संयुक्त किसान मोर्चा की ट्रेड यूनियनों के साथ संयुक्त बैठक
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ द्वारा सिंघू बॉर्डर पर आयोजित बैठक में मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) सहित कई ट्रेड यूनियनों व प्रगतिशील संगठनों ने भाग लिया। बैठक में शहीदों की याद में 18-23 मार्च किसान-मजदूर पदयात्राएं, 26 मार्च को भारत बंद, 6 अप्रैल को कर्नाटक के गांवों से इकट्ठा की जा रही मिट्टी से सिंघु बॉर्डर पर शहीद स्मारक बनाने की योजना बनी।
बैठक में केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों व मासा के घटक संगठनो सहित संगठित और असंगठित क्षेत्रों की ट्रेड यूनियनों, व्यापारियों और आड़तिया संघों, किसान यूनियनों, ट्रांसपोर्टर संघों, शिक्षक संघों, युवाओं और छात्र संघों और अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। सभी ने इस आंदोलन को तेज करने में लोगों को जोड़ने और दिल्ली के आसपास के धरना स्थलों में शामिल होने में हरसंभव सहयोग की अपील की।

18-23 मार्च किसान पदयात्राएं
‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि शहीदों की याद में किसान-मजदूर पदयात्राएं 18 से 23 मार्च तक आयोजित की जाएंगी। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीद दिवस के उपलक्ष्य में हरियाणा, यूपी व पंजाब से किसान मजदूर पदयात्राओं के आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं।
एक पदयात्रा 18 मार्च को लाल सड़क हांसी, हिसार हरियाणा से शुरू होकर 23 मार्च को टीकरी बार्डर पहूंचेगी। दूसरी पंजाब के खटकड़ कलां से शुरू हो कर पानीपत आएगी और हरियाणा के जत्थे से मिलकर पैदल 23 मार्च को सिंघू बार्डर पहूंचेगी। तीसरी मथुरा से शुरू होकर पलवल पड़ाव पर पहुंचेगी।
26 मार्च भारत बंद
बैठक में 26 मार्च को भारत बंद कार्यक्रम को सफल बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई।
कर्नाटक की मिट्टी से बनेगा शहीद स्मारक
कर्नाटक में 400 किलोमीटर की पदयात्रा तय मार्ग के साथ गांवों में भारी भागीदारी के साथ आगे बढ़ रही है। 23 मार्च को बेलारी में यात्रा पूरी करने के बाद, 6 अप्रैल को कर्नाटक के गांवों की इकट्ठा की जा रही मिट्टी को सिंघु बॉर्डर पर लाया जाएगा। यहां आंदोलन के शहीदों के लिए स्मारक बनाने की योजना बनाई जा रही है।
‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने संज्ञान में लिया कि धरना स्थलों के आसपास अधिक बैरिकेडिंग की जा रही है। मोर्चे ने कहा कि हम दिल्ली पुलिस के इस गैरकानूनी और तर्कहीन कार्य की निंदा करते है। एसकेएम मांग करता है कि पुलिस आंतरिक सड़कों सहित ऐसे बैरिकेडिंग को हटाए ताकि स्थानीय लोगों के जीवन को आसान रखा जा सके और उनकी आजीविका की रक्षा की जा सके।
गाजीपुर बार्डर पर लाठी सेना गठित
असामाजिक तत्वों के द्वारा आंदोलन स्थल पर पहुंच कर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश को देखते हुए बुधवार को भाकियू के एनसीआर कैंप कार्यालय पर एक बैठक में आंदोलन स्थल की निगरानी और सुरक्षा के लिए 200 किसानों की लाठी सेना का गठन किया गया।
इस बीच मोदी सरकार के जनविरोधी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा आंदोलन 17 मार्च को 112वें दिन भी जारी रहा।