ट्विटर ने भारत में की ज्यादातर कर्मचारियों की छंटनी, वैश्विक स्तर पर कार्यबल घटाने की योजना

भारत में ट्विटर के 230 कर्मचारी थे, जिनमें से 183 की छंटनी की गई है। मस्क ने कंपनी की कमान संभालते ही पिछले हफ्ते ट्विटर के सीईओ व सीएफओ को निकाला था।

ट्विटर ने वैश्विक स्तर पर कार्यबल में कमी करने की योजना के तहत भारत में अपने ज्यादातर कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इस छंटनी से पहले भारत में कंपनी के 200 से अधिक कर्मचारी काम रहे थे।

द एकोनामिक्स टाइम्स ने विभिन्न सूत्रों और पूर्व कर्मचारियों के हवाले से बताया है कि भारत में सोशल मीडिया कंपनी के 230 कर्मचारी थे, जिनमें से 183 की छंटनी की गई है।

मास्क ने खरीदा था ट्विटर, शुरू की छँटनी

विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति मस्क ने लंबे विवाद के बाद 27 अक्टूबर को 44 अरब डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण पूरा किया था। मस्क ने कंपनी की कमान संभालते ही पिछले हफ्ते ट्विटर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पराग अग्रवाल के साथ ही मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) और कुछ अन्य शीर्ष अधिकारियों को निकाल दिया था।

इस बीच, शीर्ष प्रबंधन के कई लोगों ने इस्तीफा दे दिया। मस्क ने अब कंपनी के वैश्विक कार्यबल को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर छंटनी शुरू की है।

सूत्रों ने कहा कि इंजीनियरिंग, बिक्री तथा विपणन और संचार टीमों में छंटनी की गई है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि भारत में नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को क्षतिपूर्ति के तौर पर कितना भुगतान किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि भारत में पूरे विपणन और संचार विभाग को बर्खास्त कर दिया गया है। ट्विटर इंडिया के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘छंटनी शुरू हो गई है। मेरे कुछ सहयोगियों को इस बारे में ईमेल से सूचना मिली है।’

एक अन्य सूत्र ने कहा कि छंटनी ने भारतीय टीम के ‘महत्वपूर्ण हिस्से’ को प्रभावित किया है। हालांकि, अभी छंटनी का पूरा ब्योरा नहीं मिला है।

छँटनी के पूर्व कोई नोटिस नहीं

इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, शुक्रवार को बर्खास्त किए गए एक कर्मचारी ने बताया, ‘हमें कम से कम कोई नोटिस तो दिया जा सकता था। लॉगआउट करने के बाद लोगों को बताया गया कि उन्हें निकाल दिया गया है। यह सब ऐस नहीं किया जाता है।’

एक अन्य कर्मचारी जिन्होंने दो साल पहले ट्विटर इंडिया में काम शुरू किया था, ने बताया कि उन्हें बर्खास्त किए जाने को लेकर कोई मेल तो नहीं मिला लेकिन उन्हें कंपनी के सभी सिस्टम, ईमेल और स्लैक से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, हमारे अमेरिकी साथियों को 60 दिनों की सेवेरंस (क्षतिपूर्ति) देने की बात कही गई है। लेकिन यहां सभी को लगता है कि बर्खास्तगी का ईमेल करने की बजाय आमने-सामने बात किया जाना बेहतर होता।’

रॉयटर के अनुसार, वैश्विक स्तर पर छंटनी के बारे में कर्मचारियों को सूचित करने वाला ईमेल पिछले सप्ताह मस्क के पदभार संभालने के बाद मिला था। हालांकि इसमें मस्क या किसी अन्य अधिकारी का नाम लिए बिना केवल ‘ट्विटर’ द्वारा हस्ताक्षरित था।

विरोध: ट्विटर पर ट्वीट

दर्जनों कर्मचारियों ने ट्वीट किया कि शुक्रवार की सुबह एक आधिकारिक छंटनी नोटिस मिलने से पहले रातोंरात उनके दफ्तर के ईमेल और स्लैक चैनलों तक एक्सेस वापस ले ली गई थी। इसके लेकर ट्विटर के वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दीं। उन्होंने हैशटैग #OneTeam और #LoveWhereYouWorked लिखते हुए एक दूसरे के लिए समर्थन व्यक्त किया।

रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों ने लिखा, ट्विटर की क्यूरेशन टीम, जो ‘ट्विटर पर सामने आने वाली सबसे अच्छी घटनाओं और कहानियों को लाने’ के लिए जिम्मेदार थी, उसको हटा दिया गया था।

ट्विटर के कार्यवाहक मानवाधिकार प्रमुख शैनन राज सिंह ने भी ट्वीट किया कि कंपनी की पूरी मानवाधिकार टीम को बर्खास्त कर दिया गया है।

ट्विटर पर एक पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक के एक ट्वीट के अनुसार, एक अन्य टीम जो ट्विटर के मशीन लर्निंग और एल्गोरिदम, वो एक मुद्दा जो मस्क के लिए प्राथमिकता थी, को लेकर रिसर्च कर रही थी, उसे भी ख़त्म कर दिया गया है।

कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने ट्विटर पर उनकी नौकरी जाने के बारे में लिखा। इनमें से एक वाइस प्रेजिडेंट, इंजीनियरिंग अरनॉड वेबर भी थे, जिन्होंने शुक्रवार को ट्विटर पर विदाई संदेश लिखा। उन्होंने कहा कि ट्विटर में अभी भी बहुत सारी क्षमता है लेकिन हमने जो हासिल किया है, उस पर मुझे गर्व है।

‘ट्विटर ब्लू’, वह प्रीमियम सब्सक्रिप्शन सेवा, जिसे मजबूत बनाने के लिए मस्क लगे हुए हैं, उसके कर्मचारियों को भी निकाला गया है।

मस्क के ट्विटर के अधिग्रहण से पहले ही इस तरह की चर्चा थी कि वह सोशल मीडिया कंपनी में कर्मचारियों की संख्या में कटौती करेंगे। कुछ खबरों में तो यहां तक कहा गया है कि वह कर्मचारियों की संख्या में 75 प्रतिशत तक कमी करेंगे।

बता दें कि मंगलवार को मस्क ने घोषणा की थी कि ट्विटर पर सत्यापन (वेरिफिकेशन) के बाद जारी किए जाने वाले बैज ‘ब्लू टिक’ के लिए उपयोगकर्ताओं को हर महीने आठ डॉलर देने होंगे। उन्होंने यह घोषणा करते कहा था कि इससे यूजर्स को जवाब देने और खोज करने में प्राथमिकता मिलेगी, जो फर्जी खातों की पहचान करने में आवश्यक है।

मस्क का यह भी कहना था कि ब्लू टिक के जरिये यूजर्स से जुटाए जाने वाला मासिक भुगतान कंपनी को मंच पर कंटेंट बनाने वाले क्रिएटर्स को प्रेरित करने के लिए राजस्व का एक स्रोत भी देगा। हालांकि, इस निर्णय की कई उपयोगकर्ताओं ने आलोचना की थी और नाराजगी जताई थी।

ज्ञात हो कि ट्विटर जानी-मानी हस्तियों के खातों को वेरीफाई करने के लिए ब्लू टिक बैज का इस्तेमाल करता है, ताकि आम लोगों को खातों की वैधता के बारे में पता चल सके।

ब्लू टिक के लिए शुल्क लेने का मस्क का निर्णय लेखक स्टीफन किंग समेत कई उपयोगकर्ताओं को रास नहीं आ रहा, जो लंबे समय से मंच पर है। स्टीफन के मंच पर लगभग 70 लाख ‘फॉलोवर्स’ हैं।

हालांकि, आलोचनाओं का जवाब देते हुए मस्क ने कहा कि भले ही उन्हें पूरा दिन कोसें, लेकिन आठ डॉलर तो देने ही होंगे।

उल्लेखनीय है कि मस्क ने अधिग्रहण के बाद ‘फ्री स्पीच’ के वादे तो किए हैं लेकिन यूजर्स के साथ-साथ बड़े विज्ञापनदाता भी इसे लेकर आशंकित हैं।

इसी दौरान, जनरल मोटर्स कंपनी, ऑडी और जनरल मिल्स इंक जैसे कई ब्रांड्स ने बताया है कि उन्होंने सोशल मीडिया मंच की नई दिशा के बारे में जानकारी की प्रतीक्षा करते हुए उन्होंने ट्विटर पर विज्ञापन देना बंद कर दिया है।

मास्क ने फरमाया- कर्मचारियों की छंटनी के सिवाय कोई विकल्प नहीं

इस बीच शनिवार को भारत समेत दुनियाभर में ट्विटर के कर्मचारियों की छंटनी के बीच एलन मस्क ने अपने कदम को सही ठहराते हुए कहा है कि कंपनी के हर दिन लाखों डॉलर का नुकसान झेलने की स्थिति में उनके पास छंटनी के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा था।

साभार: द वायर (संपादित)

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