रेलवे निजीकरण : अब पूछ-ताछ काउंटर भी निजी हाथों में

0
0

आपदा में अवसर : मोदी सरकार जनता के खून-पसीने से खड़े सरकारी-सार्वजनिक संस्थानों को बेचने में सक्रिय

मोदी सरकार द्वारा किस्तों/टुकड़ों में रेलवे को निजी हाथों में सौपाने की गति तेज हो गई है। इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के मंडुवाडीह, सिटी समेत कुल 14 रेलवे स्टेशनों पर पूछताछ काउंटर की सुविधा अब निजी हाथों में दे दी गई है। एक जुलाई से प्रयागराज रामबाग का पूछताछ काउंटर पटना की निजी कंपनी संभालने लगी है। इसे लेकर कर्मचारियों में गहरा रोष है।

यूनियनों ने जताई नाराजगी

निजीकरण के इस फरमान पर कर्मचारी नेताओं ने गहरी नाराजगी जताई है। फैसले को वापस लेने की माँग करते हुए कहा है कि निजीकरण महामारी में मारे गये रेलकर्मियों के अपमान जैसा है।

पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के सहायक मंडल मंत्री सर्वेश कुमार पांडेय ने कहा कि ठेकेदारी प्रथा में रखे जाने वाले लोगों का भी शोषण होगा। ठेकेदार रेलवे से पूरे रुपये लेगा, कर्मचारियों के भुगतान में कटौती करेगा। कहा कि जवाबदेह वाली जगह पर बाहर के लोगों से ड्यूटी लेना कहीं से भी ठीक नहीं है। इससे व्यवस्था बिगड़ेगी।

एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के केंद्रीय अध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि एन्क्वायरी की आउटसोर्सिंग की जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है, यह रेल कर्मियों के साथ ही आम जनता के साथ भी धोखा है। कोरोना संकट काल में जिस तरह से रेल कर्मियों ने सेवा दी और 2000 से ज्यादा रेल कर्मियों ने प्राणों का बलिदान किया, उसे दरकिनार कर आउटसोर्सिंग को अपनाया जा रहा है।

https://mehnatkash.in/2021/06/04/privatization-of-stations-will-new-delhi-railway-station-also-belong-to-adani/

निजीकरण की प्रक्रिया तेज

दरअसल मोदी सरकार जनता के खून-पसीने से खड़े सरकारी-सार्वजनिक संस्थानों को बेचने के एजेंडे पर लगातार काम कर रही है। आपदा ने उसे और खुला मौका दे दिया। इधर मुनाफाखोर कंपनियों की निगाह सबसे बड़े महकमें रेलवे पर लगी है, जिसे जनाब मोदी टुकड़ों में निजीकरण के हवाले करते जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार रेलवे कोच व इंजन फैक्ट्रियों, माल गाड़ी व यात्री गाड़ियों का संचालन, स्टेशनों की साफ सफाई, रख-रखाव, खान-पान, टिकट बिक्री आदि रेलवे के तमाम काम निजी कंपनियों को दे चुकी है। यहाँ तक कि पूरा रेलवे स्टेशन भी अदानी-अंबानी के हवाले हो रहा है। कई काम आउटसोर्सिंग से हो रहा है।

प्रमुख रेलवे स्टेशनों प्रतीक्षालय के रखरखाव और सफाई की जिम्मेदारी निजी संस्था को सौंप दी गई है।  देश के 100 से भी ज्यादा रेलवे स्टेशनों की कमान निजी हाथों में सौंपने वाली है. इसी के तहत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के निजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

https://mehnatkash.in/2021/06/25/modi-raj-waiting-rooms-and-parks-of-railway-stations-are-also-in-private-hands/

आपदा के बहाने रेल संचालन मरमर्जी

मोदी सरकार ने एक सुनियोजित योजना के तहत आपदाकाल में रेलेगाड़ियों का संचालन बंद किया। जो चलीं, उन्हें अस्थाई रूप से व विशेष ट्रेन घोषित किया। जब मन जिस ट्रेन को चाहा चलाया, जब मर्जी बंद कर दिया। जनता को मानसिक तौर पर उलझकर परेशान आत्मा का जनमानस तैयार किया जा रहा है। इस बीच निजीकरण की गति तेज हो गई।