होंडा मानेसर: यूनियन प्रधान सहित 6 यूनियन नेता सस्पेंड

होंडा प्रबंधन विशेष सूचना जारी कर मजदूर एकता को तोड़ने के लिए चला नया दाँव

होंडा मानेसर में 4 नवंबर से अवैध छंटनी को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच प्रबंधन ने आज 19 वें दिन यूनियन के प्रधान सुरेश गौड़ सहित 3 यूनियन नेताओं सहित 6 मज़दूरों को निलंबित कर दिया है। निलंबित श्रमिकों के नाम है यूनियन प्रधान सुरेश गौड़ महासचिव रमेश प्रधान, पंकज अहीर, राकेश शर्मा, चंद्रशेखर और शफी।

इसके अलावा प्रबंधन ने 25 नवंबर से प्लांट में उत्पादन शुरू करने का निर्देश जारी किया है जिसके लिए सभी कर्मचारियों को 25 नवंबर से अलग-अलग एम्पलाई कोड के हिसाब से प्लांट में काम पर लौटने का आदेश जारी किया है।

कंपनी द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट रूप से लिखा है कि सभी कर्मचारियों को गैर कानूनी हड़ताल समाप्त करते हुए 25 नवंबर से काम पर वापस लौटना होगा। प्लांट के अंदर उन्हें किसी भी लाइन में काम करने के लिए लगाया जा सकता है और प्लांट में आने से पहले कर्मचारियों को गुड कंडक्ट फॉर्म भरना जरूरी होगा।

गुड कंडक्ट फार्म है खतरनाक

22 नवम्बर की यह सूचना कंपनी के सभी स्टाफ एसोसिएट्स के लिए है जिसमें कथित रूप से 25 नवंबर 2019 से कंपनी खोलने की बात की गई है। इसके तहत 25 से 28 नवंबर के बीच प्रतिदिन किस्तों में 11:30 बजे स्टॉफ़ एसोसिएट को बुलाया गया है और उनके ऊपर गुड वर्क कंडक्ट अंडरटेकिंग भरने की बाध्यता लगाई गई है।

इस कथित गुड वर्क एंड कंडक्ट अंडरटेकिंग में कई तरीके की शर्तें लगाई गई हैं, जिसमें कंपनी परिसर के अंदर स्मार्ट कैमरा फोन लाने पर रोक, स्थाई आदेशों और दीर्घकालिक समझौते का पालन करने आदि के साथ इसके उल्लंघन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का अधिकार प्रबंधन को देने की बात है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण है।

उक्त कथित विशेष सूचना में ठेका श्रमिकों द्वारा कंपनी के भीतर और बाहर गैरकानूनी हड़ताल व धरना प्रदर्शन की बात की गई है, स्थाई श्रमिकों द्वारा ठेका श्रमिकों के समर्थन देने की बात की गई है, निर्धारित उत्पादन न करने की बात की गई है और इस कारण प्लांट में उत्पादन सस्पेंड करने की मजबूरी बताई गई है।

निश्चित ही यह प्रबंधन का एक और दाँव है। इसके द्वारा प्रबंधन एक तरफ ठेका व स्थाई श्रमिकों की इस शानदार एकता को तोड़ने का प्रयास कर रहा है, तो दूसरी ओर स्थाई श्रमिकों को गुड कंडक्ट के बहाने कई तरीके की बंदिशे भी थोपना चाह रहा है।

स्थाई मज़दूरों को किस्तों में बुलाना, वह भी बगैर किसी शिफ्ट के 11.30 बजे दिन में बुलाना भी कोई साजिश लगा रही है।

इसमें यह भी साफ तौर पर लिखा है कि प्रबंधन द्वारा दी गई नई सारिणी व समयानुसार जो मजदूर ड्यूटी ज्वाइन नहीं करेगा, गुड वर्क कंडक्ट अंडरटेकिंग नहीं भरेगा व प्रबंधन के निर्देशों का पालन नहीं करेगा उसे गैरहाजिर माना जाएगा।

ज्ञात हो कि पिछले 4 नवंबर से करीब अट्ठारह सौ स्थाई कर्मचारी और 2000 ठेका श्रमिक अपने 300 से ज्यादा ठेका श्रमिकों की अवैध छंटनी के खिलाफ संघर्षरत है और प्लांट के सामने एक पार्क में धरने पर बैठे हैं। कल होंडा मजदूरों ने आईएमटी मानेसर से गुड़गांव डीसी ऑफिस तक रैली निकालकर अपना विरोध प्रदर्शन जताया था।

इस आंदोलन ने अब धीरे-धीरे एक व्यापक रूप ले लिया है। पूरे इलाके के ठेका व स्थाई मजदूर इस आंदोलन के इर्द-गिर्द जुटने लगे हैं। इससे पूरे गुडगांव बावल धारूहेड़ा क्षेत्र में देशी-विदेशी मालिकों में खलबली मच गई है। मालिक वर्ग किसी न किसी तरीके से ठेका मजदूरों के इस शानदार आंदोलन और ठेका-स्थाई एकता को तोड़ने के लिए नए तरीके के ताने-बाने को बुनने लगे हैं।