रेलवे के निजीकरण के ख़िलाफ़ संघर्ष लगातार जारी
निजीकरण के विरोध में रेलवे कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शनों के साथ लगातार संघर्ष जारी है। इसी क्रम में देश के विभिन्न हिस्सों में मशाल जुलूस व कैंडल मार्च निकालकर कर्मचारियों ने विरोध प्रकट किया।
एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के तत्वावधान में कासगंज में रेल कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की कर्मचारियों विरोधी नीतियों एवं निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया। मशाल जुलूस निकालकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। सरकार से निजीकरण के प्रस्ताव को रद किए जाने एवं पुरानी पेंशन बहाली की माँग की।
कर्मचारी नेता केपी उपाध्याय ने कहा कि संविधान में कहा गया है कि अगर कोई सरकारी विभाग घाटे में नहीं हो तो सरकार उसे निजी हाथों में नहीं सौंप सकती है। बाजवूद सरकार रेलवे का निजीकरण कर रही है। रेलवे 102 प्रकार की श्रेणी में लोगों को किराया में छूट देती है। रेलवे का निजीकरण होने पर कर्मचारियों के साथ-साथ आम जनता पर इसका विपरीत प्रभाव देखने को मिलेगा।
इस मौके पर संतोष कुमार, सुनील कुमार, सर्वेश्वरी रामनिवास, आशुतोष बरनवाल, शशिकांत तिवारी, अशोक राम, एपी मिश्रा, रविन्द्र चौबे, निखिल कुमार, लालू यादव आदि थे।