करोड़ो मज़दूरों के पॉकेट पर डकैती, पीएफ पर 40 साल में सबसे कम ब्याज, जानिए कितना होगा नुकसान

0
0

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के 6 करोड़ कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। आइए जानें इसकी गणना और नुकसान के बारे में…

ईपीएफओ (EPFO) की तरफ से देश के लगभग 6 करोड़ कर्मचारियों बड़ा झटका लगा है। पीएफ की ब्याज दर को 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी (pf interest rates slashed from 8.5 to 8.1%) कर दिया गया है। यानी पीएफ ब्याज दरों में 0.40 फीसदी की कटौती की गई है। यह पिछले करीब 40 सालों की सबसे कम ब्याज दर है। 1977-78 में ईपीएफओ ने 8 फीसदी का ब्याज दिया था और उसके बाद 8.25 फीसदी या उससे अधिक रही। आइए जानते हैं पीएफ पर आपको मिलने वाले ब्याज पर कितना असर (PF Interest Calculation) पड़ेगा।

एक कर्मचारी की सैलरी पर 12 फीसदी की कटौती ईपीएफ खाते के लिए की जाती है। अगर बात नियोक्ता की करें तो उसकी तरफ से की गई कटौती का 8.33 फीसदी हिस्सा ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में जाता है, जबकि बचा हुआ 3.67 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में जाता है। वहीं कर्मचारी की तरफ से कटवाए गए पूरे 12 फीसदी ईपीएफ में जाते हैं। जब बात सैलरी की हो रही है तो 50 हजार रुपये की सैलरी को मानक मान लेते हैं। अगर नए वेज कोड को देखें तो उसके अनुसार कुल सैलरी का आधा हिस्सा बेसिक सैलरी (25 हजार) होता है। ऐसे में सैलरी पर कटने वाला पीएफ और उस पर मिलने वाले ब्याज की कैल्कुलेशन कुछ ऐसी होगी।

कर्मचारी की तरफ से ईपीएफ में योगदान (12%)- 3000 रुपये

कंपनी की तरफ से ईपीएफ में योगदान (3.67%)- 918 रुपये

कंपनी की तरफ से ईपीएस में योगदान (8.33%)- 2082 रुपये

यानी अगर आपकी बेसिक सैलरी 25 हजार रुपये है तो कंपनी और कर्मचारी दोनों का मिलाकर ईपीएफ में हर महीने कुल योगदान करीब 3918 रुपये होगा। वहीं आपको ईपीएस खाते में हर महीने 2082 रुपये जाएंगे।

अगर पहले के हिसाब से देखें तो 8.5 फीसदी सालाना की दर से आपको 3918 रुपये पर ब्याज मिलता था, जो 333.03 रुपये बनता है। यानी सालाना आपको 8.5 फीसदी की कंपाउंड ब्याज की दर से 1,875.61 रुपये का ब्याज मिलता था।

अब पीएफ ब्याज दर को घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया गया है। यानी आपको हर महीने 317.35 रुपये का ब्याज मिलेगा। इस तरह 8.1 फीसदी की कंपाउंडिंग दर से आपको सालाना 1,785.35 रुपये का ब्याज मिलेगा।

इस तरह आपको सालाना 90.26 रुपये (1,875.61-1,785.35) का नुकसान झेलना होगा।

ऊपर दी गई कैल्कुलेशन सिर्फ 1 साल की है। माना गया है कि 2021-22 के पहले महीने से किसी ने नौकरी शुरू की है तो आखिरी महीने तक उसे ईपीएफ ब्याज दर घटने से कितना नुकसान होगा। वहीं अगर बात कई सालों से नौकरी कर रहे हैं और आपके खाते में मोटी रकम जमा हो गई है तो आपको इस मामूली सी गिरावट का भी बहुत भारी नुकसान होगा। मान लेते हैं कि आपके खाते में अभी तक 10 लाख रुपये जमा हो गए हैं तो कैल्कुलेशन कुछ ऐसा होगा।

8.5 फीसदी की कंपाउंडिंग दर से साल के अंत में आपको 133,364 रुपये का ब्याज मिलता।

वहीं अब 8.1 फीसदी की कंपाउंडिंग दर से साल के अंत में आपको 128,959 रुपये का ब्याज मिलेगा।

इस तरह आपको 2021-22 में सिर्फ 0.40 फीसदी ब्याज दर घटाने से ही 4,405 रुपये का नुकसान होगा।