अन्यायपूर्ण कार्रवाई के दौरान परिसर में बनी लाइब्रेरी का सारा सामान निकालकर बाहर स्थित गांधी प्रतिमा के आगे डाल दिया गया। पढ़ाई करने पहुंचे बच्चे भारी पुलिस फोर्स देखकर सहम गए।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में गांधी जी की विरासत ‘सर्व सेवा संघ’ परिसर को खाली करा लिया गया। मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने परिसर में रह रहे लोगों का सामान घरों से निकालना शुरू किया तो अफरा-तफरी फैल गई। इस बीच पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के साथ उनकी तीखी नोकझोंक हुई।
प्रशासन की टीम के साथ कई थानों का बल भी भवन को खाली कराने पहुंचा था, जिसके साथ बुलडोजर और नगर निगम की गाड़ियां थीं।
प्रशासनिक कर्रवाई के दौरान कुछ लोग धरने पर बैठ गए और नारेबाज़ी व प्रदर्शन करने लगे। उधर पुलिस ने 62 दिनों से आंदोलन कर रहे गांधी-विनोबा के समर्थक कई सत्याग्रहियों को हिरासत में ले लिया और उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में सर्व सेवा संघ की याचिका खारिज होने के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया। माना जा रहा है कि वाराणसी जिला प्रशासन गांधी, विनोबा और जयप्रकाश की विरासत को ज़मींदोज कर सकता है।

सर्व सेवा संघ परिसर सुबह छह बजे बना पुलिस छावनी
राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर शनिवार सुबह करीब छह बजे पुलिस छावनी में बदल गया। सैकड़ों पुलिस कर्मियों को साथ लेकर पहुंचे प्रशासनिक अफसरों ने परिसर में रहने वाले लोगों को आवास खाली करने की चेतावनी दी। अचानक पुलिस के पहुंचने से वहां अफरा-तफरी फैल गई।
सत्याग्रह कर रहे गांधीवादियों का कहना था कि वो बुलडोज़र के आगे लेट जाएंगे, लेकिन गांधी और जेपी की विरासत नहीं ढहने देंगे। विरोध के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारेबाजी की गई और कार्रवाई को गांधी के विचारों की हत्या करार दिया गया।
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भवन में रहने वालों को परिसर खाली करने और बाहर आने की चेतावनी देने के बाद कार्यकर्ताओं ने प्रशासन का विरोध शुरू कर दिया और गेट पर धरना प्रदर्शन करते हुए आक्रोश जताया।
काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस के सैकड़ों जवानों के साथ आए नगर निगम के कर्मचारियों ने परिसर में रह रहे लोगों के घरों से सामान निकालना शुरू कर दिया। विरोध के मद्देनज़र पुलिस अफसरों ने बनारस के 12 थानों की फोर्स को मौके पर तैनात किया है। पुलिस ने मुख्य गेट को पूरी तरह लॉक कर दिया है। बाहरी लोगों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। मीडिया पर भी पाबंदी लगाई गई।
कई पदाधिकारी हिरासत में
नगर निगम और अग्निशमन विभाग की टीमें भी मौके पर पहुंची हुई हैं। आपा-धापी के बीच कई लोग अपने घरों का सामान निकालते दिखे। इससे पहले पुलिस की कार्रवाई से नाराज़ सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन पाल, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, गांधीवादी नेता ईश्वरचंद, अनोखे लाल, एक्टिविस्ट नंदलाल मास्टर, राजेंद्र प्रसाद, राजेश मिश्रा, संजीव सिंह आदि को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले जाया गया।
पढ़ने आए बच्चे सहम गए
शनिवार सुबह इलाके के बच्चे पढ़ाई करने पहुंचे तो भारी पुलिस फोर्स देखकर कुछ सहम गए। वो किसी तरह से अंदर पहुंचे और पढ़ाई करने के बजाय बालवाड़ी का सामान निकालना शुरू कर दिया। बच्चों की किताबें, कॉपियां, स्कूल बैग और स्टेशनरी का सामान जहां-तहा बिखरा पड़ा था। पुलिस ने सिर्फ बालवाड़ी केंद्र ही नहीं, विनोबा कुटी को भी अपने क़ब्ज़े में ले लिया।
पुस्तकें गांधी जी के प्रतिमा के आगे डाली गईं
सर्व सेवा संघ ने पिछले 70 सालों में करीब 1500 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन किया है। इन पुस्तकों को पुलिस ने नहीं निकालने दिया। सर्व सेवा संघ की बहुत सारी किताबें और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ अभी तक कमरों में पड़े हुए हैं।
कार्रवाई के दौरान परिसर में बनी लाइब्रेरी का सारा सामान निकालकर बाहर स्थित गांधी प्रतिमा के आगे डाल दिया गया।
संघ ने जारी की अपील, विरोध का आह्वान
संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने पुलिस आयुक्तालय से एक संदेश जारी करते हुए कहा है, ‘आपको सर्व सेवा संघ, वाराणसी परिसर में गांधी-विनोबा-जयप्रकाश विरासत की ताजा स्थिति पता होगी. मामला (अदालत में) लंबित होने के बावजूद भी सैकड़ों की संख्या में आए पुलिस और रेलवे बलों ने बलपूर्वक परिसर पर अवैध कब्जा कर लिया. चंदन पाल, रामधीरज, अरविंद अंजुम समेत कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।’
उन्होंने लोगों से समर्थन और एकजुटता दिखाने की अपील करते हुए रविवार (23 जुलाई) को इस कार्रवाई का विरोध करने का आह्वान करते हुए कहा है कि गांधी-विनोबा-जेपी के अनुयायी और लोकतंत्र के प्रेमी और भारतीय संविधान का सम्मान करने वाले लोगों से अनुरोध है कि वे अपने-अपने तरीके से, लेकिन शांतिपूर्ण, अपने-अपने स्थानों पर विरोध प्रदर्शन करें।