गुड़गांव व रुद्रपुर में मज़दूरों ने किया प्रदर्शन
कॉरपोरेट परास्त 3 किसान क़ानूनों के खिलाफ़ संघर्षरत किसानों के समर्थन में आज 3 दिसम्बर को मारुति मज़दूर संघ ने गुड़गांव में तो श्रमिक संयुक्त मोर्चा ने रुद्रपुर में प्रदर्शन किया और कृषक क़ानूनों को रद्द करने की माँग बुलंद की।
प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि अंबानी-अडानी के इशारे पर सरकार किसानों को गुलाम बनाने की तैयारी कर रही है, जिसका देश भर के किसान पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं। किसानों द्वारा राजधानी दिल्ली की घेरेबंदी करने की तैयारी जारी है।
नए कानून सिर्फ किसानों के ही नहीं बल्कि बाकी मज़दूर मेहनतकश जनता के भी खिलाफ है। सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली से हाथ खींचने की मंशा भी इसके तहत साफ है।
गुड़गांव में प्रदर्शन, राष्ट्रपति को ज्ञापन
गुड़गांव। मारुति मारुति मज़दूर संघ के नेतृत्व में संघ की सभी यूनियनों ने किसान विरोधी तीन नए कानूनों के विरोध में किसानों के आन्दोलन का समर्थन करते हुए माननीय डी० सी० गुड़गांव के मार्फ़त भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में भारत सरकार के किसान विरोधी नीतियों को तुरंत वापस लेने और किसानों की सभी मांगों को मानने और किसान आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का और काले श्रम कानूनों को तुरंत वापस लेने पर बल दिया गया।

सभा में मारुति सुजुकी मानेसर, मारुति सुजुकी गुरुग्राम, एमपीटी मानेसर, बेलसोनिका, सुजुकी बाइक, एटक, सीटू व मज़दूर सहयोग केंद्र, इन्क़लाबी मज़दूर केंद्र आदि के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सभा की अगुवाई करते हुए मारुति सुजुकी मज़दूर संघ के प्रधान श्री राजेश कुमार ने किसानों की माँगों का समर्थन करते हुए कहा कि अगर किसान पर कोई आंच आती है तो मजदूर भाई भी उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा और हर आंदोलन में उसका सहयोग करेगा।
मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन मानेसर के प्रधान अजमेर सिंह यादव ने कहा कि सरकार को जल्दी से जल्दी किसानों की बातों को शांतिपूर्ण तरीके से हल निकालना चाहिए।

सभा को मारुति उद्योग कामगार यूनियन गुरुग्राम के प्रधान श्री नरेंद्र सिंह, प्रधान सुभाष शर्मा, एम एस एम एस के महासचिव संदीप कुमार यादव, चीफ पैटर्न पवन लठवाल, बेलसोनिका के अजीत सिंह, सुजुकी बाइक के जगप्रीत, आईएमके से श्यामवीर, एटक से अनिल पवार, सीटू से कामरेड सतबीर सिंह, मज़दूर सहयोग केंद्र से खुशीराम इत्यादि मज़दूर नेताओं ने संबोधित किया।
श्रमिक संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में रुद्रपुर में प्रदर्शन
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। 3 दिसंबर को श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर के आह्वान पर देश भर में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में रोडवेज स्थित सुमेर शुक्ला पार्क में एक आम सभा का आयोजन किया गया। सभा में श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर से जुड़ी यूनियनों, भारतीय किसान यूनियन उत्तराखंड के कार्यकर्ताओं व मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान मासा के घटक मज़दूर सहयोग केंद्र व इन्क़लाबी मज़दूर केंद्र ने भागीदारी की।

सभा में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने देशी-विदेशी कारपोरेट पूंजी के हित में देश के मज़दूरों-किसानों के खिलाफ कानून बनाकर उनका शोषण उत्पीड़न तेज करने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश के पिछले 8 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर धरनारत है, लेकिन मोदी सरकार बेशर्मी से किसानों का दमन करने पर आमादा है। कड़ाके की ठंड के बावजूद किसानों पर पानी की बौछार की जा रही है।
5 दिसम्बर को देशभर में होगा पुतला दहन
सभा में वक्ताओं ने कहा कि अगर आज की वार्ता में किसानों की मांगों का समाधान नहीं होता है तो संघर्षरत किसानों की ओर से 5 दिसंबर को अंबानी अदानी मोदी सरकार के गठजोड़ का पुतला दहन के देशव्यापी कार्यक्रम में श्रमिक संयुक्त मोर्चा भी पुतला दहन करेगा।
सभा से पूर्व मजदूरों किसानों ने 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों की याद में 2 मिनट का मौन रखकर विरोध विरोध सभा की शुरुआत की।

आज की सभा में श्रमिक संयुक्त मोर्चा, मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा), भारतीय किसान यूनियन, इंकलाबी मज़दूर केंद्र, मज़दूर सहयोग केंद्र, अखिल भारतीय किसान महासभा, भाकपा माले, आप, इंट्रार्क मजदूर संगठन, बजाज मोटर कर्मचारी यूनियन, एलजीबी वर्कर्स यूनियन, नेस्ले कर्मचारी संगठन, राकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ, एडविक श्रमिक संगठन, करोलिया लाइटिंग एंप्लाइज यूनियन, ऑटो लाइन इंप्लाइज यूनियन, राने मद्रास इम्पलाइज यूनियन, भगवती इम्पलाइज यूनियन, छात्रसंघ पूर्व अध्यक्ष, पंजाबी यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष आदि शामिल थे।

मज़दूरों ने लगाए नारे-
- किसान-मज़दूर एकता जिंदाबाद!
- किसान आंदोलन को पूंजीवाद विरोधी आंदोलन में तब्दील करो!
- किसान विरोधी नए तीन कानून वापिस लो!
- मज़दूर विरोधी 4 श्रम संहिताए वापस लो!
- नई शिक्षा नीति रद्द करो!