निजीकरण के विरोध में 16 दिसम्बर से बैंकों में होगी दो दिवसीय हड़ताल

सरकार ने संसद के शीत सत्र में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक लाने व पारित कराने की तैयारी में है। जिसके विरोध में अधिकारी-कर्मचारी एकजुट हैं।

देश की दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ नौ बैंक संगठनों के महासंघ ‘युनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 16 दिसंबर से दो दिनी हड़ताल का आह्वान किया है। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने फरवरी में पेश केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि दो सरकारी बैंकों (PSBs) का निजीकरण किया जाएगा। सरकार अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत यह निजीकरण करने जा रही है। केंद्र सरकार 2019 में आईडीबीआई बैंक का पहले ही निजीकरण कर चुकी है। उसने इस बैंक में अपनी बहुमत की हिस्सेदारी एलआईसी को बेच दी है। बीते चार सालों में 14 सरकारी बैंकों का विलय भी किया जा चुका है। 

चालू सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक की तैयारी

सरकार ने संसद के चालू शीत सत्र में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक लाने और उसे पारित कराने की तैयारी की है। संसद की कार्यसूची में यह शामिल है। 

आईबीए को हड़ताल का नोटिस दिया

अखिल भारतीय बैेंक कर्मचारी एसोसिएशन  (AIBEA) के महासचिव सीएच वेंकटाचलम ने एक बयान में कहा कि बैंक कर्मचारी यूनियनों के महासंघ यूएफबीयू ने इसके विरोध का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यूएफबीयू ने आईबीए को 16 व 17 दिसंबर की हड़ताल का नोटिस दे दिया है। वेंकटाचलम ने कहा है कि भारत जैसे विकासशील देशों में बैंकों में बड़े पैमाने पर जनता की बचत जमा होती है। इसका इस्तेमाल व्यापक आर्थिक विकास में होना चाहिए। सरकारी बैंकें सामाजिक सोच वाली होती है, इसलिए इसलिए विकास के लिए ये सर्वथा उपयुक्त हैं। 

यूएफबीयू के सदस्यों में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी), राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी परिसंघ (एनसीबीई), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) और बैंक कर्मचारी परिसंघ (बीईएफआई) शामिल हैं। इंडियन नेशनल बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन (INBEF), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (INBOC), नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (NOBO)। 

अमर उजाला से साभार

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