श्रम कानूनों में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन

श्रम कानूनों में मज़दूर विरोधी बदलाव के खिलाफ विभिन्न श्रमिक संगठनों व् ट्रेड यूनियनों का जंतर मन्तर पर संयुक्त धरना

दिल्ली 3 दिसम्बर 2019,केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश श्रम सम्बन्ध नियमावली(इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड बिल) एवम वेतन नियमावली(वेज कोड) के मज़दूर विरोधी प्रावधानों के खिलाफ दिल्ली एन.सी.आर. के विभिन्न ट्रेड यूंनियनों व श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से जंतर मन्तर पर धरना दिया और इसके खिलाफ ज्ञापन प्रेषित किया।

इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि इंडस्ट्रियल कोड बिल में फिक्स टर्म एम्प्लॉयमेंट (ऍफ़ टी ई) को सपृष्ट तरीके से रखा गया जिसके फलस्वरूप सभी निश्चित अवधि के लिए नियोजित (फिक्स टर्म) मज़दूरों को श्रम कानूनों के तहत हासिल अधिकारों एवं सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा।श्रम के लचीलेपन की आड़ में मज़दूरों के अधिकारों को छीना जा रहा है।अपने 100 दिन के कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार ने जो सिक्योरिटी और स्वास्थ्य कोड बिल पास किया वह मज़दूरों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। सरकारी घाटे को पूरा करने के लिये सार्वजनिक उद्यमों का विनिवेश किया जा रहा है। इन नीतियों के खिलाफ सुरक्षा आयुद्ध, रेलवे, भारत पेट्रोलियम लिमिटेड, बी.एस.एन.एल. इत्यादि के मज़दूरों और तेलंगाना के रोडवेज कर्मचारियों ने शानदार संघर्ष की प्रशंसा की। सभी वक्ताओं ने हर स्तर पर इन मज़दूर विरोधी नीतियों का पुरजोर संघर्ष करने का संकल्प व्यक्त किया।

धरने में इंडियन फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड यूनियन,इंक़लाबी मज़दूर केंद्र,संग्रामी मज़दूर यूनियन,इंडियन कौंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियन,नेशनल ट्रेड यूनियन इनिशिएटिव, बिगुल मज़दूर दस्ता,इंक़लाबी मज़दूर संगठन,मज़दूर एकता केंद्र ,क्रांतिकारी नौजवान सभा के कार्यकर्ता एवम मारुती मज़दूर शामिल थे।

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