दिल्ली में मजदूरों को राशन, 50 हज़ार मुआवजा और पेंशन की घोषणा

दिल्ली में जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी अगले 2-3 दिनों में मुफ़्त राशन देने का फैसला। राशन लेने के लिए कोई कार्ड नहीं दिखाना पड़ेगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा आज 18 मई को ऑनलाईन प्रेस कांफ्रेंस के जरिए दिल्ली में कोरोना महामारी में जान गवाने वाले परिवारों सहित लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को राहत प्रदान करने हेतु लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी गई।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा खिंचाई के बाद दिल्ली सरकार की ओर से आज कोरोना से प्रभावित परिवारों और प्रवासी मजदूरों के लिए निम्नलिखित घोषणा हुई है:-
1. दिल्ली में 72 लाख लोग ऐसे हैं जिनके पास राशन कार्ड है। ऐसे लोगों को सरकार हर महीने पांच किलो राशन देती है। इस महीने सरकार की तरफ से ये राशन बिल्कुल मुफ़्त कर दिया गया है। इसके अलावा पांच किलो मुफ़्त राशन प्रधानमंत्री की स्कीम के तहत और दिया जा रहा है। इस महीने हर राशनकार्ड धारक की ओर से 10 किलो राशन मिलेगा।
2. जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी पिछली बार की तरह मुफ़्त राशन दिया जाएगा। अगले 2-3 दिनों में इस योजना का पूरी सूचना के साथ एलान होगा। राशन लेने के लिए किसी प्रकार का कोई कार्ड नहीं दिखाना पड़ेगा।
3. परिवार में कोरोना से मौत पर 50 हजार का मुआवजा दिया जाएगा।
4. परिवार में कमाने वाले सदस्य की मौत पर ₹50000 मुआवजा सहित प्रतिमाह 2,500 रुपये की पेंशन दी जाएगी।
5. जो बच्चे अनाथ हो गए हैं यानि माता-पिता दोनों कोरोना की वजह से मारे गए हैं उन्हें 25 साल की उम्र तक 2500 रुपये महीने दिए जाएंगे और उनके शिक्षा मुफ्त की जाएगी।
दरअसल 13 मई को प्रवासी मजदूरों की समस्या से संबंधित याचिका पर संज्ञान लेकर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में शामिल प्रशासकों और राज्यों को प्रवासी मजदूरों से संबंधित योजना बनाने के अंतरिम निर्देश जारी किए थे। इसके अनुसार केंद्र सरकार, दिल्ली, हरियाणा और यूपी सरकार को पुलिस और स्थानीय प्रशासन का सहयोग लेकर प्रवासी मजदूरों को चिन्हित करना है, प्रवासी मजदूरों को सूखा राशन प्रदान करना है इसमें किसी प्रकार के कार्ड की बाध्यता नहीं होगी। घर जाने को इच्छुक प्रवासी मजदूरों को रेल या बस सुविधा उपलब्ध करानी है और सामूहिक रसोई स्थापित करनी है।

सोमवार को दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने राज्य में अंतर राज्य प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979 के प्रावधान के पालना हेतु एक सर्कुलर निकाला था।
जिसके अनुसार सभी नियोजकों को, जिनके पास 5 से ज्यादा प्रवासी मजदूर काम करते हैं, उसको ई- डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से श्रम विभाग में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और प्रवासी मजदूरों की जानकारी से संबंधित एक रजिस्टर रखना होगा।

उसके बाद दिल्ली श्रम विभाग ने जिला वार सामूहिक रसोई और शेल्टर की सूची जारी की और श्रम विभाग, राजस्व विभाग तथा दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर वार्ड वाइज प्रवासी मजदूरों का डेटा इकट्ठा करने की घोषणा की। इसके लिए जिला वार दो मोबाईल नम्बर भी जारी किए गए हैं।
दिल्ली में घर जाने के इच्छुक प्रवासी मजदूर अपने नजदीकी पुलिस थाने, डीएम ऑफिस या एसडीएम ऑफिस में सूचना दे सकते हैं।
अभी तक हरियाणा और यूपी सरकार की तरफ से लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को राहत प्रदान करने के लिए किसी प्रकार की घोषणा नहीं की गई है।