बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति ने जताया विरोध
विरोध : बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि आमजन की मूलभूत आवश्यकताएं है, सरकार इन पर बड़े पूँजीपतियों को मुनाफा कमाने की छूट नहीं दे सकती।
गोगामेड़ी (राजस्थान), 5 अगस्त। जिला स्तरीय वृक्षारोपण कार्यक्रम में गोगामेड़ी आए हनुमानगढ़ जिला के कलेक्टर नथमल सिंह डिडेल के समक्ष बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति ने विरोध प्रदर्शन कर बिजली बिलों में हो रही मनमानी लूट को रोकने की माँग की व मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा। स्थायी शुल्क,विद्युत शुल्क व अन्य राशि के रूप में हो रही मनमानी वसूली बंद करने की भी मांग उठाई।

समिति का कहना है कि कोरोना के दौर में जहाँ लोग बेरोजगारी और आर्थिक तंगी से परेशान हैं व लॉकडाउन के चलते लोगों के काम-धंधे, दुकानदारी आदि चौपट हो गए उसके बावजूद भी राजस्थान सरकार व बिजली कंपनियां आम उपभोक्ताओं से हजारों रुपए के नाजायज बिल वसूल रही है।
बिजली कंपनियों ने स्थाई शुल्क दोगुना करने का प्रस्ताव राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के सामने रखा है जिसका संघर्ष समिति ने पुरजोर विरोध किया। संघर्ष समिति के सदस्य ने कहा की बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि आमजन की मूलभूत आवश्यकताएं है, सरकार इन पर बड़े पूँजीपतियों को मुनाफा कमाने की छूट नहीं दे सकती।
संघर्ष समिति ने मांग रखी है कि कोरोना काल के बकाया बिजली बिल माफ किए जाएं, स्थाई शुल्क, विद्युत शुल्क, अन्य राशि आदि के नाम पर होने वाली वसूली तुरंत बंद की जाए, राजस्थान में प्रत्येक परिवार को हर महीने 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए, घटिया और तेज चलने वाले बिजली मीटर तुरंत हटाए जाएं, बिजली विभाग का निजीकरण बंद किया जाए, बिजली अधिनियम 2020 को खारिज किया जाए।
समिति ने कहा कि अगर उनकी मांगों को सुना नहीं जाएगा तो आने वाले समय में पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।