सरकार के संशोधित प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा में बनी सहमति, कल हो सकती है ऐतिहासिक घोषणा

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एसकेएम ने भारत सरकार से संशोधित मसौदा प्रस्ताव प्राप्त करने की पुष्टि की है। अब, सरकार के लेटरहेड पर औपचारिक पत्र की प्रतीक्षा है। कल दोपहर 12 बजे पुनः बैठक होगी।

जनविरोधी कृषि व अन्य क़ानूनों के खिलाफ दिल्ली की सभी सीमाओं पर 377 दिनों से जारी ऐतिहासिक किसान आंदोलन मुकम्मल जीत की दहलीज पर पहुँच गया है। काले तीन कृषि क़ानूनों की वापसी की पहली ऐतिहासिक जीत के साथ अब बाकी मुद्दों पर भी सहमति बनती दिख रही है।

एसकेएम के प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के तहत अन्य 6 मुद्दों पर कल मंगलवार को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने 5 सूत्रीय प्रस्ताव भेजा था। एसकेएम ने लंबी बैठक करके सरकार के प्रस्तावों पर स्पष्टीकरण माँगा था, जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने आज बुधवार को संशोधित मसौदा प्रस्ताव भेजा।

आज संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें सभी बिंदुओं पर गहन चर्चा के बाद एसकेएम ने भारत सरकार के संशोधित प्रस्ताव पर सहमति जताई। कल गुरुवार की दोपहर 12 बजे फिर से बैठक होगी। जिसमें ऐतिहासिक फैसला हो सकता है।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में एसकेएम ने लखीमपुर खीरी प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को भी रखा था, लेकिन इसपर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। अब एसकेएम की कल की बैठक व घोषणा पर बहुत कुछ निर्भर करता है।

https://mehnatkash.in/2021/12/07/skm-meeting-sought-clarification-on-the-written-proposal-of-the-government-decision-will-be-taken-in-meeting-again-tomorrow/

संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस बुलेटिन (377वां दिन, 8 दिसंबर 2021)

संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत सरकार से एक संशोधित मसौदा प्रस्ताव प्राप्त करने की पुष्टि की है और प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए एसकेएम के भीतर एक आम सहमति बन गई है। अब, सरकार के लेटरहेड पर हस्ताक्षर किए गए औपचारिक पत्र की प्रतीक्षा है।

एसकेएम कल दोपहर बारह बजे सिंघू मोर्चा पर फिर से बैठक करेगा और उसके बाद मोर्चों को हटाने के लिए औपचारिक फैसला करेगा।

जारीकर्ता – बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव।

https://mehnatkash.in/2021/11/28/the-struggle-is-on-farmer-vs-bjp-government/

केंद्र सरकार का संशोधित प्रस्ताव

  • एमएसपी कमेटी में केंद्र सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि होंगे। कमेटी 3 महीने के भीतर रिपोर्ट देगी। जो किसानों को एमएसपी किस तरह मिले, यह सुनिश्चित करेगी। वर्तमान में जो राज्य जिस फसल पर एमएसपी पर जितनी खरीद कर रही है, वह जारी रहेगी।
  • सभी केस तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएंगे। यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकार ने इसके लिए सहमति दे दी है।
  • केंद्र सरकार, रेलवे और अन्य केंद्रशासित प्रदेशों की तरफ से दर्ज केस भी तत्काल वापस लिए जाएंगे। राज्यों को केंद्र सरकार भी अपील करेगी।
  • हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने पंजाब की तरह मुआवजा देने पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
  • बिजली बिल पर किसानों पर असर डालने वाले प्रावधानों पर संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी। उससे पहले इसे संसद में पेश नहीं किया जाएगा।
  • पराली के मुद्दे पर केंद्र सरकार के कानून की धारा 15 में जुर्माने के प्रावधान से किसान मुक्त होंगे।