूरी नहीं हुई तो 06 सितंबर से अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन होगा।

जबलपुर। केंद्र व राज्य शासन की निजीकरण की नीति के विरोध में हड़ताल रहा। शक्ति भवन से लेकर सभी दफ्तरों में कर्मी और अधिकारी सड़क पर नज़र आये। कोई काम नहीं करेगा, यही स्वर सुनाई पड़ा। जब तक निजीकरण का प्रस्ताव वापस नहीं लिया जाता तरह-तरह से प्रतिवाद किया जाएगा। मिशन कम्पाउंड, सिविल लाइन औऱ विजय नगर में जमकर नारेबाजी हुई। अधारताल के बिजली कर्मी काली पट्टी लगाए दिखे।

Electricity Amendment Bill: बिजली विभाग के कार्यालयों में लटके ताले, स्टाफ ने फोन भी किया बंद

बालाघाट। निजीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलित बिजली विभाग के अमले ने मंगलवार को कार्य का बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया। बिजली विभाग के सभी कार्यालयों में ताले लगाकर संपूर्ण कार्य बहिष्कार का बोर्ड भी लगाया “अब याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा।“

बेतुल। मध्यप्रदेश यूनाइटेड के आव्हान पर 14 घटक संगठनों ने कार्य बहिष्कार किया। फोरम ने सरकार को शांति पूर्ण रूप से मांगो का समाधान करने की माँग की। कहा कि निजीकरण आम उपभोक्ताओं के हित में नहीं है।

भिंड। मंगलवार को वाटरवर्क्स स्थित बिजली कंपनी के कार्यलय परिसर में आउटसोर्स कर्मचारियों ने एक दिवसीय धरना दिया। बिजली कंपनी के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर ह़ड़ताल पर रहे।

बिना सूचना के आउटसोर्स कर्मचारियों को न निकाला जाए

होशंगाबाद। होशंगाबाद सहित प्रदेश भर के बिजली कर्मी, इंजीनियर हड़ताल पर है। हड़ताल के दौरान बिजली कंपनी के अधिकारी-कर्मचारियों ने कार्यालय से संबंधी कॉल मोबाइल पर रिसिव नहीं किए।

बिजली कर्मियों दफ्तर में अधिकारी-कर्मचारियों ने 
ऑफिस के दरवाजे में ताला जड़, विरोध जताया। - Dainik Bhaskar

उत्तरप्रदेश

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले मंगलवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में विरोध कार्यक्रम आयोजित हुए।

लखनऊ में शक्ति भवन सहित विभिन्न कार्यालयों में विरोध प्रदर्शन हुए।

निजीकरण के विरोध में  बिजली कर्मियों की प्रस्तावित हड़ताल स्थगित

सोनभद्र। स्थानीय तापीय परियोजना अस्पताल के पीछे विरोध सभा आयोजित कर पॉवर सेक्टर बचाओ दिवस मनाया गया। वक्ताओं ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को संसद के मौजूदा मानसून सत्र में रखने की घोषणा के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा मंगलवार को बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं द्वारा प्रस्तावित हड़ताल स्थगित कर दिया गया है।

हिमांचल

पांवटा साहिब। विद्युत बोर्ड के निजीकरण के खिलाफ पांवटा साहिब में विभाग के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने बुधवार को राष्ट्रीय समन्वय समिति के राष्ट्रव्यापी आंदोलन के आह्वान पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान इंजीनियरों और कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार निजीकरण पर अड़ी रही तो उग्र आंदोलन होगा।

डलहौजी। विद्युत बोर्ड इंप्लाइज यूनियन डलहौजी में मंगलवार को बिजली कंपनियों के निजीकरण के विरोध में धरना-प्रदर्शन हुए।

बिजली कंपनियों के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन

चंबा। बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने विद्युत मंडल कार्यालय परिसर में भोजन अवकाश के दौरान विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड़ इम्प्लाईज यूनियन चम्बा ने एन.सी.सी.ओ.ई.ई.ई. और हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड़ इम्प्लाईज यूनियन के संयुक्त आह्वान पर किया।

electricity board employees union demonstrated in chamba

राजस्थान में 11 अगस्त को प्रदर्शन  

जयपुर। विभिन्न मांगों को लेकर विद्युत तकनीकी कर्मचारी बुधवार को राजधानी में जुटेंगे। राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के बैनर तले विद्युत भवन का घेराव होगा। प्रदर्शन में राज्यभर से करीब 10 हजार से अधिक कर्मचारियों के पहुंचने का दावा है। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि सरकार बिजली कंपनियों का निजीकरण कर प्रदेश की जनता एवं कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात कर रही है।

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