उच्च महंगाई के कारण पिछले 12 महीने के दौरान 40% भारतीयों की खर्च करने योग्य कमाई घटी

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सर्वे :  वैश्विक स्तर पर करीब 25 फीसदी लोगों ने पिछले एक साल में खर्च योग्य आमदनी बढ़ने की बात की, जबकि भारत में ऐसे लोग सिर्फ 14 फीसदी रहे

हालिया कुछ महीनों के दौरान महंगाई दर (Inflation in India) में भले ही नरमी आई है, लेकिन इसने अभी भी लोगों को परेशान करना कम नहीं किया है. एक हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि उच्च महंगाई के कारण पिछले 12 महीने के दौरान करीब 40 फीसदी भारतीयों की खर्च करने योग्य कमाई (Disposable Income) कम हुई है. हालांकि राहत की बात यह है कि अन्य देशों की तुलना में देखें तो भारत में आई गिरावट कम है.

YouGov के एक सर्वे के अनुसार, इस सर्वे में 18 देशों के लोगों ने हिस्सा लिया और उनमें से 50 फीसदी लोगों ने कहा कि महंगाई की ऊंची दरों के कारण उनकी खर्च योग्य कमाई में गिरावट आई है. हालांकि कुछ लोगों की आमदनी इस दौरान बढ़ी भी है. सर्वे के अनुसार, वैश्विक स्तर पर करीब 25 फीसदी लोगों ने पिछले एक साल में खर्च योग्य आमदनी बढ़ने की बात की, जबकि भारत में ऐसे लोग सिर्फ 14 फीसदी रहे.

खर्च योग्य आमदनी यानी डिस्पोजेबल इनकम कमाई के उस हिस्से को कहते हैं, जो किसी परिवार के पास टैक्स चुकाने तथा घर के किराये समेत अन्य खर्चे और ईंधन के खर्च के बाद बचता है. डिस्पोजेबल इनकम पर महंगाई का सीधा असर होता है, क्योंकि महंगाई बढ़ने से घर व ईंधन के खर्चे भी तत्काल बढ़ जाते हैं.

सर्वे के अनुसार, जिन 18 देशों के लोगों ने इसमें हिस्सा लिया, सभी में डिस्पोजेबल इनकम में गिरावट आई है. ब्रिटेन में इसका असर सबसे ज्यादा हुआ है, क्योंकि वहीं के 65 फीसदी लोगों का मानना है कि उनकी डिस्पोजेबल इनकम कम हुई है, जबकि 20 फीसदी लोगों ने बढ़ने की बात की है. इसी तरह कनाडा के 58 फीसदी, फ्रांस के 55 फीसदी और डेनमार्क, पोलैंड व स्वीडन के 54-54 फीसदी लोगों ने खर्च योग्य कमाई में गिरावट की बात की है.

भारत की बात करें तो लोग पिछले 12 महीने की तुलना में आने वाले महीनों को लेकर ज्यादा परेशान हैं. भारत से सर्वे में शामिल हुए 66 फीसदी लोगों को आने वाले समय में खर्च की चिंता सता रही है, जबकि वैश्विक स्तर पर 62 फीसदी लोग इस बारे में चिंतित हैं.

समय के साथ भारतीयों की खरीदारी के तरीके में भी बदलाव आ रहा है. सर्वे के अनुसार, 45 फीसदी भारतीय ऑनलाइन और स्टोर से कीमतों की तुलना करते हैं तथा डिस्काउंट कूपन का इस्तेमाल कर सस्ते में खरीदारी का फायदा उठाते हैं. वहीं 42 फीसदी लोगों का कहना है कि वे सेल का इंतजार करते हैं, जबकि 40 फीसदी भारतीय अपने खर्चों को बजट में रखने के लिए सस्ते दुकानों का रुख करते हैं.