अमेरिका की अर्थव्यवस्था भी संकट में

चीन से चल रहे ट्रेड वाॅर के कारण व्यापार में संकट गहराया

नई दिल्ली। ट्रंप प्रशासन द्वारा चीन से 112 अरब डॉलर के वार्षिक आयात पर 15 प्रतिशत शुल्क लगाने से अमेरिका में कपड़े, जूते, खेल सामान और कुछ उपभोक्ता सामान महंगे होना तय है। इस शुल्क बढ़ोत्तरी के बाद अमेरिका में चीन से आयातित लगभग दो तिहाई उपभोक्ता सामान अब महंगा हो जाएगा। पहले अमेरिका ने चीनी माल पर आयात शुल्क बढ़ाते वक्त उपभोक्ता सामानों को छोड़ दिया था।


बढ़ोतरी के बाद अमेरिका में खुदरा सामान की कीमतें बढ़ने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को झटका लगने का खतरा है। कई अमेरिकी कंपनियों ने सरकार को आगाह किया है कि उन्हें यह बढ़ी लागत ग्राहकों से वसूलने पर मजबूर होना पड़ेगा और उन्हें चीन से आयातित सामान महंगा खरीदना पड़ेगा। शुल्क बढ़ोतरी के बाद से चीन से आयातित कपड़ों पर शुल्क 87 प्रतिशत और जूतों पर 52 प्रतिशत हो गया है।


वहीं, अमेरिका से चल रही ट्रेड वॉर के बीच चीन के विनिर्माण क्षेत्र में मांग घटी है। दो सर्वेक्षणों में यह तथ्य उजागर हुआ है। कारोबार पत्रिका काइजिन का कहना है कि नए ऑर्डरों की तादाद इस साल के सबसे निचले स्तर पर है। वहीं, एक औद्योगिक समूह द्वारा शनिवार को जारी हुए सर्वे में भी मांग में गिरावट की बात कही गई है।


अमेरिका में टैरिफ में हुई बढ़ोतरी के चलते चीनी निर्यातकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चीन के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है और उसे होने वाला निर्यात इस साल जुलाई में 6.5 फीसदी के स्तर पर आ गया। रविवार को दोनों देशों ने एक-दूसरे के माल पर अतिरिक्त टैरिफ बढ़ाकर ट्रेड वॉर को और गहरा कर दिया।

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