14 सूत्रीय मांगों के साथ कर्मचारी-अधिकारी जुलाई में हड़ताल पर थे, सरकार ने एक माह का समय माँगा। महीना गुज़रने के बाद भी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे आक्रोश व्याप्त है।
उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर उत्तराखंड ऊर्जा निगम कर्मियों का 14 सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिनी पेन डाउन, टूल डाउन आंदोलन मंगलवार से जारी है। विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 10 कर्मचारी संगठन आंदोलन में शामिल हैं। कर्मचारी उत्तराखंड सरकार की वायदाखिलाफी से आक्रोशित हैं।
इस दौरान कर्मचारियों ने जगह-जगह गेट मीटिग की और 23 सितंबर से प्रतिदिन अलग-अलग विद्युत मुख्यालयों पर सत्याग्रह का एलान किया है।
इस कामबंदी के दौरान 21 से 23 तक कर्मचारी न तो दफ्तरों में पेन का प्रयोग करेंगे और न ही कोई टूल उठाएंगे। नेताओं का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को जल्द न मानी, तो कर्मचारी 6 अक्टूबर से हड़ताल पर रहेंगे।

दरअसल ऊर्जाकर्मी लम्बे समय से अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर समय-समय पर आंदोलन करते रहे हैं। इससे पहले कर्मचारी 26 जुलाई को भी हड़ताल पर गये थे, लेकिन सरकार के साथ बातचीत के बाद मिले आश्वासनों के चलते कर्मचारियों ने सरकार को एक महीने का समय दिया था।
महीना गुज़रने के बाद भी कर्मचारियों की मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो कर्मचारियों ने एक बार फिर नाराज़गी दिखाई है। अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर एक बार फिर वे आन्दोलन कर रहे हैं।
मोर्चा नेताओं ने कहा कि विद्युत कर्मी 14 सूत्रीय मांगो को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। कहा कि 21 से 23 सितंबर तक टूल एंड पेन डाउन आंदोलन चल रहा है।

कर्मचारी 23 सितंबर को उत्तराखंड जल विद्युत निगम मुख्यालय (यूजेवीएन), 24 सितंबर को उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) व 25 सितंबर को पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन आफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) मुख्यालय पर सत्याग्रह करेंगे। जिसमें परिचालन पाली में कार्यरत कर्मचारियों को छोड़कर अन्य सभी शामिल होंगे।
कर्मचारियों ने कहा कि तीनों निगमों में सातवें वेतन आयोग के अनुसार कार्मिको को अनुमन्य विभिन्न भत्तों का रिवीजन अभी तक नहीं हुआ है, इस विषय में तत्काल कार्यवाही हो। कहा कि तीनों ऊर्जा निगमों में उपाकालि, यूजेवीएनएल, पिटकुल का एकीकरण किया जाए। वर्तमान तक नियुक्त सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए, ऊर्जा के तीन निगमों में उपनल के माध्यम से कार्यरत संविदा कार्मिकों को नियमित किया जाए।