उत्तरप्रदेश परिवहन निगम कर्मियों का संघर्ष हुआ तेज
परिवहन निगमलखनऊ। कार्यालय संवाददातापरिवहन निगम का निजीकरण बर्दास्त नहीं होगा। कर्मचारी और निगम हित में सरकार को फैसला वापस लेना पड़ेगा। जब तक निगम हित में रोडवेज के मार्गो पर निजी ऑपरेटरों का परमिट प्रतिबंधित नहीं होगा तब तक निजीकरण का विरोध होता रहेगा। उक्त बातें बुधवार को निगम मुख्यालय पर 20 सूत्री मांगों को लेकर दूसरे चरण का धरना प्रदर्शन के दौरान संघ के महामंत्री ने कहीं। सेंट्रल रीजनल वर्कशाप कर्मचारी संघ की ओर से धरना प्रदर्शन का राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने समर्थन किया। परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने निजीकरण के विरोध का समर्थन करते हुए मुख्य सचिव से हस्ताक्षेप करने की मांग की।
इस दौरान धरना को संबोधित करते हुए संघ के महामंत्री जसवंत सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा का जवाब देने के लिए तीसरे चरण का आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। संघ के अध्यक्ष त्रिलोकी ब्यास ने कहा कि जल्द ही तारीख का एलान करते हुए सड़क पर आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। क्षेत्रीय प्रबंधक को सौंपा ज्ञापननिगम मुख्यालय पर धरना कर रहे संघ के लोगों से ज्ञापन लेने क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस पहुंचे। उन्होंने 20 सूत्री ज्ञापन में क्षेत्रीय स्तर की समस्याओं के निस्तारण के लिए जल्द ही आदेश करने पर अपनी सहमति व्यक्त किया। इस दौरान कैसरबाग बस अड्डे से बसों का संचालन रोकने के आदेश को सभी डिपो की ओर से लागू करने की बात कहीं।
लाइव हिन्दुस्तान से साभार