जोरदार जुलूस, श्रमभवन पर प्रदर्शन; लुकास टीवीएस मज़दूरों को न्याय दो, एएलसी दुर्व्यवहार बंद करो!

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रुद्रपुर (उत्तराखंड)। लुकास टीवीएस मज़दूरों को न्याय देने और एएलसी द्वारा श्रमिकों से न्याय-उचित व्यवहार करने के लिए 12 जुलाई को श्रमिक संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में सैकड़ों मज़दूरों ने सिड़कुल नेस्ले चौक से श्रम भवन तक जुलूस निकाला और श्रम भवन पर प्रदर्शन के साथ सहायक श्रमायुक्त महोदय को ज्ञापन दिया।

मोर्चा ने कहा कि आज हमारा यह प्रतीकात्मक प्रदर्शन है। श्रम अधिकारी महोदय श्रमिक समस्याओं का त्वरित समाधान नहीं करेंगे, पीड़ित श्रमिकों की कार्यबहाली सहित समस्त मांगों का समाधान नहीं करवाएंगे और मालिकों का पक्षकार बनने की जगह क़ानूनी व निष्पक्ष व्यवहार नहीं करेंगे तो बड़ा आंदोलन होगा।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि लुकास टीवीएस मजदूर संघ के श्रमिक साथी विगत लंबे समय से संघर्षरत हैं और हक के लिए विगत 144 दिनों से गांधी पार्क रूद्रपुर में धरनारत हैं। लेकिन इतने लंबे समय के बावजूद लुकास टीवीएस मजदूरों को न्याय नहीं मिल पा रहा है, श्रम अधिकारी अपने ही करवाए गए समझौते का अनुपालन नहीं करवा रहे हैं, माँगपत्र लंबित है और प्रबंधन की ज़्यादतियाँ बेलगाम हैं। लुकास प्रबंधन ने मनमाने और गैर कानूनी तरीके से एक के बाद एक लुकास मजदूरों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं और श्रम विभाग इसे नजरअंदाज कर रहा है।

वक्ताओं ने कहा कि यह लंबे समय से देखने में आ रहा है की श्रम अधिकारी, मानवीय तैर-तरीका तो दूर, कानूनी मानदंडों को भी ताख पर रखकर कार्यवाहियां कर रहे हैं। समझौता कराने की जगह मामले को श्रम न्यायालय संदर्भित करना, संरक्षित कर्मकार के मामले गैर कानूनी रूप से आईआर कार्रवाई में चलाना, पंजीकृत यूनियन के पदाधिकारी को वार्ता में बैठने से रोकने, वार्ताओं के मिनट्स पर हस्ताक्षर करने से रोकना आदि सारी क्रियाएं अविधिक और बेहद आक्रोश पैदा करने वाली हैं।

मोर्चा की मांग-

  1. लुकास टीवीएस के समस्त निलंबित और बर्खास्त श्रमिको की कार्यबहाली, अविधिक वेतन कटौती का भुगतान, 19/04/22 के हुए समझौते का अनुपालन सहित मांग पत्र पर समझौता संपन्न कराया जाए।
  2. यह ध्यान रहे कि संरक्षित कर्मकार का मुद्दा आईआर कार्रवाई का हिस्सा नहीं बन सकता, श्रमिक पक्ष की रजामंदी के बगैर मामले श्रम न्यायालय नहीं भेजे जा सकते, यूनियन के अधिकृत प्रतिनिधि संराधन/आईआर वार्ताओं के भागीदार बनने और हस्ताक्षर करने के अधिकारी हैं आदि। इसलिए श्रम अधिकारी प्रबंधन के प्रतिनिधि की तरह श्रमिक मामलों को उलझाने की जगह निष्पक्ष कार्यवाही संचालित कर समाधान करवाएं, ताकि पीड़ित समस्त श्रमिकों को न्याय मिले।

श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी व महासचिव चंद्र मोहन लखेड़ा के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में भारतीय मज़दूर संघ के जिला अध्यक्ष गणेश मेहरा व मंत्री दीपेन्द्र भट्ट, मज़दूर सहयोग केन्द्र के मुकुल, इंक़लाबी मज़दूर केन्द्र के दिनेश चंद्र, ऐक्टू से ललित मटियाली शामिल रहे।

इस दौरान लुकास टीवीएस मजदूर संघ, नील मेटल कामगार संगठन, पारले मजदूर संघ पंतनगर, यज़ाकी वर्कर्स यूनियन, बजाज मोटर्स कर्मकार यूनियन, मंत्री मेटल मजदूर संघ, राकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ, आरएमएल एम्पलाइज यूनियन, नेस्ले कर्मचारी संगठन, करोलिया लाइटिंग इम्पालाइज यूनियन, सीआईई इंडिया श्रमिक संगठन, टाटा ऑटोकॉम मजदूर संघ, डॉल्फिन मजदूर संघ, ज़ाइडस कॉन्ट्रैक्ट यूनियन सितारगंज, एडियंट कर्मकार यूनियन, ऑटो लाइन इंप्लाइज यूनियन, एडविक कर्मचारी संगठन, इंटरार्क मजदूर संगठन, डेना इंडिया श्रमिक संघ, ब्रिटानिया श्रमिक संघ, ब्रिटानिया कर्मकार यूनियन, सीएनजी टैंपो यूनियन के अध्यक्ष सुब्रत विश्वास आदि यूनियनों के नेतृत्व में सैकड़ों मज़दूर शामिल रहे।

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