रेलवे निजीकरण की ओर : अब रेलवे वैगन रिपेयर शॉप में निजी कंपनी; कर्मचारियों में रोष

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ट्रांसपोर्ट, मशीन शॉप, बोगी शॉप, एयर ब्रेक, फिटिंग, स्टोर, कैंटीन आदि में जहां केवल रेलवे के नियमित कर्मचारी काम करते थे, वहां निजी कंपनी के ठेका कर्मचारियों को लगाया जा रहा है।

रायपुर. रेलवे के वैगन रिपेयर शॉप को निजीकरण अपने दायरे में लेता जा रहा है। कारखाना के अंदर हर सेक्शन में निजी कंपनी के कर्मचारियों को काम पर लगाने जाने को लेकर रेलवे के कर्मचारियों में हड़कंप है। डब्ल्यूआरएस के वैगन रिपेयर शॉप में मालगाड़ी के डिब्बों की मरम्मत होती है, जहां अनेक ट्रेडों में 2200 रेल कर्मचारी हैं। वहीं 600 से अधिक कर्मचारी निजी कंपनी के हैं।

रेलवे प्रबंधन अनेक सेक्शन में उन कर्मचारियों को लगाया जा रहा है, जिसका विरोध शुरू हो गया है। रेलवे के कर्मचारियों की यह चिंता सता रही है कि देर-सबेर कारखाने का अधिकांश हिस्सा निजी हाथों में चले जाएगा।

रेलवे वैगन रिपेयर शॉप में निजी कंपनी के बढ़ते दायरे को देखते हुए कर्मचारियों ने बताया कि पहले रेलवे कैंटीन को रेल कर्मचारी चला रहे थे, जिसका ठेका दे दिया गया। ट्रांसपोर्ट सेक्शन, मशीन शॉप, बोगी शॉप, एयर ब्रेक सेक्शन, फिटिंग सेक्शन, स्टोर सेक्शन जहां केवल रेलवे के नियमित कर्मचारी काम करते थे, वहां निजी कंपनी के ठेका कर्मचारियों को लगाया जा रहा है। इस वजह से आने वाले दिनों में इन सेक्शनों में नई भर्तियां नहीं होने का खतरा बढ़ गया है।

सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत पांच बिंदुओं पर वैगन रिपेयर शॉप के जनसूचना अधिकारी से सत्यापित जानकारी मांगी गई कि रेलवे बोर्ड द्वारा किस वर्ष ठेकेदारी पर काम कराने का आदेश जारी हुआ। दूसरा, भारत सरकार द्वारा निगमीकरण करने का था, परंतु रेलवे निजीकरण कर रहा है। तीसरा, रेलवे कारखाना नियम के तहत 10वीं पास और संबंधित ट्रेड में आईटीआई अनिवार्य है। ठेका मजदूरों की योग्यता और पुलिस वेरिफिकेशन की सत्यापित प्रतिलिपि और ठेका मजदूरों को कितनी मजदूरी देने का प्रावधान है। इस मामले में रेलवे जनसूचना अधिकारी दयानंद साहू ने लिखित जवाब दिया है कि वांछित जानकारी वैगन रिपेयर शॉप कार्यालय में नहीं है। न ही ठेका मजदूरों की योग्यता के संबंध में जानकारी उपलब्ध है।

वैगन रिपेयर शॉप में 500 से अधिक ठेका कर्मचारी कार्य करते हैं, लेकिन इस संबंध में एमएस गणेश प्रसाद सिंग गारमेंट अप्रूव्ड कांट्रेक्टर बिलासपुर के अधीन 46 ठेका कर्मियों और कोलकाता की ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड के अधीन वाले कर्मियों में से 53 ठेका कर्मचारियों के पुलिस वेरिफिकेशन कराए जाने की जानकारी दी गई है।

रेलवे बोर्ड के आदेशानुसार निजी कंपनियों के कर्मचारियों से काम कराया जा रहा है। नियमित पदों को समाप्त करने जैसी कोई बात नहीं है। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने में आवेदक को गुमराह नहीं किया गया है।

पत्रिका से साभार