नए कृषि कानूनों को रद्द करने की माँग पर कोलकाता में धरना

किसानों से संग्रामी एकता के लिए आगे आने का आह्वान
कोलकाता। भाजपा सरकार के नये तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की माँग पर एवं दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन को एकजुटता ज्ञापन करने के लिए मज़दूर कांति परिषद (एमकेपी) का प्रतिवादी धरना चला। प्रदर्शन के माध्यम से पूँजी हितैषी कृषि कानून व मज़दूर विरोधी श्रम कोड को रद्द करने, देश कि सम्म्पत्तियों को बेचना बंद करने आदि की माँगें बुलंद हुईं।
1 दिसंबर को दोपहर 12:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक स्थानीय बहू बाजार बैंक ऑफ इंडिया के समीप चले इस धरना के दौरान वक्ताओं ने संघर्षरत किसानों की जीवटता के साथ संग्रामी एकता प्रदर्शित की और मोदी सरकार के दमनात्मक कार्रवाइयों और जारी हठधर्मिता की तीखे शब्दों में निंदा की।

एमकेपी के शुभेंदु विश्वास ने अपने वक्तव्य में बताया कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा को इस राज्य में किस तरह मदद दे रहा है। उन्होंने बीएसएनएल के कर्मियों को बहुत दिनों से उनका वेतन नहीं पाने का मामला भी उठाया।
मज़दूर विरोधी श्रम कोड को लेकर वक्तव्य रखने के साथ-साथ शुक्ला कुंडू ने कहा भाजपा के शासन में नारी उत्पीडन और भी ज्यादा बढ़ गया है। उन्होंने इसके विरोध में समाज को उठ खड़े होने का आह्वान किया एवं लॉकडाउन के समय केंद्र के द्वारा श्रमिक विरोधी अवस्थान लेने की भी निंदा की।
रेड स्टार के सुनील पाल ने कहा कि दिल्ली आने के समय रास्ते में किसानों को हरियाणा सरकार एवं केंद्रीय सरकार किस तरह से पानी की बौछार, टीआर गैस के गोले से रोकना चाहा। फिर भी किसानों के सामने सरकार को झुकना पड़ा।
न्यू डेमोक्रेसी के आशीष दास गुप्ता ने कहा कि पंजाब के किसानों के संगठन अपने जान पर लड़कर जमीन छीनने के विरुद्ध लड़ाई कर रहा है। उनके साथ इस लड़ाई में सभी को जुड़ना है। वर्तमान परिस्थिति में एकता व संग्राम की आकांक्षा को भी उन्होंने रखा।

प्रतिवादी धरना से उठी माँग-
- एक ध्रुवीय पूँजी की स्वार्थ रक्षाकारी नई कृषि कानून रद्द करो!
- मज़दूर विरोधी श्रम कोड बिल रद्द करो!
- गैर सरकारी करण के माध्यम से देश की संपदा की लूट बंद करो!
- आरएसएस – भाजपा के फासीवादी आक्रमण के खिलाफ श्रमजीवी लोग एकजुट लड़ाई का निर्माण करो!
- पूंजीपतियों के स्वार्थ में नहीं , श्रमजीवीयों के स्वार्थ में विकास चाहिए!
- तृणमूल कांग्रेस व राज्य सरकार के भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद एवं गणतांत्रिक हीनता का विरोध करो!
- एनआरसी-सीएए-एनपीआर रद्द करो!
धरने की अध्यक्षता कॉमरेड बीना नंद झा, कॉमरेड उपेन्द्र रावत, कॉमरेड सुकांतो घोष ने तथा संचालन कॉमरेड आभाष मुंशी ने की। सीपीआईएमएल रेड स्टार से कॉमरेड सुनील पाल, सीपीआई एमएल न्यू डेमोक्रेसी से कॉमरेड आशीष दास गुप्ता, पीडीएसएफ के मृण्मय सरकार, अनीक पत्रिका से कॉमरेड प्रणब दे, सीपीआईएमएल लिबरेशन से कॉमरेड बासुदेव बसु, नो एनआरसी मूवमेंट की ओर से सुखेंदु सरकार, नारी अधिकार आंदोलनकर्मी निशा विश्वास एवं तपति चटर्जी, बीएसएनएल ठेका श्रमिकों के चल रहे आंदोलन से साथी शिवनाथ नस्कर, बन्दी मुक्ति कमेटी के साथी छोटन दास सहित विभिन्न पार्टी एवं गण संगठन के कर्मियों ने भाग लिया।