आईटीसी प्रबंधन द्वारा जातिगत भेदभाव पर श्रमिकों में रोष

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आईटीसी की तीन यूनियनों ने आन्दोलन की बनाई रणनीति

हरिद्वार (उत्तराखंड)। फूडस श्रमिक यूनियन के महामंत्री के साथ आईटीसी प्रबंधन द्वारा जातिगत भेदभाव के ख़िलाफ़ आईटीसी हरिद्वार की तीनों प्लांटों की तीन यूनियनों ने संयुक्त बैठक कर आक्रोश प्रकट किया। यूनियन नेताओं ने प्रबंधन से भेदभावपूर्ण रवैया बंद करने की माँग की। यूनियनों ने इसके ख़िलाफ़ व्यापक आन्दोलन के लिए रणनीति बनाई है।

13 दिसंबर को आईटीसी की तीन यूनियनों की कार्यकारिणी की मीटिंग हुई जिसमें फूडस श्रमिक यूनियन, आईटीसी मज़दूर यूनियन और कर्मचारी कल्याण यूनियन के पदाधिकारी उपस्थित रहे। मीटिंग का मुख्य मुद्दा फूडस श्रमिक यूनियन के महामंत्री के साथ आईटीसी प्रबंधन द्वारा जातिगत भेदभाव था। तीनों यूनियन के पदाधिकारियों ने इस पर दुख व रोष व्यक्त किया।

यूनियन नेताओं ने कहा कि आज जब पूरा भारत 21वीं सदी में प्रवेश कर चुका है, तब भी आईटीसी प्रबंधन द्वारा इस प्रकार का कुकृत्य किया जा रहा है। इसके लिए सभी यूनियनों की तरफ से हायर मैनेजमेंट से भी संपर्क  साधने की कोशिश भी की जा रही है। एक पत्र एसएसपी को भी भेजा गया है तथा जल्द ही थाने में भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

ज्ञात हो कि आईटीसी फूड्स डिविजन में दो यूनियने पंजीकृत है, जिसमें से एक यूनियन को प्रबंधन द्वारा नोटिस बोर्ड कार्यालय तथा कार्य मुक्त रखा गया है, वहीं दूसरी यूनियन के पदाधिकारियों को उनकी यूनियन के कामों को करने के लिए कोई भी स्थान मुहैया नहीं कराया गया है। जबकि फूड्स श्रमिक यूनियन के साथ अत्यधिक मात्रा में मजदूर जुड़े हुए हैं। इस पर सवाल पूछने पर प्रबंधन ने डराया और धमकाया।

फूड्स श्रमिक यूनियन के महामंत्री जब  अपने यूनियन संबन्धी काम को ट्रेनिंग हॉल में बैठकर कर रहे थे तो उन्हें पहले दिन धमकाया गया तथा दूसरे दिन कंपनी परिसर में सभी जगहों पर – जैसे ट्रेनिंग हॉल चेंज रूम या अन्य ऑफिस जो इस समय खाली है – उन सभी कार्यालयों पर एचआर मैनेजर द्वारा ताला लगाया। जब बृजेश कुमार दूसरे दिन ड्यूटी पर पहुंचे तो उनको फर्श पर बैठकर काम करने के लिए मजबूर किया गया, जो कि सरासर अन्यायपूर्ण है।

फूड्स श्रमिक यूनियन का मानना है कि उनकी यूनियन में दलित पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य ज्यादा है, इसलिए मैनेजमेंट यह जातिगत भेदभाव कर रहा है। आईटीसी मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने कहा कि यदि प्रबंधन में भेदभाव पूर्ण व्यवहार बंद नहीं किया तो मज़दूर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसके लिए हरिद्वार के सामाजिक संगठनों एवं दलित संगठनों से संपर्क कर उनसे समर्थन लेकर व्यापक आंदोलन किया जाएगा।

आईटीसी कर्मचारी कल्याण यूनियन के अध्यक्ष राजेश ने कहा कि यदि कंपनी प्रबंधन नहीं मानता है तो सड़क से लेकर कंपनी तक आंदोलन करने के लिए मज़दूर बाध्य होंगे।

फूडस श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष गोविंद सिंह उछोली ने कहा कि प्रबंधन द्वारा यह व्यवहार न केवल अनैतिक है बल्कि एक अन्याय पूर्ण व्यवहार है। जब पूरा विश्व मानव अधिकार दिवस मना रहा था, ऐसे मौके पर एक मल्टीनेशनल कंपनी के प्रबंधन द्वारा इस प्रकार का कृत्य करना उस कंपनी को भी शर्मसार करता है।

संयुक्त बैठक में इस आंदोलन के लिए रणनीति बनाई गई है तथा मज़दूर आर या पार की स्थिति में है। मज़दूर नेताओं ने कृत संकल्पित होकर कहा है कि अब न्याय लेकर ही दम लेंगे ।