उदारीकरण की जनविरोधी नीतियाँ लागू होने के साथ भ्रष्टाचार भी तेजी से बढ़ता गया, राजीव गांधी शासन में जर्मन पनडुब्बी, बोफोर्स दलाली से मोदी राज में बैंक घोटाले, राफेल दलाली तक यह विकराल होता गया है…
उदारीकारण यानी मेहनतकश जनता की बर्बादी के तीन दशक -छठी किस्त
श्रम की लूट और भ्रष्टाचार का चोली-दामन का साथ है
जैसे-जैसे उदारीकारण-निजीकरण-वैश्वीकरण की नीतियाँ थोपने का क्रम तेज होता गया, भ्रष्टाचार भी उतना ही बेलगाम होता गया। छोटे-से छोटा काम भी बगैर ‘भेंट’ चढ़ाए अब असंभव हो चुका है। वैसे भी पूँजीवादी प्रणाली में जायज लूट (श्रम की लूट) और दो नंबर की लूट (घूसखोरी, उगाही, घोटाले आदि) का चोली-दामन का साथ है।
इसीलिए उदारीकरण की जनविरोधी नीतियाँ लागू होने के साथ भ्रष्टाचार भी तेजी से बढ़ता गया, राजीव गांधी शासन में जर्मन पनडुब्बी, बोफोर्स दलाली से लेकर हवाला, शेयर घोटाला, संचार घोटाला, यूरिया घोटाला, चारा घोटाला, ताबूत घोटाला, मानी लाँड़रिंग, 2जी स्पेक्ट्रम, कोयला घोटालों से मोदी युग में बैंक घोटाले, राफेल दलाली तक यह विकराल होता गया है।
1980 के दशक से अबतक के कुछ प्रमुख घोटालों की बानगी…
★ अंतुले ट्रस्ट सीमेंट घोटाले (1981) महाराष्ट्र ★ जर्मनी की पनडुब्बी बनाने वाली कंपनी एचडीडब्ल्यूए 20 करोड़ रुपए दलाली (1987) ★ स्वीडन की बोफोर्स कंपनी से 155 तोपें खरीदने के लिए 64 करोड़ रुपए की दलाली (1987) ★ सेंट किट्स मामला वीपी सिंह पर अवैध पैसा लेने का मामला (1989) ★ लक्खू भाई पाठक द्वारा नरसिंहराव और चंद्रा स्वामी पर 10 लाख रुपए की रिश्वत लेने का मामला ★ हवाला घोटाला – (देश से बाहर धन भेजने से जुड़े मामले) जैन डायरी; जिसमे वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी, जाया जेटली सहित सभी राजनीतिक चुनावी पार्टियों के नेता फंसे थे (1991) ★ हर्षद मेहता शेयर घोटाला (5000 करोड़ रुपए का बैंक धोखाधड़ी) (1992) ★ इंडियन बैंक घोटाला 13000 करोड़ रुपए (1992) ★ झारखंड मुक्ति मोर्चा सांसद खरीद मामला (1993) ★ 650 करोड़ रुपए का चीनी घोटाला (1994) ★ जूता घोटाला (1995) ★ 1.6 करोड़ रुपए का टेलीकॉम स्कैम – तत्कालीन दूरसंचार मंत्री सुखराम गए जेल (1996) ★ 133 करोड़ रुपए का यूरिया घोटाला (1996) ★ 360 करोड़ रुपए चारा घोटाला बिहार (1996) ★ तहलका के स्टिंग ऑपरेशन में रक्षा समझौते में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण का रिश्वत कांड उजागर, जिसमे तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज और भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल सुशील कुमार का नाम भी सामने आया था। ★ कारगिल युद्ध शहीदों के लिए ताबूत खरीद घोटाला (1999.2000) ★ 20 हजार करोड़ रुपए का तेलगी स्टांप पेपर घोटाला (2002) ★ हसन अली पर 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी का मामला ★ 48 हजार करोड़ रुपए का यूटीआई घोटाला ★ 175 करोड़ रुपए के ताज कॉरिडोर घोटाले में फंसीं उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ★ 4 हजार करोड़ रुपए मनीलांडरिंग में झारखंड के मुख्यमंत्री मधु कोड़ा जेल गए ★ आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण फंसे ★ शेयर दलाल केतन पारेख द्वारा 1 हजार करोड़ रुपए का घोटाला (2002) ★ 1200 से 1500 करोड़ रुपए का आईपीएल घोटाला – जिसमे आईपीएल प्रमुख ललित मोदी फंसा, चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर प्रतिबंध भी लगा था। ★ 1.76 लाख करोड़ रुपए का 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला (2008) इस घोटाला में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह और संचार मंत्री ए. राजा फंसे, 2014 चुनाव का प्रमुख मुद्दा बनाए लेकिन मोदी सरकार में पैरवी व साक्ष्य के आभाव में सभी बरी। ★ 14 हजार करोड़ रुपए का सत्यम घोटाला (2009) ★ झारखंड के मुख्यमंत्री मधू कोडा मानी लाँड़रिंग (2009) ★ 70 हजार करोड़ रुपए का कॉमनवेल्थ घोटाल (2010) ★ 24 हजार करोड़ रुपए का सहारा हाउसिंग बॉन्ड घोटाला (2010) ★ करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये का कोयला घोटाला (2012) ★ 1.52 लाख करोड़ रुपए का वक्फ बोर्ड जमीन घोटाला (2012) ★ 10 हजार करोड़ रुपये रुपए का शारदा चिटफंड घोटाला (2013) ★ 5600 करोड़ रुपए का जिगनेश शाह एनएसईएल घोटाला (2013)
भ्रष्टाचार खत्म करने के रथ पर सवार होकर 2014 में मोदी सरकार बनी! लेकिन घोटाले और बेलगाम हुए…
★ मोदी सरकार में अब तक करीब 74 हजार करोड़ रुपये के बैंक घोटाले;
★ विभिन्न बैंकों के 9000 करोड़ रुपए के लोन डिफॉल्ट मामले में विजय माल्या भगोड़ा;
★ देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड 11.300 करोड़ रुपए का पीएनबी घोटाला करके नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चौकसी फरार;
★ रोटोमैक पेन कंपनी मालिक विक्रम कोठारी ने सरकारी बैंकों को 3.695 करोड़ रुपए की चपत लगाई;
★ राफेल विमान खरीद घोटाला – तीन गुना अधिक कीमत देकर राफेल विमान का सौदा हुआ, 1500 करोड़ में एक राफेल विमान, सरकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को हटाकर अनिल अम्बानी के नए रिलायंस डिफेंस कंपनी को इस डील का साझीदार बना दिया;
★ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह की स्वामित्व वाली कंपनी टेंपल एंटरप्राइज़ प्राइवेट लिमिटेड का सालाना टर्नओवर 16 हजार गुना बढ़ गया;
★ उत्तरप्रदेश का आईटीआई छात्रवृत्ति घोटाला (2020); तिरुपति कंस्ट्रक्शन कंपनी का आईटीआई निर्माण घोटाला (2021)
★ पीएम केयर्स फ़ंड और वेंटिलेटर खरीद हेराफेरी के आरोप सामने है।
★ कुछ अन्य विविध घोटाले.
पंकजा मुंडे (चिक्की घोटाला), खान आवंटन घोटाला (वसुंधरा), मप्र का व्यापम घोटाला (शिवराज सिंह चौहान), छत्तीसगढ़ का 36000 करोड का चावल घोटाला (रमण सिंह), पंजाब का 12000 करोड का गेहुं घोटाला, राजस्थान का माईंस घोटाला, मनुस्मृति का बुक्स घोटाला, गुजरात का जमीन घोटाला, हेमा मालिनी जमीन घोटाला, एलईडी बल्ब घोटाले, जमीन धोखाधड़ी में रॉबर्ट वाड्रा, भूपेंद्र हुड्डा की संलिप्तता और डीएलएफ, गुजरात में मोदी द्वारा 1 लाख 25 हजार करोड का हिसाब गायब आदि।
सट्टेबाजी बेलगाम
उदारीकारण की नीतियों के साथ ही सट्टेबाजी का कारोबार भी उसी गति से सरपट दौड़ता गया। यह एक ऐसा खेल है, जिसमें बगैर किसी प्रकार का उत्पादन किये दिनभर में अरबों-खरबों का वायरा-न्यारा हो जाता है। 1990 से पहले जिस सेंसेक्स को कोई जानता नहीं था, उसका उतार-चढ़ाव “समृद्धि” का सूचक बन गया। हालात ये हैं कि आज अरबपतियों-खरबपतियों की गणना इस अनुत्पादक पूँजी के आधार पर होती है।
इस दौर में सट्टा का यह धंधा धीरे-धीरे हर क्षेत्र, यहाँ तक कि खाने-पीने के सामानों में भी घुस चुका है। खेती-किसानी भी सट्टा कारोबार की भेंट चढ़ चुकी है। मध्य वर्ग ही नहीं आम मज़दूरों को भी इस नशे का इंजेक्शन लगाकर डुबोया जा रहा है।
क्रमशः जारी…
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