गुजरात व महाराष्ट्र के आदिवासी उतरे सड़क पर, बांध बनाने के विरोध में किया प्रदर्शन
सात बांधों के निर्माण से लगभग 7,500 हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो जाएगी। करीब 50,000 लोग सीधे प्रभावित होंगे। इससे डांग, ...
सात बांधों के निर्माण से लगभग 7,500 हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो जाएगी। करीब 50,000 लोग सीधे प्रभावित होंगे। इससे डांग, ...
युद्ध तत्काल बंद कर शांति बहाली, फंसे हजारों भारतीय छात्रों की तत्काल सुरक्षित वापसी आदि माँग के साथ साम्राज्यवादी युद्ध ...
चाहे सफाई कार्य हो या निर्माण, या फिर नियुक्तियां, निजी एजेंसियों के जरिए ही कराए जा रहे हैं। स्थाई नियुक्तियों ...
पीएम मोदी के वाराणसी दौरे से ठीक पहले एमआरआई, अल्ट्रासाउंड से लेकर एक्सरे, सोनोग्राफी तक सभी जांचों के दाम में ...
पीएम चुनाव में व्यस्त हैं। विदेश मंत्रालय ने बेशर्मी से ट्वीट किया, ‘अत्यंत दुख के साथ हम पुष्टि करते हैं ...
आज उद्योगों में ठेका, कैजुअल, ट्रेनी, अपरेंटिस, नीम ट्रेनी, एफटीई (नियत अवधी के मज़दूर) आदि अस्थाई मज़दूरों की विभिन्न श्रेणियाँ ...
एक दिन के सांसदों-विधायकों के लिए पेंशन लागू है। बलिदान देने वाले जवानों की पेंशन छीन ली गई है। उधर ...
आज जहाँ यूनियन का 11 वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है, वहीं संघर्ष के उन साथियों में से एक ...
एफसीआई एग्जीक्यूटिव स्टाफ यूनियन की राष्ट्रीय समिति के आह्वान पर कर्मचारियों ने एकदिवसीय धरना दिया, साथ ही बड़े आंदोलन की ...
प्लांट में सैकड़ों श्रमिक कार्यरत है। सोमवार सुबह श्रमिक ड्यूटी पर पहुंचे तो गेट बंद होने का नोटिस चस्पा मिला। ...
आज जहां मज़दूर वर्ग पर ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं। वहीं मेहनतकश आबादी की खबरें मुख्य मीडिया से गायब हैं। दरअसल, उस पर सत्ता संरक्षण में पूँजीपति वर्ग का कब्जा है, जो मेहनतकश आवाम का शोषण कर रही है। ऐसे में मज़दूरों को अपना वैकल्पिक मीडिया खड़ा करना बेहद जरूरी है। देश में मज़दूरों की वैकल्पिक मीडिया खड़ी हुई है या हो रही। उसी प्रक्रिया के एक हिस्से के तौर पर मेहनतकश वेबसाइट आपके बीच सक्रिय है, जो पूरी मेहनतकश आवाम की है। यहाँ मेहनतकश की हर खबर बिना किसी रोक-टोक के प्रकाशित होती है। जहाँ मेहनतकश ही रिपोर्टर है, पत्रकार है। इसलिए आइए www.mehnatkash.in को मजबूत और सशक्त बनाएं! मेहनतकश वर्ग के संघर्ष को मजबूत करने में योगदान अपना योगदान दें। |