लंबित मुद्दों के समाधान हेतु सरकार से बातचीत के लिए एसकेएम की पाँच सदस्यीय समिति गठित

संयुक्त किसान मोर्चा की आज एक महत्वपूर्ण बैठक में भारत सरकार से औपचारिक और संतोषजनक प्रतिक्रिया प्राप्त न होने तक किसान आंदोलन को जारी रखने का निर्णय हुआ।
आज हुई एसकेएम की महत्वपूर्ण बैठक; अगली बैठक 7 दिसंबर को
संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन की लंबित मांगों और भारत सरकार से औपचारिक प्रतिक्रिया की कमी पर चर्चा के लिए आज 4 दिसंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक की। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि भारत सरकार से औपचारिक और संतोषजनक प्रतिक्रिया प्राप्त होने तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
जैसा कि ज्ञात है 19 नवंबर को 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन के तुरंत बाद, एसकेएम ने भारत के प्रधानमंत्री को 21 नवंबर को एक पत्र भेजा था। हालांकि भारत सरकार ने विरोध कर रहे किसानों द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों पर अनौपचारिक रूप से और अंशतः काम करना चुना है।
मौखिक आश्वासन पर यकीन नहीं
एसकेएम नेताओं ने आज बैठक के बाद कहा- “भारत के किसान संगठनों के पास अतीत से केवल मौखिक आश्वासन हासिल कर आंदोलन समाप्त करने का कड़वा अनुभव है, जब उन्होंने पाया कि सरकारें अपने मौखिक आश्वासनों से भी पीछे हट जाती हैं। हम प्रत्येक मुद्दे पर औपचारिक आश्वासन के बिना इस आंदोलन को समाप्त नहीं करेंगे। हम चाहते हैं कि इस आंदोलन के तहत किसानों और उनके समर्थकों के खिलाफ लगाए गए सभी मामलों को वापस लिया जाए और इस तरह का औपचारिक आश्वासन दिया जाए।”
पाँच सदस्ययी वार्ताकार समिति गठित
आज की बैठक में, एसकेएम ने लंबित मुद्दों को हल करने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत करने के लिए अशोक धवले, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, शिव कुमार कक्काजी और युद्धवीर सिंह की पांच सदस्यीय समिति का गठन किया।
छह माँगें हैं लंबित
ज्ञात हो कि किसानों की छह लंबित मांगें हैं – सभी किसानों को उनके द्वारा बेचे जाने वाले किसी भी कृषि उपज के लिए लाभकारी एमएसपी प्राप्त करने के लिए कानूनी अधिकार; विद्युत संशोधन विधेयक 2020/2021 को वापस लेना; दिल्ली वायु गुणवत्ता विनियमन आयोग के गठन से संबंधित कानून की धारा 15 को हटाना, और चल रहे संघर्ष में उत्पन्न हुए 3 मुद्दे – दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, सहित विभिन्न राज्यों में विरोध कर रहे किसानों और उनके समर्थकों पर लगाए गए मामलों को वापस लेना शामिल हैं।
आंदोलन के शहीदों, जिनकी संख्या अब लगभग 708 पहुँच गई है, के परिजनों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था, और उनके लिए एक स्मारक बनाने के लिए भूमि आवंटन और लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में न्याय के लिए अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी।
यह 5-सदस्यीय समिति साथ में राज्य स्तरीय टीमों पर भी निर्णय करेगी, जिन्हें उपरोक्त कुछ मुद्दों पर राज्य सरकारों के साथ काम करना पड़ सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एसकेएम की तरफ से आंदोलन के दौरान शहीद हुए 708 किसानों की सूची कृषि सचिव को सौंपी गई।
एसकेएम की अगली बैठक अब 7 दिसंबर को
एसकेएम की अगली बैठक अब 7 दिसंबर के लिए तय की गई है, जहाँ अगले दो दिन भारत सरकार को इस आंदोलन को उसके तार्किक निष्कर्ष पर ले जाने के लिए एसकेएम को जवाब देने और पांच सदस्यीय समिति के साथ काम करने के लिए दिया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस बुलेटिन (373वां दिन, 4 दिसंबर 2021)
जारीकर्ता – बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव।