फैक्ट्री के सेफ्टी टैंक की सफाई में दो मज़दूरों की मौत, 3 गंभीर

seftik tank

बगैर सुरक्षा केमिकल वाले सेफ्टिक टैंक की सफाई करने को थे मजबूर

खतरनाक स्थितियों में काम करते हुए सफाई मज़दूरों कि मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा घटना उत्तर पश्चिम दिल्ली के आजादपुर इलाके की है, जहाँ गहना बनाने वाली फैक्ट्री में सेप्टिक टैंक साफ करने के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से दो मज़दूरों की मौत हो गई, जबकि 3 कि हालत गंभीर है। सेफ्टिक टैंक में खतरनाक रसायन वाला पानी रहता है।

खबर के मुताबिक रविवार को आजादपुर के जी-ब्लॉक में स्थित एक गहनों की फैक्ट्री में टैंक को साफ कर रहे सात लोगों में तीन बेहोश हो गए। उन्हें बीजेआरएफ अस्पताल ले जाया गया। जहाँ दो मज़दूरों- इदरीस (45) और सलीम (45) को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया। दोनों उत्तर प्रदेश के खुर्जा के रहने वाले थे।

पुलिस के अनुसार अब्दुल सद्दाम (35), सलीम (35) और मंसूर (38) को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि इस्लाम (40) का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उसकी हालत स्थिर है।

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सोने-चाँदी के गहने बनाने में केमिकल का इस्तेमाल

पुलिस ने बताया कि बड़ा बाग स्थित जीडी करनाल रोड औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्री में सोने और चांदी की माला बनती है, जहां ये हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री में रसायनों का इस्तेमाल गहनों को बनाने में होता है और सेप्टिक टैंक का इस्तेमाल उन्हें साफ करने वाले पानी को जमा करने के लिए किया जाता है।

फैक्टरी मालिक राजेंद्र सोनी ने टैंक को साफ करने का ठेका नजफगढ़ निवासी प्रमोद डांगी (35) को दिया था। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि फैक्ट्री मालिक और ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

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भयानक स्थिति में काम

दिल्ली फायर विभाग के अधिकारी ने मीडिया को बताया कि टैंक 15 से 20 फीट गहरा हो सकता है। मजदूरों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए थे। सफाई वाली जगह पर एक बांस की सीढ़ी थी और मजदूर उसी पर खड़े थे। विभाग के मुताबिक हेडलाइट की जगह बस एक बल्ब लटकी हुई थी।

दिल्ली फायर सर्विस के मुताबिक जहरीली गैस की चपेट में आने से वहां खड़ा पहला मजदूर बेहोश हो गया और उसके बाद उसे बचाने कूदा दूसरा मजदूर भी बेहोश हो गया। फायर सर्विस का कहना है कि टैंक के अंदर से सख्त दुर्गंध आ रही थी।

मज़दूर सुरक्षा उपकरण नहीं पहने हुए थे और 400 रुपये की दिहाड़ी के लिए सेप्टिक टैंक में उतरे थे।

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राजधानी दिल्ली में एक सप्ताह में दूसरी घटना

राजधानी दिल्ली में बीते एक सप्ताह में यह दूसरी घटना है। इससे पहले 10 अक्टूबर को बदरपुर इलाके में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मकान मालिक और एक मजदूर की मौत हो गई थी।

दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में बदरपुर के मोलारबंद इलाके में देवेंदर नामक मजदूर सफाई के लिए अंदर गए तो जहरीली गैस की चपेट में आकर अचेत होकर सेप्टिक टैंक में गिर गए थे। ठेकेदार मनोज और मकान मालिक सतीश चावला देवेंदर को बचाने अंदर गए तो वे भी बेहोश हो गए थे।

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एक दशक में 631 मौतें

देश में सेप्टिक टैंक की सफाई जोखिम भरा काम है और मज़दूर चंद रुपयों के लिए बिना सुरक्षा उपकरण के जान जोखिम में डालकर सेप्टिक और सीवर टैंक की सफाई करने उतरने के लिए मजबूर होते हैं।

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के मुताबिक पिछले एक दशक में सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान 631 लोगों की मौत हुई है। सबसे अधिक मौत साल 2019 में 115 लोगों की हुई।

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