किसान ने की खुदकुशी की कोशिश, कहा “पीएम, अमित शाह को ज़िम्मेदार ठहराया जाए”

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किसान आंदोलन में खुदकुशी का सिलसिला जारी

नई दिल्ली: पंजाब के तरनतारन जिले से ताल्लुक रखने वाले 65 साल के एक किसान निरंजन सिंह ने सोमवार को जहर खाकर जान देने का प्रयास किया. निरंजन सिंघु बॉर्डर कोंडली में चल रहे आंदोलन कर रहे हजारों किसानों में से एक हैं. निरंजन के जहर खाने की जानकारी होने के बाद पहले उन्हें पानीपत के एक अस्पताल ले जाया गया और फिर पीजीआई रोहतक ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर है. तबियत में सुधार के बाद निरंजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा.

उन्होंने कहा, “मैं अब अच्छा महसूस कर रहा हू्ं.सरकार शायद तब जागेगी कि जब आत्महत्या जैसी घटनाएं होंगी. जब कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है तो उसे इस काम के लिए उकसाने वाले पर पुलिस केस दर्ज करती है. मेरे मामले में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर केस दर्ज किया जाना चाहिए.” जब किसान जीवित नहीं रहेगा तो कोई और कैसे जिंदा रहेगा.

वहीं पंजाब के फिरोजपुर में एक किसान कुलबीर सिंह ने सोमवार को खुदकुशी कर ली, जो दिल्ली के आंदोलन में शामिल होकर लौटा था. कुलबीर पर करीब 8 लाख रुपये का कर्ज था. किसान नेताओं ने रविवार को आंदोलन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी थी और उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया था. पंजाब के बठिंडा जिले में भी 22 साल का एक युवा किसान भी आंदोलन से लौटने के बाद जान दे चुका है.

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार से अगले 24 घंटों की भूख हड़ताल शुरू की है. केंद्र सरकार के वार्ता के न्योते पर किसान नेता मंगलवार को पंजाब और राष्ट्रीय किसान नेताओं की बैठक होगी.भारतीय किसान यूनियन दोआबा के प्रमुख और पंजाब के किसान नेता मंजीत सिंह का कहना है कि सरकार बार-बार बातचीत की बात कहकर लगातार किसानों की मांगों को टाल रही है. सरकार फौरन कृषि कानून रद्द करे.

मंजीत सिंह का कहना है कि मंगलवार को बैठक के बाद तय होगा कि सरकार से बात करनी है या नहीं. किसान नेताओं का कहना है कि हम 6 महीने यहीं बैठे रहेंगे. आढ़तियों और किसानों पर आयकर विभाग की छापेमारी पर सिंह ने कहा कि सरकार जितना आंदोलन को दबाएगी वह उतना ही मजबूत होगा.