पीएफ में धोखाधड़ी सहित शोषण के खिलाफ ग्रामीण सफाई कर्मचारी करेंगे आंदोलन

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8 महीनों से पीएफ जमा न होने, 7 महीनों का बकाया एरियर न मिलने, ईएसआइ कार्ड न बनने, कोई स्थाई भर्ती न होने, मामूली वेतन पर कच्चे कर्मचारी को खटाने से आक्रोश है।

बाढड़ा : रविवार को ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा की बाढड़ा कस्बे की अनाज मंडी में बैठक हुई। जिसमें सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों की मांगों को अनसुना करने पर रोष जताया गया। कर्मचारियों ने आगामी 14 से 16 जून तक बाढड़ा में खंड विकास पंचायत अधिकारी कार्यालय के समक्ष तीन दिन तक धरना देने व 13 जुलाई को जिला स्तरीय रोष प्रदर्शन का फैसला लिया। कर्मचारियों ने कहा कि यदि इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की तो आगामी 20 और 21 अगस्त को टोहाना में पंचायत मंत्री के आवास पर महापड़ाव डालेंगे। बाढड़ा कस्बे में श्रमिक नेता व खंड प्रधान सुरेश जेवली की अध्यक्षता में बैठक का संचालन खंड सचिव संजय जीतपुरा ने किया गया।

बैठक को संबोधित करते हुए सीटू जिला प्रधान राममेहर सिंह ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की साथ हर मामले में उपेक्षा की जा रही है। आठ महीनों से पीएफ का पैसा जमा नहीं किया जा रहा वहीं सात महीनों का बकाया एरियर नहीं दिया गया है। इएसआइ कार्ड भी नहीं बनाए गए हैं। भाजपा सरकार सफाई के काम के लिए आठ सालों में कोई भी स्थाई भर्ती नहीं कर रही है। कच्चे कर्मचारी रखकर उनको नाममात्र वेतन देकर शोषण किया जा रहा है। महंगाई से हर वर्ग का बुरा हाल है। कम वेतन में घर चलाना कठिन हो रहा है। इसके खिलाफ आगामी दिनों में सफाई कर्मचारियों को एकजुट होकर प्रदेश में बड़ा आंदोलन करना होगा। बेरोजगारी को बढ़ावा देने का आरोप

श्रमिक नेता व खंड प्रधान सुरेश जेवली ने कहा कि सरकार सफाई कर्मचारी की नौकरी को पार्ट टाइम, अनुबंधित ठेका प्रथा में बदल कर, सीवरमैन, सफाई कर्मचारी पद पर नियमित भर्ती बंद कर शोषण कर रही है। जिसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों, अर्ध सरकारी विभागों, निगम, बोर्ड, स्कूल, आइटीआइ, प्राइवेट संस्थानों, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों, नगर निगमों में कार्यरत व गांव में लगे ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के हालात दयनीय होते जा रहे हैं।

बैठक में मांग की गई कि सफाई कर्मचारियों के पद को डिमिनेशन काडर से बाहर किया जाए, पार्ट टाइम, अनुबंधित, ठेका प्रथा में, डोर टू डोर के कर्मचारियों, ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए, भविष्य में कच्ची भर्ती पर रोक लगे, पक्का होने तक 24 हजार रुपये वेतन मिले, निजी क्षेत्र में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों की अन्य मजदूरों की भांति दिहाड़ी निर्धारित हो, सफाई के कार्य को राष्ट्रीय श्रम घोषित किया जाए, सफाई कर्मचारियों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट या सामूहिक सुविधाओं सहित दो बीएचके फ्लैट दिए जाएं, सफाई कर्मचारियों के बच्चों को शिक्षा व नौकरियां में विशेष छूट दी जाए। 10वीं, 12वीं, स्नातक एवं डिप्लोमा धारक सफाई कर्मचारियों को दो वर्ष के बाद तृतीय श्रेणी के पदों पर पदोन्नति दी जाए। सफाई सेवा नियम लागू हों और वेतन निर्धारित किया जाए। ये रहे मौजूद

बैठक में ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के खंड सचिव संजय जीतपुरा, खंड प्रधान सुरेश जेवली, कोषाध्यक्ष मनफूल, सुमेर, सुभाष, अनिल, बाबूलाल, रोशनी लाड, शर्मिला काकड़ौली हट्ठी, मंदीप, संजय हुकमी, रामसिंह इत्यादि भी मौजूद रहे।

जागरण से साभार